सोनजुही की पीली कली और गिल्लू का संबंध: सोनजुही की पीली कली और गिल्लू का गहरा संबंध है। गिल्लू अक्सर सोनजुही की लता में छिपकर बैठता था और लेखिका को चौंकाता था। जब लेखिका ने सोनजुही की पीली कली को देखा, तो उसे गिल्लू की याद आ गई।
सोनजुही की पीली कली और गिल्लू का संबंध: सोनजुही की पीली कली और गिल्लू का गहरा संबंध है। गिल्लू अक्सर सोनजुही की लता में छिपकर बैठता था और लेखिका को चौंकाता था। जब लेखिका ने सोनजुही की पीली कली को देखा, तो उसे गिल्लू की याद आ गई।
'बहादुर' कहानी की शैली मुख्यतः आत्म-कथात्मक है। अमरकान्त द्वारा लिखी गई यह कहानी वाचक के जीवन के अनुभवों को दर्शाती है, जिसमें घटनाएँ पहले ही घटित हो चुकी हैं। कहानी का नायक, बहादुर, एक गरीब बालक है जो एक मध्यमवर्गीय परिवार में काम करता है। इस कहानी में न केवल बहादुर के संघर्षों का चित्रण किया गया हRead more
‘बहादुर’ कहानी की शैली मुख्यतः आत्म-कथात्मक है। अमरकान्त द्वारा लिखी गई यह कहानी वाचक के जीवन के अनुभवों को दर्शाती है, जिसमें घटनाएँ पहले ही घटित हो चुकी हैं। कहानी का नायक, बहादुर, एक गरीब बालक है जो एक मध्यमवर्गीय परिवार में काम करता है। इस कहानी में न केवल बहादुर के संघर्षों का चित्रण किया गया है, बल्कि यह भी दिखाया गया है कि कैसे समाज में वर्ग भेद और शोषण की समस्याएँ व्याप्त हैं।
गिल्लू ने अपने अंतिम समय में लेखिका की उँगली क्यों पकड़ ली थी? NIOS Class 10 Hindi Chapter 3
(क) गिल्लू ने अपने अंतिम समय में लेखिका की उँगली पकड़ ली थी क्योंकि वह लेखिका से पुनः प्राण-रक्षा की अपेक्षा करता था।
(क) गिल्लू ने अपने अंतिम समय में लेखिका की उँगली पकड़ ली थी क्योंकि वह लेखिका से पुनः प्राण-रक्षा की अपेक्षा करता था।
See lessगिल्लू रेखाचित्र का अंत- NIOS Class 10 Hindi Chapter 3
(क) ‘गिल्लू’ रेखाचित्र का अंत भावुकतापूर्ण है।
(क) ‘गिल्लू’ रेखाचित्र का अंत भावुकतापूर्ण है।
See lessलेखिका के प्रति गिल्लू की समानुभूति का पता किस बात से लगता है- NIOS Class 10 Hindi Chapter 3
(ग) लेखिका के प्रति गिल्लू की समानुभूति का पता लेखिका के बालों को अपने नन्हे-नन्हे पंजों से सहलाने से लगता है।
(ग) लेखिका के प्रति गिल्लू की समानुभूति का पता लेखिका के बालों को अपने नन्हे-नन्हे पंजों से सहलाने से लगता है।
See lessलेखिका ने गिल्लू के लिए अपवाद शब्द का प्रयोग करके- NIOS Class 10 Hindi Chapter 3
(घ) लेखिका ने गिल्लू के लिए ‘अपवाद’ शब्द का प्रयोग करके अन्य पशु-पक्षियों से उसके क्रियाकलापों को अलग बताया है।
(घ) लेखिका ने गिल्लू के लिए ‘अपवाद’ शब्द का प्रयोग करके अन्य पशु-पक्षियों से उसके क्रियाकलापों को अलग बताया है।
See lessमहादेवी वर्मा के रेखाचित्रों को ध्यान में रखते हुए मिलान करके सही युग्म बनाइएः नीलकंठ हिरन गिल्लू NIOS Class 10 Hindi Chapter 3 मोर गौरा गिलहरी सोना गाय
