शागिर्द ने अपने सवाल ‘आजादी क्या होती है’ के दौरान् अपने उस्ताद से कुछ जिज्ञासाएँ व्यक्त की थीं। ‘‘उस्ताद जी, आजादी क्या होती है?’’ 1. ‘‘क्या वह चरागाह में उछल-कूद मचाता नन्हा-सा बछड़ा है? 2. या सूरज में घोंसला बनाने को उड़ी जाती चिडि़या? 3. या उत्तर दिशा में दौड़ती सीटी बजाती रेलगाड़ी? 4. या अँधेरेRead more
शागिर्द ने अपने सवाल ‘आजादी क्या होती है’ के दौरान् अपने उस्ताद से कुछ जिज्ञासाएँ व्यक्त की थीं।
‘‘उस्ताद जी, आजादी क्या होती है?’’
1. ‘‘क्या वह चरागाह में उछल-कूद मचाता नन्हा-सा बछड़ा है?
2. या सूरज में घोंसला बनाने को उड़ी जाती चिडि़या?
3. या उत्तर दिशा में दौड़ती सीटी बजाती रेलगाड़ी?
4. या अँधेरे में चलता मुसाफि़र जिसकी कामना करता है वह लैंपपोस्ट?
5. निश्चिंत नींद?
6. या इस अनंत कपड़े, शाश्वत रूप से गतिमान पहिए और कभी न रुकने वाली सुई से मेरी मुक्ति?’’
कर्म और स्वतंत्रता एक दूसरे को पूरक करते हैं। कर्म हमें स्वतंत्रता प्राप्त करने, आत्म-साक्षात्कार प्राप्त करने, सामाजिक परिवर्तन लाने और आत्म-अनुशासन विकसित करने में मदद करते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कर्म का अर्थ केवल शारीरिक श्रम नहीं है। इसमें मानसिक और भावनात्मक प्रयास भी शामिल हैं। जबRead more
कर्म और स्वतंत्रता एक दूसरे को पूरक करते हैं। कर्म हमें स्वतंत्रता प्राप्त करने, आत्म-साक्षात्कार प्राप्त करने, सामाजिक परिवर्तन लाने और आत्म-अनुशासन विकसित करने में मदद करते हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कर्म का अर्थ केवल शारीरिक श्रम नहीं है। इसमें मानसिक और भावनात्मक प्रयास भी शामिल हैं।
जब हम अपनी पूरी क्षमता से और सकारात्मक उद्देश्यों के लिए कर्म करते हैं, तो हम स्वतंत्रता की सच्ची भावना का अनुभव कर सकते हैं।
आजादी का सही अधिकारी वह होता है जो समाज में समानता, न्याय, और स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करता है। यह व्यक्ति वह होता है जो समाज के हर व्यक्ति को उनके मौलिक अधिकारों का आनंद लेने की सुनिश्चित करता है और समाज में अन्याय और भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ता है। इसके अलावा, वह व्यक्ति भी हो सकता है जो लोगों कोRead more
आजादी का सही अधिकारी वह होता है जो समाज में समानता, न्याय, और स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करता है। यह व्यक्ति वह होता है जो समाज के हर व्यक्ति को उनके मौलिक अधिकारों का आनंद लेने की सुनिश्चित करता है और समाज में अन्याय और भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ता है। इसके अलावा, वह व्यक्ति भी हो सकता है जो लोगों को उनकी स्वतंत्रता का सम्मान करने की शिक्षा देता है और उन्हें अपने निर्णयों का स्वतंत्रता से लाभ उठाने की सामर्थ्य प्रदान करता है।
जीवन में तनाव आना सामान्य बात है, और मैं भी इससे परिचित हूँ। मेरे जीवन में भी कई बार तनाव का सामना हुआ है, खासकर जब मेरे पास सीमित समय होता है और कई सारे काम एक साथ करने होते हैं। तनाव से निपटने के लिए, मैंने कुछ तकनीकी का अभ्यास किया है। पहले, मैं अपने आप को शांत करने के लिए गहरी सांस लेता हूँ और थRead more
