अख़बार के विभिन्न अंग निम्नलिखित हैं: समाचार: राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय समाचार। संपादकीय: संपादक द्वारा लिखे गए लेख और विचार। विज्ञापन: व्यावसायिक, सामाजिक और व्यक्तिगत विज्ञापन। आनंद व ज्ञानवर्धन: फीचर लेख, खेल, साहित्य, कार्टून, और अन्य रुचिकर सामग्री। समाचार: समाचार अख़बारोंRead more
अख़बार के विभिन्न अंग निम्नलिखित हैं:
समाचार: राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय समाचार।
संपादकीय: संपादक द्वारा लिखे गए लेख और विचार।
विज्ञापन: व्यावसायिक, सामाजिक और व्यक्तिगत विज्ञापन।
आनंद व ज्ञानवर्धन: फीचर लेख, खेल, साहित्य, कार्टून, और अन्य रुचिकर सामग्री।
समाचार:
समाचार अख़बारों का प्रमुख अंग होता है। वस्तुतः वही घटना समाचार बनती है जिसका स्थानीय, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय दृष्टि से महत्त्व होता है। उसके बाद हर अख़बार अपनी प्राथमिकता के आधाार पर समाचारों के पृष्ठों का बँटवारा करता है। पहले पृष्ठ पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्त्व के समाचार छपते हैं। दूसरेऔर तीसरे पृष्ठों पर स्थानीय समाचारों को स्थान दिया जाता है। इसी प्रकार, अंतिम पृष्ठों पर क्रमशः अंतरराष्ट्रीय समाचारों, अर्थ अथवा व्यापार-जगत् के समाचारों और खेल-संबंधी समाचारों को स्थान दिया जाता है। बीच का एक पृष्ठ संपादकीय और पाठकों के पत्रों के लिए होता है। फिर इन्हीं पष्ठों पर बीच-बीच में विज्ञापनों को भी स्थान दिया जाता है। इस प्रकार, हर अख़बार में उसके आकार और पृष्ठों की संख्या के अनुसार ही अलग-अलग क्षेत्रों के समाचारों को प्रकाशित करने के लिए स्थान निर्धाारित होता है। ऐसे में किसी भी अख़बार के लिए हर घटना को स्थान दे पाना संभव नहीं होता। इसलिए, हर क्षेत्र की प्रमुख और महत्त्वपूर्ण घटनाओं के समाचार ही अख़बारों में प्रकाशित हो पाते हैं।
समाचार स्रोत: यह समाचार का एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण अंग है। इससे समाचार की प्रामाणिकता का पता चलता है। इसमें समाचार का ब्यौरा देने से पहले यह बताया जाता है कि समाचार कहाँ से प्राप्त हुआ और किस माधयम से प्राप्त हुआ। अख़बार पढ़ते समय आपने धयान दिया होगा कि एजेंसियों के बाद शहर का नाम लिखा होता है। यदि ‘Read more
समाचार स्रोत:
यह समाचार का एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण अंग है। इससे समाचार की प्रामाणिकता का पता चलता है। इसमें समाचार का ब्यौरा देने से पहले यह बताया जाता है कि समाचार कहाँ से प्राप्त हुआ और किस माधयम से प्राप्त हुआ। अख़बार पढ़ते समय आपने धयान दिया होगा कि एजेंसियों के बाद शहर का नाम लिखा होता है। यदि ‘नई दिल्ली’ लिखा है, तो इसका अर्थ यह है कि यह समाचार नई दिल्ली से लिया गया है या यह घटना नई दिल्ली में घटी है। उसके बाद घटना की तिथि दी जाती है। आपने धयान दिया होगा कि प्रायः अख़बारों में समाचारों की तिथि उस समाचारपत्रा की प्रकाशन-तिथि से एक दिन पूर्व की दी गई होती है। ऐसा इसलिए होता है कि अख़बार रात को छपते हैं और सुबह-सुबह आपके पास पहुँच जाते हैं। यानी ये
समाचार एक दिन पूर्व की रात तक के होते हैं। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि समाचार किसने प्राप्त किया, कहाँ से प्राप्त किया और कब प्राप्त किया, इनकी जानकारी को समाचार-स्रोत कहा जाता है।
संपादकीय और फीचर में अंतर परिभाषा: संपादकीय: यह अखबार के संपादक या संपादकीय टीम द्वारा लिखा गया एक लेख होता है, जो किसी सामयिक मुद्दे पर अखबार की आधिकारिक राय को व्यक्त करता है। फीचर: यह एक गहराई से लिखा गया लेख है, जो किसी विशेष विषय, घटना या व्यक्ति के बारे में जानकारीपूर्ण और रोचक ढंग से लिखा जातRead more
संपादकीय और फीचर में अंतर
परिभाषा:
संपादकीय: यह अखबार के संपादक या संपादकीय टीम द्वारा लिखा गया एक लेख होता है, जो किसी सामयिक मुद्दे पर अखबार की आधिकारिक राय को व्यक्त करता है।
फीचर: यह एक गहराई से लिखा गया लेख है, जो किसी विशेष विषय, घटना या व्यक्ति के बारे में जानकारीपूर्ण और रोचक ढंग से लिखा जाता है।
उद्देश्य:
संपादकीय: पाठकों को किसी मुद्दे पर संपादक का दृष्टिकोण और विश्लेषण प्रस्तुत करना।
फीचर: पाठकों को जानकारी देना, मनोरंजन करना या किसी विषय को विस्तार से समझाना।
लेखन शैली:
संपादकीय: औपचारिक, तार्किक और विश्लेषणात्मक।
फीचर: शैली अधिक रचनात्मक, वर्णनात्मक और कभी-कभी भावनात्मक हो सकती है।
दृष्टिकोण:
संपादकीय: यह विचारात्मक और तर्क आधारित होता है, जिसमें किसी मुद्दे पर पक्ष या विपक्ष लिया जा सकता है।
फीचर: यह मुख्यतः सूचनात्मक होता है और निष्पक्षता बनाए रखने की कोशिश करता है।
लंबाई और प्रस्तुति:
संपादकीय: आमतौर पर छोटा और सीधे विषय पर केंद्रित होता है।
फीचर: लंबा, विस्तारपूर्ण और विषय की गहराई में जाता है।
उदाहरण:
संपादकीय: “जलवायु परिवर्तन पर सरकार की नीतियां अपर्याप्त क्यों हैं?”