नीलकंठ मोर गिल्लू गिलहरी गौरा गाय सोना हिरन
नीलकंठ मोर
See lessगिल्लू गिलहरी
गौरा गाय
सोना हिरन
कौवे गिल्लू के साथ छुआ-छुऔवल कर रहे थे- इस वाक्य में छुआ-छुऔवल के प्रयोग में है- NIOS Class 10 Hindi Chapter 3
(ग) ‘कौवे गिल्लू के साथ ‘छुआ-छुऔवल’ कर रहे थे’- इस वाक्य में ‘छुआ-छुऔवल’ व्यंग्य के प्रयोग में है।
(ग) ‘कौवे गिल्लू के साथ ‘छुआ-छुऔवल’ कर रहे थे’- इस वाक्य में ‘छुआ-छुऔवल’ व्यंग्य के प्रयोग में है।
See lessगिल्लू रेखाचित्र के साथ-साथ और किस विधा के नज़दीक है? NIOS Class 10 Hindi Chapter 3
(ख) ‘गिल्लू’ रेखाचित्र के साथ-साथ और संस्मरण विधा के नज़दीक है?
(ख) ‘गिल्लू’ रेखाचित्र के साथ-साथ और संस्मरण विधा के नज़दीक है?
See lessलेखिका ने खिड़की की जाली का एक कोना खोल दिया ताकि- NIOS Class 10 Hindi Chapter 3
(ग) लेखिका ने खिड़की की जाली का एक कोना खोल दिया ताकि गिल्लू आज़ादी से अंदर-बाहर आ-जा सके।
(ग) लेखिका ने खिड़की की जाली का एक कोना खोल दिया ताकि गिल्लू आज़ादी से अंदर-बाहर आ-जा सके।
See lessलेखिका ने गिल्लू पाठ के आरंभ में ही सोनजुही की पीली कली को क्यों याद किया है- उल्लेख कीजिए। NIOS Class 10 Hindi Chapter 3
सोनजुही की पीली कली और गिल्लू का संबंध: सोनजुही की पीली कली और गिल्लू का गहरा संबंध है। गिल्लू अक्सर सोनजुही की लता में छिपकर बैठता था और लेखिका को चौंकाता था। जब लेखिका ने सोनजुही की पीली कली को देखा, तो उसे गिल्लू की याद आ गई।
सोनजुही की पीली कली और गिल्लू का संबंध: सोनजुही की पीली कली और गिल्लू का गहरा संबंध है। गिल्लू अक्सर सोनजुही की लता में छिपकर बैठता था और लेखिका को चौंकाता था। जब लेखिका ने सोनजुही की पीली कली को देखा, तो उसे गिल्लू की याद आ गई।
See lessबहादुर कहानी की शैली क्या है? NIOS Class 10 Hindi Chapter 1
'बहादुर' कहानी की शैली मुख्यतः आत्म-कथात्मक है। अमरकान्त द्वारा लिखी गई यह कहानी वाचक के जीवन के अनुभवों को दर्शाती है, जिसमें घटनाएँ पहले ही घटित हो चुकी हैं। कहानी का नायक, बहादुर, एक गरीब बालक है जो एक मध्यमवर्गीय परिवार में काम करता है। इस कहानी में न केवल बहादुर के संघर्षों का चित्रण किया गया हRead more
‘बहादुर’ कहानी की शैली मुख्यतः आत्म-कथात्मक है। अमरकान्त द्वारा लिखी गई यह कहानी वाचक के जीवन के अनुभवों को दर्शाती है, जिसमें घटनाएँ पहले ही घटित हो चुकी हैं। कहानी का नायक, बहादुर, एक गरीब बालक है जो एक मध्यमवर्गीय परिवार में काम करता है। इस कहानी में न केवल बहादुर के संघर्षों का चित्रण किया गया है, बल्कि यह भी दिखाया गया है कि कैसे समाज में वर्ग भेद और शोषण की समस्याएँ व्याप्त हैं।
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