जीवन में तनाव आना सामान्य बात है, और मैं भी इससे परिचित हूँ। मेरे जीवन में भी कई बार तनाव का सामना हुआ है, खासकर जब मेरे पास सीमित समय होता है और कई सारे काम एक साथ करने होते हैं।
तनाव से निपटने के लिए, मैंने कुछ तकनीकी का अभ्यास किया है। पहले, मैं अपने आप को शांत करने के लिए गहरी सांस लेता हूँ और थोड़ी देर के लिए ध्यान केंद्रित करता हूँ। ध्यान करने से मेरे मस्तिष्क को शांति मिलती है और मैं अधिक निर्णयकारी हो जाता हूँ।
दूसरा, मैं अपने समस्याओं को सामने लाने और उन्हें हल करने के लिए एक योजना बनाता हूँ। यह मुझे अपनी समस्याओं को संभालने में मदद करता है और मुझे अधिक सकारात्मक महसूस कराता है।
तीसरा, मैं अपने दोस्तों और परिवार के साथ अपनी बातें साझा करता हूँ। वे मेरे साथ सहानुभूति और समर्थन प्रदान करते हैं, जिससे मैं अधिक प्रसन्न और सकारात्मक महसूस करता हूँ।
इन तकनीकों का अभ्यास करने से, मैं तनाव से कुशलतापूर्वक निपट लेता हूँ और अब ज़िंदगी को बेहतर ढंग से स्वीकार करता हूँ।
कविता के इस तीसरे अंश में दर्जी यानी उस्ताद ने आजादी को कर्म से जोड़ा है। कपड़े सीने का उल्लेख करते हुए दर्जी ने कर्म की ओर संकेत किया है। कर्मठ व्यक्ति ही सपने देख सकता है। कहने का आशय यह है कि जो परिश्रम करेगा उसी के सपने पूरे होंगे। सुई की चमकदार नोंक पर आजादी टिकी हुई है अर्थात् कर्म करते रहने मRead more
कविता के इस तीसरे अंश में दर्जी यानी उस्ताद ने आजादी को कर्म से जोड़ा है। कपड़े सीने का उल्लेख करते हुए दर्जी ने कर्म की ओर संकेत किया है। कर्मठ व्यक्ति ही सपने देख सकता है। कहने का आशय यह है कि जो परिश्रम करेगा उसी के सपने पूरे होंगे। सुई की चमकदार नोंक पर आजादी टिकी हुई है अर्थात् कर्म करते रहने में ही आजादी है। कपड़े सिए जायेंगे, सुई चलती रहेगी यानी कर्म जारी रहेगा, तो आजादी बनी रहेगी। आजादी को बनाए रखने के लिए कर्म का सर्वाधिक महत्त्व है।
बिना ज्ञान के, कर्म का परिणाम अधूरा रहता है। ज्ञान के बिना हम अपने कार्यों के परिणामों को समझने में असमर्थ रहते हैं, और इससे हमारे कर्मों में अनियंत्रितता आती है। अगली ओर, कर्म बिना ज्ञान के असमर्थ हो जाता है, क्योंकि अगर हमारे पास सही ज्ञान नहीं है, तो हम ठीक काम कैसे कर सकते हैं, इसे समझने में असमRead more
बिना ज्ञान के, कर्म का परिणाम अधूरा रहता है। ज्ञान के बिना हम अपने कार्यों के परिणामों को समझने में असमर्थ रहते हैं, और इससे हमारे कर्मों में अनियंत्रितता आती है। अगली ओर, कर्म बिना ज्ञान के असमर्थ हो जाता है, क्योंकि अगर हमारे पास सही ज्ञान नहीं है, तो हम ठीक काम कैसे कर सकते हैं, इसे समझने में असमर्थ होते हैं।
ज्ञान के साथ कर्म करने पर ही हम अपने कार्यों के परिणामों को सही रूप से समझते हैं और ठीक क्रम में काम करते हैं। उचित ज्ञान के साथ, हम अपने कर्मों को बेहतर बना सकते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की संभावना बढ़ा सकते हैं।
बलिदान यहाँ पर उचित मार्गदर्शन और सहायता का प्रतीक है। जब हम अपने ज्ञान और कर्म के माध्यम से समाज की सेवा में अपना योगदान देते हैं, तो हम अपने आप को बलिदान करते हैं। यहाँ, बलिदान का मतलब है कि हम अपने व्यक्तिगत सांसारिक और मानसिक आराम की बजाय समाज के लिए समर्पित हो जाते हैं।