फीचर: “जलवायु परिवर्तन: कैसे बदल रही हैं हमारी जीवनशैली और पर्यावरण?”
निष्कर्ष:
संपादकीय जहां अखबार की राय को प्रस्तुत करता है, वहीं फीचर एक व्यापक दृष्टिकोण से विषय का गहराई से विश्लेषण करता है।
समाचारों के कई प्रकार होते हैं, जो विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किए जा सकते हैं। मुख्यतः समाचारों को निम्नलिखित प्रकारों में विभाजित किया जाता है: 1. घटना के आधार पर मुख्य समाचार: ये तात्कालिक और महत्वपूर्ण घटनाओं पर आधारित होते हैं, जिन्हें प्रमुखता से प्रस्तुत किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय समाचारRead more
समाचारों के कई प्रकार होते हैं, जो विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किए जा सकते हैं। मुख्यतः समाचारों को निम्नलिखित प्रकारों में विभाजित किया जाता है:
1. घटना के आधार पर
मुख्य समाचार: ये तात्कालिक और महत्वपूर्ण घटनाओं पर आधारित होते हैं, जिन्हें प्रमुखता से प्रस्तुत किया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय समाचार: विश्व स्तर पर घटित घटनाओं को शामिल करता है, जैसे अन्य देशों की राजनीति और सामाजिक मुद्दे।
राष्ट्रीय समाचार: अपने देश के भीतर की महत्वपूर्ण घटनाएँ, जैसे राजनीतिक, आर्थिक या सामाजिक मुद्दे।
प्रादेशिक समाचार: किसी विशेष राज्य या क्षेत्र से संबंधित घटनाएँ।
2. स्वरूप के आधार पर
सीधा समाचार: तथ्यात्मक और संक्षिप्त जानकारी प्रदान करता है।
व्याख्यात्मक समाचार: किसी घटना की गहन छानबीन करता है और उसके विभिन्न पहलुओं को उजागर करता है।
3. विशेष प्रकार
खेल समाचार: खेलों से संबंधित घटनाएँ और परिणाम।
विज्ञान समाचार: विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नई खोजें और विकास।
मौसम समाचार: मौसमी स्थिति और पूर्वानुमान।
इन विभिन्न प्रकारों के माध्यम से, समाचार पाठकों को व्यापक और विविध जानकारी प्रदान करते हैं।
समाचारों के चयन में मुख्य रूप से निम्नलिखित सावधानियाँ बरतनी पड़ती हैं: स्रोत की विश्वसनीयता: केवल विश्वसनीय और मान्यता प्राप्त समाचार स्रोतों से समाचार चुनें। अविश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त जानकारी अक्सर गलत या भ्रामक हो सकती है। तथ्यों की पुष्टि: समाचारों को साझा करने से पहले उनकी सत्यता की पुष्टिRead more
समाचारों के चयन में मुख्य रूप से निम्नलिखित सावधानियाँ बरतनी पड़ती हैं:
स्रोत की विश्वसनीयता: केवल विश्वसनीय और मान्यता प्राप्त समाचार स्रोतों से समाचार चुनें। अविश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त जानकारी अक्सर गलत या भ्रामक हो सकती है।
तथ्यों की पुष्टि: समाचारों को साझा करने से पहले उनकी सत्यता की पुष्टि करें। तथ्य-जांच (फैक्ट-चेकिंग) महत्वपूर्ण है।
पक्षपात और पूर्वाग्रह: समाचार में किसी भी प्रकार का पक्षपात या पूर्वाग्रह न हो। निष्पक्ष और संतुलित समाचार चुनें।
समाचार की ताजगी: समाचार की ताजगी और सामयिकता की जांच करें। पुरानी या अप्रासंगिक खबरों से बचें।
प्रसंग और संदर्भ: समाचार के प्रसंग और संदर्भ को समझें। किसी घटना का पूरा चित्रण और पृष्ठभूमि जानना महत्वपूर्ण है।
कंटेंट की गुणवत्ता: समाचार की भाषा, प्रस्तुति और स्पष्टता का मूल्यांकन करें। खराब लिखे या अस्पष्ट समाचारों से बचें।
बहुस्तरीय दृष्टिकोण: एक ही समाचार को विभिन्न स्रोतों से पढ़ें ताकि विभिन्न दृष्टिकोणों को समझा जा सके और समग्र जानकारी प्राप्त हो सके।
विज्ञापन के आवश्यक गुण निम्नलिखित हैं: स्पष्टता और संक्षिप्तता: विज्ञापन का संदेश स्पष्ट और संक्षिप्त होना चाहिए ताकि इसे आसानी से समझा जा सके। जटिल भाषा या अनावश्यक जानकारी से बचना चाहिए। आकर्षकता: विज्ञापन को आकर्षक और ध्यान खींचने वाला होना चाहिए। इसमें दिलचस्प और रचनात्मक तत्व शामिल होने चाहिए जRead more
विज्ञापन के आवश्यक गुण निम्नलिखित हैं:
स्पष्टता और संक्षिप्तता: विज्ञापन का संदेश स्पष्ट और संक्षिप्त होना चाहिए ताकि इसे आसानी से समझा जा सके। जटिल भाषा या अनावश्यक जानकारी से बचना चाहिए।
आकर्षकता: विज्ञापन को आकर्षक और ध्यान खींचने वाला होना चाहिए। इसमें दिलचस्प और रचनात्मक तत्व शामिल होने चाहिए जो दर्शकों को प्रभावित करें।
संपूर्णता: विज्ञापन में सभी आवश्यक जानकारी होनी चाहिए, जैसे उत्पाद का नाम, विशेषताएँ, लाभ, कीमत, और खरीदारी की प्रक्रिया।
सच्चाई और विश्वसनीयता: विज्ञापन में दी गई जानकारी सच्ची और विश्वसनीय होनी चाहिए। भ्रामक या झूठी जानकारी से बचना चाहिए, क्योंकि इससे ब्रांड की साख को नुकसान पहुँच सकता है।
प्रासंगिकता: विज्ञापन का संदेश लक्षित दर्शकों के लिए प्रासंगिक होना चाहिए। इसे उस जनसंख्या समूह की जरूरतों और इच्छाओं के अनुसार तैयार करना चाहिए।
