मानव विकास की नवीनतम अवस्था होमो सेपियन्स है। होमो सेपियन्स आधुनिक मानव हैं और यह अवस्था लगभग 300,000 वर्ष पहले अफ्रीका में उभरी थी। होमो सेपियन्स की विशेषताएँ हैं उन्नत मस्तिष्क, संज्ञानात्मक क्षमताएँ, और समाजिक व सांस्कृतिक विकास।
मानव विकास की नवीनतम अवस्था होमो सेपियन्स है। होमो सेपियन्स आधुनिक मानव हैं और यह अवस्था लगभग 300,000 वर्ष पहले अफ्रीका में उभरी थी। होमो सेपियन्स की विशेषताएँ हैं उन्नत मस्तिष्क, संज्ञानात्मक क्षमताएँ, और समाजिक व सांस्कृतिक विकास।
तांबा और पत्थर दोनों के प्रयोग पर आधारित संस्कृति को ताम्रपाषाण संस्कृति कहा जाता है। यह संस्कृति लगभग 6000 ईसा पूर्व से 3000 ईसा पूर्व तक भारत में विद्यमान थी।
तांबा और पत्थर दोनों के प्रयोग पर आधारित संस्कृति को ताम्रपाषाण संस्कृति कहा जाता है। यह संस्कृति लगभग 6000 ईसा पूर्व से 3000 ईसा पूर्व तक भारत में विद्यमान थी।
मेसोपोटामिया की सभ्यता मुख्य रूप से दजला और फरात नदियों के बीच विकसित हुई थी। इन दोनों नदियों को अक्सर "दो नदियों की भूमि" के रूप में भी जाना जाता है, जो मेसोपोटामिया का शाब्दिक अर्थ है। दजला और फरात नदियाँ मेसोपोटामिया की सभ्यताओं के उदय और पतन के लिए महत्वपूर्ण थीं। इन नदियों ने प्राचीन लोगों को सRead more
मेसोपोटामिया की सभ्यता मुख्य रूप से दजला और फरात नदियों के बीच विकसित हुई थी। इन दोनों नदियों को अक्सर “दो नदियों की भूमि” के रूप में भी जाना जाता है, जो मेसोपोटामिया का शाब्दिक अर्थ है।
दजला और फरात नदियाँ मेसोपोटामिया की सभ्यताओं के उदय और पतन के लिए महत्वपूर्ण थीं। इन नदियों ने प्राचीन लोगों को समृद्ध और शक्तिशाली सभ्यताएं विकसित करने में सक्षम बनाया, लेकिन बाढ़ और सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं ने इन सभ्यताओं को कमजोर भी किया।
भारत में सिंधु-सरस्वती सभ्यता के अनेक महत्वपूर्ण स्थल हैं, जिनमें से दो प्रमुख स्थल निम्नलिखित हैं: 1. हड़प्पा (पंजाब, पाकिस्तान): यह सिंधु-सरस्वती सभ्यता का सबसे पहला ज्ञात शहर है। यहाँ खुदाई में विशाल किला, स्नानागार, दाने भंडारगृह, जल निकासी व्यवस्था और मोहनजोदड़ो जैसी पक्की ईंटों से बनी इमारतेंRead more
भारत में सिंधु-सरस्वती सभ्यता के अनेक महत्वपूर्ण स्थल हैं, जिनमें से दो प्रमुख स्थल निम्नलिखित हैं:
1. हड़प्पा (पंजाब, पाकिस्तान): यह सिंधु-सरस्वती सभ्यता का सबसे पहला ज्ञात शहर है। यहाँ खुदाई में विशाल किला, स्नानागार, दाने भंडारगृह, जल निकासी व्यवस्था और मोहनजोदड़ो जैसी पक्की ईंटों से बनी इमारतें मिली हैं।
2. मोहनजोदड़ो (सिंध, पाकिस्तान): यह सिंधु-सरस्वती सभ्यता का सबसे अच्छी तरह से संरक्षित शहर है। यहाँ ‘महान स्नानागार’, ‘अन्न भंडार’, ‘स्तूप’ और ‘सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि’ वाले मुहरें मिली हैं।
इन दो प्रमुख स्थलों के अलावा, भारत में सिंधु-सरस्वती सभ्यता के कई अन्य महत्वपूर्ण स्थल भी हैं, जिनमें कालीबंगा (राजस्थान), लोथल (गुजरात), बनवाली (हरियाणा), रखीगढ़ी (हरियाणा) और धोलावीरा (गुजरात) शामिल हैं।
मानव विकास की नवीनतम अवस्था कौन सी है? NIOS Class 10 Social Science Chapter 1
मानव विकास की नवीनतम अवस्था होमो सेपियन्स है। होमो सेपियन्स आधुनिक मानव हैं और यह अवस्था लगभग 300,000 वर्ष पहले अफ्रीका में उभरी थी। होमो सेपियन्स की विशेषताएँ हैं उन्नत मस्तिष्क, संज्ञानात्मक क्षमताएँ, और समाजिक व सांस्कृतिक विकास।
