1. (ग) शरीर में ददोरे पड़ जाने पर- एलर्जी के लिए डॉक्टर से सपंर्क करेंगे।

    (ग) शरीर में ददोरे पड़ जाने पर- एलर्जी के लिए डॉक्टर से सपंर्क करेंगे।

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  2. (ख) एड्स में शरीर की प्रतिरक्षात्मक व्यवस्था कमजोर होने लगती है।

    (ख) एड्स में शरीर की प्रतिरक्षात्मक व्यवस्था कमजोर होने लगती है।

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  3. (क) शरीर कुछ प्रोटीन ग्रहण नहीं कर पाता (सही) (ख) एलर्जी हर किसी को एक जैसी होती है (गलत) (ग) शरीर में कुछ विद्रोही कोशिकाएँ भी पैदा हो जाती हैं (सही) (घ) रोगों से लड़ने के लिए शरीर की प्रतिरक्षात्मक व्यवस्था पर भरोसा करना चाहिए (गलत)

    (क) शरीर कुछ प्रोटीन ग्रहण नहीं कर पाता (सही)
    (ख) एलर्जी हर किसी को एक जैसी होती है (गलत)
    (ग) शरीर में कुछ विद्रोही कोशिकाएँ भी पैदा हो जाती हैं (सही)
    (घ) रोगों से लड़ने के लिए शरीर की प्रतिरक्षात्मक व्यवस्था पर भरोसा करना चाहिए (गलत)

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  4. (क) इस कविता में कवि ने वार्तालाप शैली का प्रयोग किया है।

    (क) इस कविता में कवि ने वार्तालाप शैली का प्रयोग किया है।

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  5. ‘इसे जगाओ’ कविता को पढ़ते हुए आपने अनुभव किया होगा कि इसमें आम बोलचाल की भाषा का प्रयोग किया गया है। अन्य कविताओं से तुलना करने पर हम पाते हैं कि भवानीप्रसाद मिश्र कविता में चमत्कार पैदा करने के लिए अप्रचलित या संस्कृतनिष्ठ शब्दों का प्रयोग नहीं करते। प्रचलित शब्दों और मुहावरों के प्रयोग से ही वे बडRead more

    ‘इसे जगाओ’ कविता को पढ़ते हुए आपने अनुभव किया होगा कि इसमें आम बोलचाल की भाषा का प्रयोग किया गया है। अन्य कविताओं से तुलना करने पर हम पाते हैं कि भवानीप्रसाद मिश्र कविता में चमत्कार पैदा करने के लिए अप्रचलित या संस्कृतनिष्ठ शब्दों का प्रयोग नहीं करते। प्रचलित शब्दों और मुहावरों के प्रयोग से ही वे बड़ी से बड़ी बात कह देते हैं।
    जिस तरह आम आदमी बोलता है, उस तरह की भाषा में उच्च कोटि की कविता करना अत्यंत कठिन काम है। भवानीप्रसाद मिश्र ने इस चुनौती को स्वीकार किया और वे निरंतर आम बोलचाल की भाषा में ही जनता की संवेदनाओं और भावों को व्यक्त करते रहे। वे भाषा की सादगी के समर्थ कवि हैं।

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