यादगार और प्रभावशाली: विज्ञापन को ऐसा होना चाहिए कि वह दर्शकों के मन में छाप छोड़ सके। इसके लिए एक मजबूत और प्रभावी संदेश आवश्यक है।
कॉल टू एक्शन: विज्ञापन में स्पष्ट रूप से एक कॉल टू एक्शन होना चाहिए, जो दर्शकों को अगले कदम (जैसे, खरीदारी करना, वेबसाइट पर जाना, फोन करना) उठाने के लिए प्रेरित करे।
विविधता और अनुकूलन: विज्ञापन विभिन्न प्लेटफार्मों और माध्यमों के लिए अनुकूलित होना चाहिए, जैसे प्रिंट, डिजिटल, टीवी, रेडियो, आदि।
दृश्य और श्रव्य अपील: विज्ञापन में रंग, चित्र, ग्राफिक्स, संगीत और ध्वनि का प्रभावी उपयोग होना चाहिए ताकि यह दर्शकों के लिए आकर्षक और यादगार बने।
भावनात्मक जुड़ाव: विज्ञापन को भावनात्मक रूप से जोड़ने वाला होना चाहिए, जिससे दर्शकों के साथ एक व्यक्तिगत संबंध स्थापित हो सके।
कोविड-19 वैक्सीन की खोज: चुनौतियां और सफलताएं कोविड-19 महामारी ने वैश्विक स्तर पर जीवन के हर पहलू को प्रभावित किया है। इस महामारी ने न केवल स्वास्थ्य संकट खड़ा किया बल्कि आर्थिक, सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाला। महामारी की शुरुआत के कुछ महीनों बाद ही, वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्Read more
कोविड-19 वैक्सीन की खोज: चुनौतियां और सफलताएं
कोविड-19 महामारी ने वैश्विक स्तर पर जीवन के हर पहलू को प्रभावित किया है। इस महामारी ने न केवल स्वास्थ्य संकट खड़ा किया बल्कि आर्थिक, सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाला। महामारी की शुरुआत के कुछ महीनों बाद ही, वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने वैक्सीन की आवश्यकता को प्राथमिकता दी।
वैक्सीन की खोज का सफर
वैक्सीन विकसित करने की प्रक्रिया सामान्यतः वर्षों का समय लेती है, लेकिन कोविड-19 के मामले में इस प्रक्रिया को महीनों में पूरा किया गया। वैश्विक सहयोग और अत्याधुनिक तकनीक ने इस प्रक्रिया को संभव बनाया।
वैज्ञानिक चुनौतियां:
वायरस की संरचना: सार्स-कोव-2 वायरस की संरचना को समझना और इसके स्पाइक प्रोटीन को टारगेट करना प्रमुख चुनौतियों में से एक था।
क्लिनिकल ट्रायल्स: किसी भी वैक्सीन के लिए तीन चरणों के क्लिनिकल ट्रायल्स आवश्यक होते हैं, जिसमें हजारों वालंटियर्स पर परीक्षण किए जाते हैं।
प्रशासनिक चुनौतियां: रेगुलेटरी अप्रूवल: वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी प्राप्त करना, विभिन्न देशों में विभिन्न नियामक निकायों से स्वीकृति लेना एक जटिल प्रक्रिया थी।
वितरण और भंडारण: वैक्सीन की डोज़ को सही तापमान पर स्टोर करना और विश्व के हर कोने में इसे पहुंचाना भी एक बड़ी चुनौती रही।
सफलताएं और नवाचार
mRNA तकनीक: फाइजर और मॉडर्ना जैसी कंपनियों ने mRNA तकनीक का उपयोग करके वैक्सीन विकसित की। यह तकनीक परंपरागत वैक्सीन निर्माण की तुलना में अधिक तेज और प्रभावी साबित हुई।
वैश्विक सहयोग: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), गावी, और COVAX जैसी वैश्विक संस्थाओं ने वैक्सीन विकास और वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
तेजी से अप्रूवल: अनेक देशों ने वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी, जिससे तेजी से टीकाकरण संभव हो सका।
प्रभावशीलता: विभिन्न क्लिनिकल ट्रायल्स में वैक्सीन की उच्च प्रभावशीलता साबित हुई, जिससे महामारी पर नियंत्रण पाने में मदद मिली।
भारत का योगदान: भारत ने भी इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ का उत्पादन किया। इसके अलावा भारत बायोटेक ने ‘कोवैक्सिन’ विकसित की, जो पूरी तरह से स्वदेशी वैक्सीन है।
निष्कर्ष:
कोविड-19 वैक्सीन की खोज एक अभूतपूर्व वैज्ञानिक उपलब्धि है। इसने दिखाया कि जब विज्ञान, सरकारें और वैश्विक संस्थाएँ मिलकर काम करती हैं, तो असंभव सा दिखने वाला कार्य भी संभव हो सकता है। यह महामारी मानवता के लिए एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन इससे सीख लेते हुए हमने स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने और भविष्य के संकटों का सामना करने के लिए तैयार होने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
अखबार का प्रारूप प्रधान सम्पादक: [नाम] संवाददाता: [नाम] तारीख: xx जून 20xx मुख्य समाचार कोविड-19 वैक्सीन की खोज: चुनौतियां और सफलताएं कोविड-19 महामारी ने वैश्विक स्तर पर जीवन के हर पहलू को प्रभावित किया है। इस महामारी ने न केवल स्वास्थ्य संकट खड़ा किया बल्कि आर्थिक, सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भीRead more
अखबार का प्रारूप
प्रधान सम्पादक: [नाम]
संवाददाता: [नाम]
तारीख: xx जून 20xx
मुख्य समाचार
कोविड-19 वैक्सीन की खोज: चुनौतियां और सफलताएं