इस प्रकार, ज्ञान, कर्म, और बलिदान एक-दूसरे के साथ परस्परिक रूप से जड़े होते हैं। ज्ञान के साथ कर्म करते हुए हम अपने उद्देश्यों को प्राप्त कर सकते हैं, और बलिदान के माध्यम से हम समाज के लिए सेवा करते हुए आत्म-समर्पण का अनुभव करते हैं।
"बलिदानी को जीवन" का आशय है कि जीवन में समर्पण और सेवा के माध्यम से सत्य, न्याय, और समृद्धि की ओर प्रयास करना। यह अर्थ है कि व्यक्ति अपने जीवन को समाज के लिए बलिदान करता है, स्वार्थ की बजाय समाज की सेवा में अपना समय, ऊर्जा, और योगदान देता है। बलिदानी जीवन विभिन्न रूपों में प्रकट हो सकता है। यह दान,Read more
“बलिदानी को जीवन” का आशय है कि जीवन में समर्पण और सेवा के माध्यम से सत्य, न्याय, और समृद्धि की ओर प्रयास करना। यह अर्थ है कि व्यक्ति अपने जीवन को समाज के लिए बलिदान करता है, स्वार्थ की बजाय समाज की सेवा में अपना समय, ऊर्जा, और योगदान देता है।
बलिदानी जीवन विभिन्न रूपों में प्रकट हो सकता है। यह दान, सेवा, शिक्षा, और सामाजिक कार्यों के माध्यम से हो सकता है। बलिदानी जीवन का मतलब है कि व्यक्ति अपने आत्मा को और अपने संस्कृति, समाज, और परिवार को समर्पित करता है।
बलिदानी को जीवन जीने वाले व्यक्ति अपने कामों में समर्पितता, समर्थन, और समाज सेवा की भावना को उत्कृष्टता के रूप में अनुभव करते हैं। उन्हें अपने जीवन का मतलब और उद्देश्य में समाज की सेवा और उत्थान को स्थायी रूप से समाहित किया जाता है।
इस प्रकार, “बलिदानी को जीवन” का आशय है कि जीवन का सही मतलब उसे अपने और अन्यों के लिए समर्पित करना है, और इससे समृद्धि, संवाद, और सहायता की भावना का अनुभव होता है।
नन्हे-से बछड़े द्वारा उछल-कूद मचाना से कवि का क्या आशय है? NIOS Class 10 Hindi Chapter 7
(ख) नन्हे-से बछड़े द्वारा उछल-कूद मचाना से कवि का आशय है उन्मुक्त और उच्छृंखल होना।
(ख) नन्हे-से बछड़े द्वारा उछल-कूद मचाना से कवि का आशय है उन्मुक्त और उच्छृंखल होना।
See lessअंधकार से प्रकाश की ओर उन्मुख होने का आशय है- NIOS Class 10 Hindi Chapter 7
(ख) अंधकार से प्रकाश की ओर उन्मुख होने का आशय है- अज्ञान से ज्ञान की ओर जाना।
(ख) अंधकार से प्रकाश की ओर उन्मुख होने का आशय है- अज्ञान से ज्ञान की ओर जाना।
See lessआजादी का मतलब है- NIOS Class 10 Hindi Chapter 7
(ख) आजादी का मतलब है- अनिवार्य आवश्यकता की पूर्ति।
(ख) आजादी का मतलब है- अनिवार्य आवश्यकता की पूर्ति।
See lessशागिर्द ने अपने सवाल आजादी क्या होती है, के दौरान् कुछ जिज्ञासाएँ व्यक्त की थीं। क्या उन जिज्ञासाओं के साथ आप कुछ और जिज्ञासाएँ जोड़ सकते हैं? यदि हाँ, तो लिखिए। NIOS Class 10 Hindi Chapter 7
शागिर्द ने अपने सवाल ‘आजादी क्या होती है’ के दौरान् अपने उस्ताद से कुछ जिज्ञासाएँ व्यक्त की थीं। ‘‘उस्ताद जी, आजादी क्या होती है?’’ 1. ‘‘क्या वह चरागाह में उछल-कूद मचाता नन्हा-सा बछड़ा है? 2. या सूरज में घोंसला बनाने को उड़ी जाती चिडि़या? 3. या उत्तर दिशा में दौड़ती सीटी बजाती रेलगाड़ी? 4. या अँधेरेRead more
शागिर्द ने अपने सवाल ‘आजादी क्या होती है’ के दौरान् अपने उस्ताद से कुछ जिज्ञासाएँ व्यक्त की थीं।
See less‘‘उस्ताद जी, आजादी क्या होती है?’’