मानव विकास की नवीनतम अवस्था होमो सेपियन्स है। होमो सेपियन्स आधुनिक मानव हैं और यह अवस्था लगभग 300,000 वर्ष पहले अफ्रीका में उभरी थी। होमो सेपियन्स की विशेषताएँ हैं उन्नत मस्तिष्क, संज्ञानात्मक क्षमताएँ, और समाजिक व सांस्कृतिक विकास।
See lessमनुष्य ने सबसे पहले किस धातु का प्रयोग किया? NIOS Class 10 Social Science Chapter 1
मनुष्य ने सबसे पहले तांबे का प्रयोग किया। तांबे का उपयोग लगभग 10,000 साल पहले नवपाषाण युग के अंत और कांस्य युग की शुरुआत में किया गया था।
मनुष्य ने सबसे पहले तांबे का प्रयोग किया। तांबे का उपयोग लगभग 10,000 साल पहले नवपाषाण युग के अंत और कांस्य युग की शुरुआत में किया गया था।
See lessतांबा और पत्थर दोनों के प्रयोग पर आधारित संस्कृति का नाम बताइए। NIOS Class 10 Social Science Chapter 1
तांबा और पत्थर दोनों के प्रयोग पर आधारित संस्कृति को ताम्रपाषाण संस्कृति कहा जाता है। यह संस्कृति लगभग 6000 ईसा पूर्व से 3000 ईसा पूर्व तक भारत में विद्यमान थी।
तांबा और पत्थर दोनों के प्रयोग पर आधारित संस्कृति को ताम्रपाषाण संस्कृति कहा जाता है। यह संस्कृति लगभग 6000 ईसा पूर्व से 3000 ईसा पूर्व तक भारत में विद्यमान थी।
See lessउन नदियों के नाम बताइए। जिनके बीच मेसोपोटामिया की सभ्यता विकसित थी। NIOS Class 10 Social Science Chapter 1
मेसोपोटामिया की सभ्यता मुख्य रूप से दजला और फरात नदियों के बीच विकसित हुई थी। इन दोनों नदियों को अक्सर "दो नदियों की भूमि" के रूप में भी जाना जाता है, जो मेसोपोटामिया का शाब्दिक अर्थ है। दजला और फरात नदियाँ मेसोपोटामिया की सभ्यताओं के उदय और पतन के लिए महत्वपूर्ण थीं। इन नदियों ने प्राचीन लोगों को सRead more
मेसोपोटामिया की सभ्यता मुख्य रूप से दजला और फरात नदियों के बीच विकसित हुई थी। इन दोनों नदियों को अक्सर “दो नदियों की भूमि” के रूप में भी जाना जाता है, जो मेसोपोटामिया का शाब्दिक अर्थ है।
See lessदजला और फरात नदियाँ मेसोपोटामिया की सभ्यताओं के उदय और पतन के लिए महत्वपूर्ण थीं। इन नदियों ने प्राचीन लोगों को समृद्ध और शक्तिशाली सभ्यताएं विकसित करने में सक्षम बनाया, लेकिन बाढ़ और सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं ने इन सभ्यताओं को कमजोर भी किया।
भारत में सिंधु-सरस्वती सभ्यता के दो स्थलों के नाम बताइए। NIOS Class 10 Social Science Chapter 1
भारत में सिंधु-सरस्वती सभ्यता के अनेक महत्वपूर्ण स्थल हैं, जिनमें से दो प्रमुख स्थल निम्नलिखित हैं: 1. हड़प्पा (पंजाब, पाकिस्तान): यह सिंधु-सरस्वती सभ्यता का सबसे पहला ज्ञात शहर है। यहाँ खुदाई में विशाल किला, स्नानागार, दाने भंडारगृह, जल निकासी व्यवस्था और मोहनजोदड़ो जैसी पक्की ईंटों से बनी इमारतेंRead more
भारत में सिंधु-सरस्वती सभ्यता के अनेक महत्वपूर्ण स्थल हैं, जिनमें से दो प्रमुख स्थल निम्नलिखित हैं:
See less1. हड़प्पा (पंजाब, पाकिस्तान): यह सिंधु-सरस्वती सभ्यता का सबसे पहला ज्ञात शहर है। यहाँ खुदाई में विशाल किला, स्नानागार, दाने भंडारगृह, जल निकासी व्यवस्था और मोहनजोदड़ो जैसी पक्की ईंटों से बनी इमारतें मिली हैं।
2. मोहनजोदड़ो (सिंध, पाकिस्तान): यह सिंधु-सरस्वती सभ्यता का सबसे अच्छी तरह से संरक्षित शहर है। यहाँ ‘महान स्नानागार’, ‘अन्न भंडार’, ‘स्तूप’ और ‘सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि’ वाले मुहरें मिली हैं।
इन दो प्रमुख स्थलों के अलावा, भारत में सिंधु-सरस्वती सभ्यता के कई अन्य महत्वपूर्ण स्थल भी हैं, जिनमें कालीबंगा (राजस्थान), लोथल (गुजरात), बनवाली (हरियाणा), रखीगढ़ी (हरियाणा) और धोलावीरा (गुजरात) शामिल हैं।