कोविड-19 महामारी ने वैश्विक स्तर पर जीवन के हर पहलू को प्रभावित किया है। इस महामारी ने न केवल स्वास्थ्य संकट खड़ा किया बल्कि आर्थिक, सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाला। महामारी की शुरुआत के कुछ महीनों बाद ही, वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने वैक्सीन की आवश्यकता को प्राथमिकता दी। (पूरा लेख पृष्ठ 3 पर)
राष्ट्रीय समाचार
भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत
नई दिल्ली: भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिख रहे हैं। सरकार द्वारा उठाए गए आर्थिक सुधार कदमों और वैक्सीन कार्यक्रम की सफलता के चलते जीडीपी में वृद्धि देखी जा रही है। (पूरा लेख पृष्ठ 5 पर)
अंतर्राष्ट्रीय समाचार
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार वार्ता फिर से शुरू
वाशिंगटन: अमेरिका और चीन के बीच व्यापार वार्ता फिर से शुरू हो गई है। दोनों देशों ने व्यापार समझौतों को लेकर सकारात्मक संकेत दिए हैं। (पूरा लेख पृष्ठ 7 पर)
व्यापार और अर्थव्यवस्था
शेयर बाजार में तेजी, सेंसेक्स ने बनाया नया रिकॉर्ड
मुंबई: भारतीय शेयर बाजार में आज तेजी देखी गई। सेंसेक्स ने नया रिकॉर्ड बनाया और निवेशकों में उत्साह देखा गया। (पूरा लेख पृष्ठ 9 पर)
मनोरंजन
नई फिल्म ‘सूर्यवंशी’ ने बॉक्स ऑफिस पर मचाया धमाल
मुंबई: रोहित शेट्टी द्वारा निर्देशित फिल्म ‘सूर्यवंशी’ ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त प्रदर्शन किया है। (पूरा लेख पृष्ठ 11 पर)
खेलकूद
आईपीएल 2024: कोलकत्ता नाइट रायडर ने जीता खिताब
मुंबई: आईपीएल 2024 के फाइनल में कोलकत्ता नाइट रायडर ने शानदार प्रदर्शन करते हुए खिताब अपने नाम किया। (पूरा लेख पृष्ठ 13 पर)
सम्पादकीय
स्वास्थ्य सेवा में सुधार की आवश्यकता
भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर चर्चा करते हुए, यह स्पष्ट है कि सुधार की सख्त आवश्यकता है। कोविड-19 महामारी ने हमारे स्वास्थ्य तंत्र की कमजोरियों को उजागर किया है। (पूरा लेख पृष्ठ 15 पर)
विज्ञापन
नई तकनीक: एप्पल ने लॉन्च किया नया आईफोन
एप्पल ने अपने नए आईफोन मॉडल की घोषणा की है, जिसमें अत्याधुनिक फीचर्स शामिल हैं। (विज्ञापन पृष्ठ 17 पर)
अधिसूचनाएं
सार्वजनिक नोटिस
नगर निगम द्वारा शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार के लिए अगले सप्ताह विशेष अभियान चलाया जाएगा। (पूरा विवरण पृष्ठ 19 पर)
(i) बच्चा प्रकृति से गहरा लगाव रखता है। वह माँ द्वारा लगाए गए तुलसी के बिरवे और पिता द्वारा उगाए गए बरगद के पेड़ को देखकर प्रेरित होता है। बच्चा अपने लिए भी एक जगह ढूंढना चाहता है, जहाँ वह अपना योगदान दे सके। वह सोचता है कि वह अपने छोटे से आंगन में कहाँ अपना गुलाब का पौधा लगाए। (ii) बच्चा कल्पनाशीलRead more
(i) बच्चा प्रकृति से गहरा लगाव रखता है। वह माँ द्वारा लगाए गए तुलसी के बिरवे और पिता द्वारा उगाए गए बरगद के पेड़ को देखकर प्रेरित होता है। बच्चा अपने लिए भी एक जगह ढूंढना चाहता है, जहाँ वह अपना योगदान दे सके। वह सोचता है कि वह अपने छोटे से आंगन में कहाँ अपना गुलाब का पौधा लगाए।
(ii) बच्चा कल्पनाशील है वह माँ द्वारा लगाए गए तुलसी के बिरवे और पिता द्वारा उगाए गए बरगद के पेड़ को देखकर सोचता है कि उसे भी कोई नन्हा पौधा लगाना चाहिए। बच्चा के मन में गुलाब के पौधे को रोपने का विचार आता है। उसके लिए उचित जगह चाहता है। भविष्य के बारे में सोचता है। वह कल्पना करता है कि यह कैसे बड़ेगा, फूलेगा और खुशबू फैलाएगा।
(iii) गुलाब को अक्सर सुंदरता और पूर्णता का प्रतीक माना जाता है। इसका खिलना प्रकृति के चमत्कार और जीवन की क्षणभंगुरता का प्रतीक है। यह गुलाब का सबसे प्रसिद्ध प्रतीक है। लाल गुलाब को प्यार, स्नेह और प्रशंसा का प्रतीक माना जाता है। गुलाब का उपयोग अक्सर खुशी और उत्सव के अवसरों को मनाने के लिए किया जाता है, जैसे कि शादियों, जन्मदिन और छुट्टियां। कई धर्मों में गुलाब का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में, गुलाब को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। ईसाई धर्म में, लाल गुलाब को अक्सर मसीह के रक्त और बलिदान का प्रतीक माना जाता है। इस्लाम में, गुलाब को पैगंबर मुहम्मद का प्रतीक माना जाता है।
अख़बार के मुख्य रूप से कितने अंग होते हैं? किसी एक प्रमुख अंग की विशेषता बताइए। NIOS Class 10 Hindi Chapter 9
अख़बार के विभिन्न अंग निम्नलिखित हैं: समाचार: राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय समाचार। संपादकीय: संपादक द्वारा लिखे गए लेख और विचार। विज्ञापन: व्यावसायिक, सामाजिक और व्यक्तिगत विज्ञापन। आनंद व ज्ञानवर्धन: फीचर लेख, खेल, साहित्य, कार्टून, और अन्य रुचिकर सामग्री। समाचार: समाचार अख़बारोंRead more
अख़बार के विभिन्न अंग निम्नलिखित हैं:
See lessसमाचार: राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय समाचार।