1. ‘‘क्या वह चरागाह में उछल-कूद मचाता नन्हा-सा बछड़ा है?
2. या सूरज में घोंसला बनाने को उड़ी जाती चिडि़या?
3. या उत्तर दिशा में दौड़ती सीटी बजाती रेलगाड़ी?
4. या अँधेरे में चलता मुसाफि़र जिसकी कामना करता है वह लैंपपोस्ट?
5. निश्चिंत नींद?
6. या इस अनंत कपड़े, शाश्वत रूप से गतिमान पहिए और कभी न रुकने वाली सुई से मेरी मुक्ति?’’
क्या आजादी का संबंध कर्म से है? कैसे? समझाकर लिखिए। NIOS Class 10 Hindi Chapter 7
कर्म और स्वतंत्रता एक दूसरे को पूरक करते हैं। कर्म हमें स्वतंत्रता प्राप्त करने, आत्म-साक्षात्कार प्राप्त करने, सामाजिक परिवर्तन लाने और आत्म-अनुशासन विकसित करने में मदद करते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कर्म का अर्थ केवल शारीरिक श्रम नहीं है। इसमें मानसिक और भावनात्मक प्रयास भी शामिल हैं। जबRead more
कर्म और स्वतंत्रता एक दूसरे को पूरक करते हैं। कर्म हमें स्वतंत्रता प्राप्त करने, आत्म-साक्षात्कार प्राप्त करने, सामाजिक परिवर्तन लाने और आत्म-अनुशासन विकसित करने में मदद करते हैं।
See lessयह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कर्म का अर्थ केवल शारीरिक श्रम नहीं है। इसमें मानसिक और भावनात्मक प्रयास भी शामिल हैं।
जब हम अपनी पूरी क्षमता से और सकारात्मक उद्देश्यों के लिए कर्म करते हैं, तो हम स्वतंत्रता की सच्ची भावना का अनुभव कर सकते हैं।
आपकी दृष्टि में आजादी का सही अधिकारी कौन है और क्यों? NIOS Class 10 Hindi Chapter 7
आजादी का सही अधिकारी वह होता है जो समाज में समानता, न्याय, और स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करता है। यह व्यक्ति वह होता है जो समाज के हर व्यक्ति को उनके मौलिक अधिकारों का आनंद लेने की सुनिश्चित करता है और समाज में अन्याय और भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ता है। इसके अलावा, वह व्यक्ति भी हो सकता है जो लोगों कोRead more
आजादी का सही अधिकारी वह होता है जो समाज में समानता, न्याय, और स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करता है। यह व्यक्ति वह होता है जो समाज के हर व्यक्ति को उनके मौलिक अधिकारों का आनंद लेने की सुनिश्चित करता है और समाज में अन्याय और भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ता है। इसके अलावा, वह व्यक्ति भी हो सकता है जो लोगों को उनकी स्वतंत्रता का सम्मान करने की शिक्षा देता है और उन्हें अपने निर्णयों का स्वतंत्रता से लाभ उठाने की सामर्थ्य प्रदान करता है।
See lessअपनी आजादी को लेकर आप भी परिवार में कई बार तनावग्रस्त हुए होंगे। आप तनावमुक्त कैसे हुए, उसका उल्लेख कीजिए। NIOS Class 10 Hindi Chapter 7