संपादकीय: संपादक द्वारा लिखे गए लेख और विचार।
विज्ञापन: व्यावसायिक, सामाजिक और व्यक्तिगत विज्ञापन।
आनंद व ज्ञानवर्धन: फीचर लेख, खेल, साहित्य, कार्टून, और अन्य रुचिकर सामग्री।
समाचार:
समाचार अख़बारों का प्रमुख अंग होता है। वस्तुतः वही घटना समाचार बनती है जिसका स्थानीय, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय दृष्टि से महत्त्व होता है। उसके बाद हर अख़बार अपनी प्राथमिकता के आधाार पर समाचारों के पृष्ठों का बँटवारा करता है। पहले पृष्ठ पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्त्व के समाचार छपते हैं। दूसरेऔर तीसरे पृष्ठों पर स्थानीय समाचारों को स्थान दिया जाता है। इसी प्रकार, अंतिम पृष्ठों पर क्रमशः अंतरराष्ट्रीय समाचारों, अर्थ अथवा व्यापार-जगत् के समाचारों और खेल-संबंधी समाचारों को स्थान दिया जाता है। बीच का एक पृष्ठ संपादकीय और पाठकों के पत्रों के लिए होता है। फिर इन्हीं पष्ठों पर बीच-बीच में विज्ञापनों को भी स्थान दिया जाता है। इस प्रकार, हर अख़बार में उसके आकार और पृष्ठों की संख्या के अनुसार ही अलग-अलग क्षेत्रों के समाचारों को प्रकाशित करने के लिए स्थान निर्धाारित होता है। ऐसे में किसी भी अख़बार के लिए हर घटना को स्थान दे पाना संभव नहीं होता। इसलिए, हर क्षेत्र की प्रमुख और महत्त्वपूर्ण घटनाओं के समाचार ही अख़बारों में प्रकाशित हो पाते हैं।
समाचार स्रोत का क्या अभिप्राय है- विस्तार से समझाइए। NIOS Class 10 Hindi Chapter 9
समाचार स्रोत: यह समाचार का एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण अंग है। इससे समाचार की प्रामाणिकता का पता चलता है। इसमें समाचार का ब्यौरा देने से पहले यह बताया जाता है कि समाचार कहाँ से प्राप्त हुआ और किस माधयम से प्राप्त हुआ। अख़बार पढ़ते समय आपने धयान दिया होगा कि एजेंसियों के बाद शहर का नाम लिखा होता है। यदि ‘Read more
समाचार स्रोत:
See lessयह समाचार का एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण अंग है। इससे समाचार की प्रामाणिकता का पता चलता है। इसमें समाचार का ब्यौरा देने से पहले यह बताया जाता है कि समाचार कहाँ से प्राप्त हुआ और किस माधयम से प्राप्त हुआ। अख़बार पढ़ते समय आपने धयान दिया होगा कि एजेंसियों के बाद शहर का नाम लिखा होता है। यदि ‘नई दिल्ली’ लिखा है, तो इसका अर्थ यह है कि यह समाचार नई दिल्ली से लिया गया है या यह घटना नई दिल्ली में घटी है। उसके बाद घटना की तिथि दी जाती है। आपने धयान दिया होगा कि प्रायः अख़बारों में समाचारों की तिथि उस समाचारपत्रा की प्रकाशन-तिथि से एक दिन पूर्व की दी गई होती है। ऐसा इसलिए होता है कि अख़बार रात को छपते हैं और सुबह-सुबह आपके पास पहुँच जाते हैं। यानी ये
समाचार एक दिन पूर्व की रात तक के होते हैं। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि समाचार किसने प्राप्त किया, कहाँ से प्राप्त किया और कब प्राप्त किया, इनकी जानकारी को समाचार-स्रोत कहा जाता है।
संपादकीय और फ़ीचर में क्या अंतर होता है- स्पष्ट कीजिए। NIOS Class 10 Hindi Chapter 9
संपादकीय और फीचर में अंतर परिभाषा: संपादकीय: यह अखबार के संपादक या संपादकीय टीम द्वारा लिखा गया एक लेख होता है, जो किसी सामयिक मुद्दे पर अखबार की आधिकारिक राय को व्यक्त करता है। फीचर: यह एक गहराई से लिखा गया लेख है, जो किसी विशेष विषय, घटना या व्यक्ति के बारे में जानकारीपूर्ण और रोचक ढंग से लिखा जातRead more
संपादकीय और फीचर में अंतर
See lessपरिभाषा:
संपादकीय: यह अखबार के संपादक या संपादकीय टीम द्वारा लिखा गया एक लेख होता है, जो किसी सामयिक मुद्दे पर अखबार की आधिकारिक राय को व्यक्त करता है।
फीचर: यह एक गहराई से लिखा गया लेख है, जो किसी विशेष विषय, घटना या व्यक्ति के बारे में जानकारीपूर्ण और रोचक ढंग से लिखा जाता है।
उद्देश्य:
संपादकीय: पाठकों को किसी मुद्दे पर संपादक का दृष्टिकोण और विश्लेषण प्रस्तुत करना।
फीचर: पाठकों को जानकारी देना, मनोरंजन करना या किसी विषय को विस्तार से समझाना।
लेखन शैली:
संपादकीय: औपचारिक, तार्किक और विश्लेषणात्मक।
फीचर: शैली अधिक रचनात्मक, वर्णनात्मक और कभी-कभी भावनात्मक हो सकती है।
दृष्टिकोण:
संपादकीय: यह विचारात्मक और तर्क आधारित होता है, जिसमें किसी मुद्दे पर पक्ष या विपक्ष लिया जा सकता है।
फीचर: यह मुख्यतः सूचनात्मक होता है और निष्पक्षता बनाए रखने की कोशिश करता है।
लंबाई और प्रस्तुति:
संपादकीय: आमतौर पर छोटा और सीधे विषय पर केंद्रित होता है।
फीचर: लंबा, विस्तारपूर्ण और विषय की गहराई में जाता है।
उदाहरण:
संपादकीय: “जलवायु परिवर्तन पर सरकार की नीतियां अपर्याप्त क्यों हैं?”
फीचर: “जलवायु परिवर्तन: कैसे बदल रही हैं हमारी जीवनशैली और पर्यावरण?”
निष्कर्ष:
संपादकीय जहां अखबार की राय को प्रस्तुत करता है, वहीं फीचर एक व्यापक दृष्टिकोण से विषय का गहराई से विश्लेषण करता है।
समाचारों के कितने प्रकार होते हैं? ख़ाका तैयार कीजिए। NIOS Class 10 Hindi Chapter 9
समाचारों के कई प्रकार होते हैं, जो विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किए जा सकते हैं। मुख्यतः समाचारों को निम्नलिखित प्रकारों में विभाजित किया जाता है: 1. घटना के आधार पर मुख्य समाचार: ये तात्कालिक और महत्वपूर्ण घटनाओं पर आधारित होते हैं, जिन्हें प्रमुखता से प्रस्तुत किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय समाचारRead more
समाचारों के कई प्रकार होते हैं, जो विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किए जा सकते हैं। मुख्यतः समाचारों को निम्नलिखित प्रकारों में विभाजित किया जाता है:
See less1. घटना के आधार पर
मुख्य समाचार: ये तात्कालिक और महत्वपूर्ण घटनाओं पर आधारित होते हैं, जिन्हें प्रमुखता से प्रस्तुत किया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय समाचार: विश्व स्तर पर घटित घटनाओं को शामिल करता है, जैसे अन्य देशों की राजनीति और सामाजिक मुद्दे।
राष्ट्रीय समाचार: अपने देश के भीतर की महत्वपूर्ण घटनाएँ, जैसे राजनीतिक, आर्थिक या सामाजिक मुद्दे।
प्रादेशिक समाचार: किसी विशेष राज्य या क्षेत्र से संबंधित घटनाएँ।
2. स्वरूप के आधार पर
सीधा समाचार: तथ्यात्मक और संक्षिप्त जानकारी प्रदान करता है।
व्याख्यात्मक समाचार: किसी घटना की गहन छानबीन करता है और उसके विभिन्न पहलुओं को उजागर करता है।
3. विशेष प्रकार
खेल समाचार: खेलों से संबंधित घटनाएँ और परिणाम।
विज्ञान समाचार: विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नई खोजें और विकास।
मौसम समाचार: मौसमी स्थिति और पूर्वानुमान।
इन विभिन्न प्रकारों के माध्यम से, समाचार पाठकों को व्यापक और विविध जानकारी प्रदान करते हैं।
समाचारों के चयन में मुख्य रूप से कौन-कौन सी सावधानियाँ बरतनी पड़ती हैं? NIOS Class 10 Hindi Chapter 9
समाचारों के चयन में मुख्य रूप से निम्नलिखित सावधानियाँ बरतनी पड़ती हैं: स्रोत की विश्वसनीयता: केवल विश्वसनीय और मान्यता प्राप्त समाचार स्रोतों से समाचार चुनें। अविश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त जानकारी अक्सर गलत या भ्रामक हो सकती है। तथ्यों की पुष्टि: समाचारों को साझा करने से पहले उनकी सत्यता की पुष्टिRead more
समाचारों के चयन में मुख्य रूप से निम्नलिखित सावधानियाँ बरतनी पड़ती हैं:
See lessस्रोत की विश्वसनीयता: केवल विश्वसनीय और मान्यता प्राप्त समाचार स्रोतों से समाचार चुनें। अविश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त जानकारी अक्सर गलत या भ्रामक हो सकती है।
तथ्यों की पुष्टि: समाचारों को साझा करने से पहले उनकी सत्यता की पुष्टि करें। तथ्य-जांच (फैक्ट-चेकिंग) महत्वपूर्ण है।
पक्षपात और पूर्वाग्रह: समाचार में किसी भी प्रकार का पक्षपात या पूर्वाग्रह न हो। निष्पक्ष और संतुलित समाचार चुनें।
समाचार की ताजगी: समाचार की ताजगी और सामयिकता की जांच करें। पुरानी या अप्रासंगिक खबरों से बचें।
प्रसंग और संदर्भ: समाचार के प्रसंग और संदर्भ को समझें। किसी घटना का पूरा चित्रण और पृष्ठभूमि जानना महत्वपूर्ण है।
कंटेंट की गुणवत्ता: समाचार की भाषा, प्रस्तुति और स्पष्टता का मूल्यांकन करें। खराब लिखे या अस्पष्ट समाचारों से बचें।
बहुस्तरीय दृष्टिकोण: एक ही समाचार को विभिन्न स्रोतों से पढ़ें ताकि विभिन्न दृष्टिकोणों को समझा जा सके और समग्र जानकारी प्राप्त हो सके।
विज्ञापन के आवश्यक गुण क्या हैं? NIOS Class 10 Hindi Chapter 9
विज्ञापन के आवश्यक गुण निम्नलिखित हैं: स्पष्टता और संक्षिप्तता: विज्ञापन का संदेश स्पष्ट और संक्षिप्त होना चाहिए ताकि इसे आसानी से समझा जा सके। जटिल भाषा या अनावश्यक जानकारी से बचना चाहिए। आकर्षकता: विज्ञापन को आकर्षक और ध्यान खींचने वाला होना चाहिए। इसमें दिलचस्प और रचनात्मक तत्व शामिल होने चाहिए जRead more
विज्ञापन के आवश्यक गुण निम्नलिखित हैं:
See lessस्पष्टता और संक्षिप्तता: विज्ञापन का संदेश स्पष्ट और संक्षिप्त होना चाहिए ताकि इसे आसानी से समझा जा सके। जटिल भाषा या अनावश्यक जानकारी से बचना चाहिए।
आकर्षकता: विज्ञापन को आकर्षक और ध्यान खींचने वाला होना चाहिए। इसमें दिलचस्प और रचनात्मक तत्व शामिल होने चाहिए जो दर्शकों को प्रभावित करें।
संपूर्णता: विज्ञापन में सभी आवश्यक जानकारी होनी चाहिए, जैसे उत्पाद का नाम, विशेषताएँ, लाभ, कीमत, और खरीदारी की प्रक्रिया।
सच्चाई और विश्वसनीयता: विज्ञापन में दी गई जानकारी सच्ची और विश्वसनीय होनी चाहिए। भ्रामक या झूठी जानकारी से बचना चाहिए, क्योंकि इससे ब्रांड की साख को नुकसान पहुँच सकता है।
प्रासंगिकता: विज्ञापन का संदेश लक्षित दर्शकों के लिए प्रासंगिक होना चाहिए। इसे उस जनसंख्या समूह की जरूरतों और इच्छाओं के अनुसार तैयार करना चाहिए।