जीवन में तनाव आना सामान्य बात है, और मैं भी इससे परिचित हूँ। मेरे जीवन में भी कई बार तनाव का सामना हुआ है, खासकर जब मेरे पास सीमित समय होता है और कई सारे काम एक साथ करने होते हैं। तनाव से निपटने के लिए, मैंने कुछ तकनीकी का अभ्यास किया है। पहले, मैं अपने आप को शांत करने के लिए गहरी सांस लेता हूँ और थRead more
जीवन में तनाव आना सामान्य बात है, और मैं भी इससे परिचित हूँ। मेरे जीवन में भी कई बार तनाव का सामना हुआ है, खासकर जब मेरे पास सीमित समय होता है और कई सारे काम एक साथ करने होते हैं।
See lessतनाव से निपटने के लिए, मैंने कुछ तकनीकी का अभ्यास किया है। पहले, मैं अपने आप को शांत करने के लिए गहरी सांस लेता हूँ और थोड़ी देर के लिए ध्यान केंद्रित करता हूँ। ध्यान करने से मेरे मस्तिष्क को शांति मिलती है और मैं अधिक निर्णयकारी हो जाता हूँ।
दूसरा, मैं अपने समस्याओं को सामने लाने और उन्हें हल करने के लिए एक योजना बनाता हूँ। यह मुझे अपनी समस्याओं को संभालने में मदद करता है और मुझे अधिक सकारात्मक महसूस कराता है।
तीसरा, मैं अपने दोस्तों और परिवार के साथ अपनी बातें साझा करता हूँ। वे मेरे साथ सहानुभूति और समर्थन प्रदान करते हैं, जिससे मैं अधिक प्रसन्न और सकारात्मक महसूस करता हूँ।
इन तकनीकों का अभ्यास करने से, मैं तनाव से कुशलतापूर्वक निपट लेता हूँ और अब ज़िंदगी को बेहतर ढंग से स्वीकार करता हूँ।
निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए पर जो कपड़े नहीं सिएगा सपने भी नहीं देख सकेगा सुई की चमकीली नोंक पर टिकी है आजादी। NIOS Class 10 Hindi Chapter 7
कविता के इस तीसरे अंश में दर्जी यानी उस्ताद ने आजादी को कर्म से जोड़ा है। कपड़े सीने का उल्लेख करते हुए दर्जी ने कर्म की ओर संकेत किया है। कर्मठ व्यक्ति ही सपने देख सकता है। कहने का आशय यह है कि जो परिश्रम करेगा उसी के सपने पूरे होंगे। सुई की चमकदार नोंक पर आजादी टिकी हुई है अर्थात् कर्म करते रहने मRead more
कविता के इस तीसरे अंश में दर्जी यानी उस्ताद ने आजादी को कर्म से जोड़ा है। कपड़े सीने का उल्लेख करते हुए दर्जी ने कर्म की ओर संकेत किया है। कर्मठ व्यक्ति ही सपने देख सकता है। कहने का आशय यह है कि जो परिश्रम करेगा उसी के सपने पूरे होंगे। सुई की चमकदार नोंक पर आजादी टिकी हुई है अर्थात् कर्म करते रहने में ही आजादी है। कपड़े सिए जायेंगे, सुई चलती रहेगी यानी कर्म जारी रहेगा, तो आजादी बनी रहेगी। आजादी को बनाए रखने के लिए कर्म का सर्वाधिक महत्त्व है।
See lessअपने परिवेश से उदाहरण देते हुए ज्ञान, कर्म और बलिदान के पारस्परिक संबंध को स्पष्ट कीजिए। NIOS Class 10 Hindi Chapter 7
बिना ज्ञान के, कर्म का परिणाम अधूरा रहता है। ज्ञान के बिना हम अपने कार्यों के परिणामों को समझने में असमर्थ रहते हैं, और इससे हमारे कर्मों में अनियंत्रितता आती है। अगली ओर, कर्म बिना ज्ञान के असमर्थ हो जाता है, क्योंकि अगर हमारे पास सही ज्ञान नहीं है, तो हम ठीक काम कैसे कर सकते हैं, इसे समझने में असमRead more