यादगार और प्रभावशाली: विज्ञापन को ऐसा होना चाहिए कि वह दर्शकों के मन में छाप छोड़ सके। इसके लिए एक मजबूत और प्रभावी संदेश आवश्यक है।
कॉल टू एक्शन: विज्ञापन में स्पष्ट रूप से एक कॉल टू एक्शन होना चाहिए, जो दर्शकों को अगले कदम (जैसे, खरीदारी करना, वेबसाइट पर जाना, फोन करना) उठाने के लिए प्रेरित करे।
विविधता और अनुकूलन: विज्ञापन विभिन्न प्लेटफार्मों और माध्यमों के लिए अनुकूलित होना चाहिए, जैसे प्रिंट, डिजिटल, टीवी, रेडियो, आदि।
दृश्य और श्रव्य अपील: विज्ञापन में रंग, चित्र, ग्राफिक्स, संगीत और ध्वनि का प्रभावी उपयोग होना चाहिए ताकि यह दर्शकों के लिए आकर्षक और यादगार बने।
भावनात्मक जुड़ाव: विज्ञापन को भावनात्मक रूप से जोड़ने वाला होना चाहिए, जिससे दर्शकों के साथ एक व्यक्तिगत संबंध स्थापित हो सके।
किसी समसामयिक घटना पर एक फीचर लिखिए। NIOS Class 10 Hindi Chapter 9
कोविड-19 वैक्सीन की खोज: चुनौतियां और सफलताएं कोविड-19 महामारी ने वैश्विक स्तर पर जीवन के हर पहलू को प्रभावित किया है। इस महामारी ने न केवल स्वास्थ्य संकट खड़ा किया बल्कि आर्थिक, सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाला। महामारी की शुरुआत के कुछ महीनों बाद ही, वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्Read more
कोविड-19 वैक्सीन की खोज: चुनौतियां और सफलताएं
See lessकोविड-19 महामारी ने वैश्विक स्तर पर जीवन के हर पहलू को प्रभावित किया है। इस महामारी ने न केवल स्वास्थ्य संकट खड़ा किया बल्कि आर्थिक, सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाला। महामारी की शुरुआत के कुछ महीनों बाद ही, वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने वैक्सीन की आवश्यकता को प्राथमिकता दी।
वैक्सीन की खोज का सफर
वैक्सीन विकसित करने की प्रक्रिया सामान्यतः वर्षों का समय लेती है, लेकिन कोविड-19 के मामले में इस प्रक्रिया को महीनों में पूरा किया गया। वैश्विक सहयोग और अत्याधुनिक तकनीक ने इस प्रक्रिया को संभव बनाया।
वैज्ञानिक चुनौतियां:
वायरस की संरचना: सार्स-कोव-2 वायरस की संरचना को समझना और इसके स्पाइक प्रोटीन को टारगेट करना प्रमुख चुनौतियों में से एक था।
क्लिनिकल ट्रायल्स: किसी भी वैक्सीन के लिए तीन चरणों के क्लिनिकल ट्रायल्स आवश्यक होते हैं, जिसमें हजारों वालंटियर्स पर परीक्षण किए जाते हैं।
प्रशासनिक चुनौतियां: रेगुलेटरी अप्रूवल: वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी प्राप्त करना, विभिन्न देशों में विभिन्न नियामक निकायों से स्वीकृति लेना एक जटिल प्रक्रिया थी।
वितरण और भंडारण: वैक्सीन की डोज़ को सही तापमान पर स्टोर करना और विश्व के हर कोने में इसे पहुंचाना भी एक बड़ी चुनौती रही।
सफलताएं और नवाचार
mRNA तकनीक: फाइजर और मॉडर्ना जैसी कंपनियों ने mRNA तकनीक का उपयोग करके वैक्सीन विकसित की। यह तकनीक परंपरागत वैक्सीन निर्माण की तुलना में अधिक तेज और प्रभावी साबित हुई।
वैश्विक सहयोग: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), गावी, और COVAX जैसी वैश्विक संस्थाओं ने वैक्सीन विकास और वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
तेजी से अप्रूवल: अनेक देशों ने वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी, जिससे तेजी से टीकाकरण संभव हो सका।
प्रभावशीलता: विभिन्न क्लिनिकल ट्रायल्स में वैक्सीन की उच्च प्रभावशीलता साबित हुई, जिससे महामारी पर नियंत्रण पाने में मदद मिली।
भारत का योगदान: भारत ने भी इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ का उत्पादन किया। इसके अलावा भारत बायोटेक ने ‘कोवैक्सिन’ विकसित की, जो पूरी तरह से स्वदेशी वैक्सीन है।
निष्कर्ष:
कोविड-19 वैक्सीन की खोज एक अभूतपूर्व वैज्ञानिक उपलब्धि है। इसने दिखाया कि जब विज्ञान, सरकारें और वैश्विक संस्थाएँ मिलकर काम करती हैं, तो असंभव सा दिखने वाला कार्य भी संभव हो सकता है। यह महामारी मानवता के लिए एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन इससे सीख लेते हुए हमने स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने और भविष्य के संकटों का सामना करने के लिए तैयार होने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
किसी अखबार का एक प्रारूप तैयार कर उसके विभिन्न प्रकारों को रेखांकित कीजिए। NIOS Class 10 Hindi Chapter 9
अखबार का प्रारूप प्रधान सम्पादक: [नाम] संवाददाता: [नाम] तारीख: xx जून 20xx मुख्य समाचार कोविड-19 वैक्सीन की खोज: चुनौतियां और सफलताएं कोविड-19 महामारी ने वैश्विक स्तर पर जीवन के हर पहलू को प्रभावित किया है। इस महामारी ने न केवल स्वास्थ्य संकट खड़ा किया बल्कि आर्थिक, सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भीRead more
अखबार का प्रारूप
See lessप्रधान सम्पादक: [नाम]
संवाददाता: [नाम]
तारीख: xx जून 20xx
मुख्य समाचार
कोविड-19 वैक्सीन की खोज: चुनौतियां और सफलताएं
कोविड-19 महामारी ने वैश्विक स्तर पर जीवन के हर पहलू को प्रभावित किया है। इस महामारी ने न केवल स्वास्थ्य संकट खड़ा किया बल्कि आर्थिक, सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाला। महामारी की शुरुआत के कुछ महीनों बाद ही, वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने वैक्सीन की आवश्यकता को प्राथमिकता दी। (पूरा लेख पृष्ठ 3 पर)
राष्ट्रीय समाचार
भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत
नई दिल्ली: भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिख रहे हैं। सरकार द्वारा उठाए गए आर्थिक सुधार कदमों और वैक्सीन कार्यक्रम की सफलता के चलते जीडीपी में वृद्धि देखी जा रही है। (पूरा लेख पृष्ठ 5 पर)
अंतर्राष्ट्रीय समाचार
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार वार्ता फिर से शुरू
वाशिंगटन: अमेरिका और चीन के बीच व्यापार वार्ता फिर से शुरू हो गई है। दोनों देशों ने व्यापार समझौतों को लेकर सकारात्मक संकेत दिए हैं। (पूरा लेख पृष्ठ 7 पर)
व्यापार और अर्थव्यवस्था
शेयर बाजार में तेजी, सेंसेक्स ने बनाया नया रिकॉर्ड
मुंबई: भारतीय शेयर बाजार में आज तेजी देखी गई। सेंसेक्स ने नया रिकॉर्ड बनाया और निवेशकों में उत्साह देखा गया। (पूरा लेख पृष्ठ 9 पर)
मनोरंजन
नई फिल्म ‘सूर्यवंशी’ ने बॉक्स ऑफिस पर मचाया धमाल
मुंबई: रोहित शेट्टी द्वारा निर्देशित फिल्म ‘सूर्यवंशी’ ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त प्रदर्शन किया है। (पूरा लेख पृष्ठ 11 पर)
खेलकूद
आईपीएल 2024: कोलकत्ता नाइट रायडर ने जीता खिताब
मुंबई: आईपीएल 2024 के फाइनल में कोलकत्ता नाइट रायडर ने शानदार प्रदर्शन करते हुए खिताब अपने नाम किया। (पूरा लेख पृष्ठ 13 पर)
सम्पादकीय
स्वास्थ्य सेवा में सुधार की आवश्यकता
भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर चर्चा करते हुए, यह स्पष्ट है कि सुधार की सख्त आवश्यकता है। कोविड-19 महामारी ने हमारे स्वास्थ्य तंत्र की कमजोरियों को उजागर किया है। (पूरा लेख पृष्ठ 15 पर)
विज्ञापन
नई तकनीक: एप्पल ने लॉन्च किया नया आईफोन
एप्पल ने अपने नए आईफोन मॉडल की घोषणा की है, जिसमें अत्याधुनिक फीचर्स शामिल हैं। (विज्ञापन पृष्ठ 17 पर)
अधिसूचनाएं
सार्वजनिक नोटिस
नगर निगम द्वारा शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार के लिए अगले सप्ताह विशेष अभियान चलाया जाएगा। (पूरा विवरण पृष्ठ 19 पर)
मनुष्य की तरह गिल्लू भी अपनी समस्याओं का समाधाान कर लेता था- किस घटना से यह पता चलता है? NIOS Class 10 Hindi Chapter 3
(ख) जब वह सुराही पर सोने का तरीका खोज लेता है।
(ख) जब वह सुराही पर सोने का तरीका खोज लेता है।
See lessनिम्नलिखित पंक्तियों को धयान से पढि़ए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिएः छोटे-से आंगन में माँ ने लगाए हैं तुलसी के बिरवे दो पिता ने उगाया है बरगद छतनार मैं अपना नन्हा गुलाब कहाँ रोप दूँ। – केदारनाथ सिंह (i) ‘तुलसी के बिरवे’ और ‘छतनार बरगद’ के संकेतों को स्पष्ट कीजिए। (ii) ‘मैं अपना नन्हा गुलाब/कहाँ रोप दूँ?’ से कवि का क्या आशय है। (iii) ‘गुलाब’ किसका प्रतीक है?
(i) बच्चा प्रकृति से गहरा लगाव रखता है। वह माँ द्वारा लगाए गए तुलसी के बिरवे और पिता द्वारा उगाए गए बरगद के पेड़ को देखकर प्रेरित होता है। बच्चा अपने लिए भी एक जगह ढूंढना चाहता है, जहाँ वह अपना योगदान दे सके। वह सोचता है कि वह अपने छोटे से आंगन में कहाँ अपना गुलाब का पौधा लगाए। (ii) बच्चा कल्पनाशीलRead more
(i) बच्चा प्रकृति से गहरा लगाव रखता है। वह माँ द्वारा लगाए गए तुलसी के बिरवे और पिता द्वारा उगाए गए बरगद के पेड़ को देखकर प्रेरित होता है। बच्चा अपने लिए भी एक जगह ढूंढना चाहता है, जहाँ वह अपना योगदान दे सके। वह सोचता है कि वह अपने छोटे से आंगन में कहाँ अपना गुलाब का पौधा लगाए।
See less(ii) बच्चा कल्पनाशील है वह माँ द्वारा लगाए गए तुलसी के बिरवे और पिता द्वारा उगाए गए बरगद के पेड़ को देखकर सोचता है कि उसे भी कोई नन्हा पौधा लगाना चाहिए। बच्चा के मन में गुलाब के पौधे को रोपने का विचार आता है। उसके लिए उचित जगह चाहता है। भविष्य के बारे में सोचता है। वह कल्पना करता है कि यह कैसे बड़ेगा, फूलेगा और खुशबू फैलाएगा।
(iii) गुलाब को अक्सर सुंदरता और पूर्णता का प्रतीक माना जाता है। इसका खिलना प्रकृति के चमत्कार और जीवन की क्षणभंगुरता का प्रतीक है। यह गुलाब का सबसे प्रसिद्ध प्रतीक है। लाल गुलाब को प्यार, स्नेह और प्रशंसा का प्रतीक माना जाता है। गुलाब का उपयोग अक्सर खुशी और उत्सव के अवसरों को मनाने के लिए किया जाता है, जैसे कि शादियों, जन्मदिन और छुट्टियां। कई धर्मों में गुलाब का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में, गुलाब को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। ईसाई धर्म में, लाल गुलाब को अक्सर मसीह के रक्त और बलिदान का प्रतीक माना जाता है। इस्लाम में, गुलाब को पैगंबर मुहम्मद का प्रतीक माना जाता है।