बिना ज्ञान के, कर्म का परिणाम अधूरा रहता है। ज्ञान के बिना हम अपने कार्यों के परिणामों को समझने में असमर्थ रहते हैं, और इससे हमारे कर्मों में अनियंत्रितता आती है। अगली ओर, कर्म बिना ज्ञान के असमर्थ हो जाता है, क्योंकि अगर हमारे पास सही ज्ञान नहीं है, तो हम ठीक काम कैसे कर सकते हैं, इसे समझने में असमर्थ होते हैं।
See lessज्ञान के साथ कर्म करने पर ही हम अपने कार्यों के परिणामों को सही रूप से समझते हैं और ठीक क्रम में काम करते हैं। उचित ज्ञान के साथ, हम अपने कर्मों को बेहतर बना सकते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की संभावना बढ़ा सकते हैं।
बलिदान यहाँ पर उचित मार्गदर्शन और सहायता का प्रतीक है। जब हम अपने ज्ञान और कर्म के माध्यम से समाज की सेवा में अपना योगदान देते हैं, तो हम अपने आप को बलिदान करते हैं। यहाँ, बलिदान का मतलब है कि हम अपने व्यक्तिगत सांसारिक और मानसिक आराम की बजाय समाज के लिए समर्पित हो जाते हैं।
इस प्रकार, ज्ञान, कर्म, और बलिदान एक-दूसरे के साथ परस्परिक रूप से जड़े होते हैं। ज्ञान के साथ कर्म करते हुए हम अपने उद्देश्यों को प्राप्त कर सकते हैं, और बलिदान के माध्यम से हम समाज के लिए सेवा करते हुए आत्म-समर्पण का अनुभव करते हैं।
बलिदानी को जीवन का आशय स्पष्ट कीजिए। NIOS Class 10 Hindi Chapter 7
"बलिदानी को जीवन" का आशय है कि जीवन में समर्पण और सेवा के माध्यम से सत्य, न्याय, और समृद्धि की ओर प्रयास करना। यह अर्थ है कि व्यक्ति अपने जीवन को समाज के लिए बलिदान करता है, स्वार्थ की बजाय समाज की सेवा में अपना समय, ऊर्जा, और योगदान देता है। बलिदानी जीवन विभिन्न रूपों में प्रकट हो सकता है। यह दान,Read more
“बलिदानी को जीवन” का आशय है कि जीवन में समर्पण और सेवा के माध्यम से सत्य, न्याय, और समृद्धि की ओर प्रयास करना। यह अर्थ है कि व्यक्ति अपने जीवन को समाज के लिए बलिदान करता है, स्वार्थ की बजाय समाज की सेवा में अपना समय, ऊर्जा, और योगदान देता है।
See lessबलिदानी जीवन विभिन्न रूपों में प्रकट हो सकता है। यह दान, सेवा, शिक्षा, और सामाजिक कार्यों के माध्यम से हो सकता है। बलिदानी जीवन का मतलब है कि व्यक्ति अपने आत्मा को और अपने संस्कृति, समाज, और परिवार को समर्पित करता है।
बलिदानी को जीवन जीने वाले व्यक्ति अपने कामों में समर्पितता, समर्थन, और समाज सेवा की भावना को उत्कृष्टता के रूप में अनुभव करते हैं। उन्हें अपने जीवन का मतलब और उद्देश्य में समाज की सेवा और उत्थान को स्थायी रूप से समाहित किया जाता है।
इस प्रकार, “बलिदानी को जीवन” का आशय है कि जीवन का सही मतलब उसे अपने और अन्यों के लिए समर्पित करना है, और इससे समृद्धि, संवाद, और सहायता की भावना का अनुभव होता है।