जब बहादुर को अपने घर की याद आती थी तो वह अपनी जेब से कुछ चीज़ें निकलकर अपने बिस्तरे पर सजा देता था। कुछ गोलियाँ, पुराने ताश की एक गड्डी, कुछ ख़ूबसूरत पत्थर के टुकड़े, ब्लेड, कागज़ की नावें। वह कुछ देर तक उनसे खेलता था। उसके बाद वह धीमे-धीमे स्वर में गुनगुनाने लगता था। उन पहाड़ी गानों का अर्थ हम समझRead more
जब बहादुर को अपने घर की याद आती थी तो वह अपनी जेब से कुछ चीज़ें निकलकर अपने बिस्तरे पर सजा देता था। कुछ गोलियाँ, पुराने ताश की एक गड्डी, कुछ ख़ूबसूरत पत्थर के टुकड़े, ब्लेड, कागज़ की नावें। वह कुछ देर तक उनसे खेलता था। उसके बाद वह धीमे-धीमे स्वर में गुनगुनाने लगता था। उन पहाड़ी गानों का अर्थ हम समझ नहीं पाते थे, पर उनकी मीठी उदासी सारे घर में फैल जाती, जैसे कोई पहाड़ की निर्जनता में अपने किसी बिछुड़े हुए साथी को बुला रहा हो।
'बहादुर' कहानी के आधार पर मध्यवर्गीय परिवार की कुछ प्रवृत्तियाँ: 1. सामाजिक प्रतिष्ठा की इच्छा: कहानी में, वाचक और निर्मला एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वे अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा को बनाए रखने और समाज में उच्च दर्जा प्राप्त करने के लिए बहुत चिंतित हैं। यह चिंता उन्हें नौकर रखने और दिखावेRead more
‘बहादुर’ कहानी के आधार पर मध्यवर्गीय परिवार की कुछ प्रवृत्तियाँ:
1. सामाजिक प्रतिष्ठा की इच्छा:
कहानी में, वाचक और निर्मला एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वे अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा को बनाए रखने और समाज में उच्च दर्जा प्राप्त करने के लिए बहुत चिंतित हैं। यह चिंता उन्हें नौकर रखने और दिखावे के लिए खर्च करने जैसी गलतियों के लिए प्रेरित करती है।
2. भौतिकवाद:
वाचक और निर्मला भौतिक चीजों को बहुत महत्व देते हैं। वे एक बड़ा घर, महंगे कपड़े और फर्नीचर चाहते हैं। यह भौतिकवाद उन्हें अपनी वास्तविक आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं से दूर ले जाता है।
3. सामाजिक दबाव के प्रति संवेदनशीलता:
वाचक और निर्मला समाज के दबाव और अपेक्षाओं से बहुत प्रभावित होते हैं। वे नौकर रखने और एक निश्चित जीवनशैली अपनाने जैसे निर्णय लेते हैं, भले ही वे उनके लिए सही न हों।
4. पारिवारिक मूल्यों का ह्रास:
कहानी में, पारिवारिक मूल्यों और रिश्तों को कम महत्व दिया जाता है। वाचक और निर्मला अपने काम और सामाजिक जीवन में व्यस्त रहते हैं, जिसके कारण उनके बीच संवाद और समझ कम हो जाती है। वे अपने माता-पिता और बहादुर जैसी करीबी रिश्तों की उपेक्षा करते हैं।
5. स्त्री-पुरुष असमानता:
कहानी में, स्त्री-पुरुष भूमिकाओं को पारंपरिक रूप से दर्शाया गया है। निर्मला को घर के सभी काम करने और पति की देखभाल करने की जिम्मेदारी दी जाती है। वाचक को बाहर काम करने और परिवार का भरण-पोषण करने की जिम्मेदारी दी जाती है। यह असमानता निर्मला पर बोझ डालती है और उसे कमजोर बनाती है।
'बहादुर' कहानी में नौकर रखने की आवश्यकता और उसके कारण: वाचक के लिए नौकर रखने की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से थी: बढ़ती सामाजिक स्थिति: वाचक की सामाजिक स्थिति बढ़ रही थी। उसके परिवार में सभी भाई-बहन सरकारी नौकरी में थे और उनके घरों में नौकर-चाकर थे। किशोर को भी अपने घर में नौकर रखने की इच्छा थी, ताकिRead more
‘बहादुर’ कहानी में नौकर रखने की आवश्यकता और उसके कारण:
वाचक के लिए नौकर रखने की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से थी:
बढ़ती सामाजिक स्थिति: वाचक की सामाजिक स्थिति बढ़ रही थी। उसके परिवार में सभी भाई-बहन सरकारी नौकरी में थे और उनके घरों में नौकर-चाकर थे। किशोर को भी अपने घर में नौकर रखने की इच्छा थी, ताकि वह भी समाज में उच्च दर्जा प्राप्त कर सके।
घरेलू कामों का बोझ: वाचक की पत्नी, निर्मला, घर के सभी काम अकेले करती थी। यह बोझ उसके लिए बहुत अधिक था, जिसके कारण वह थकान और बीमारी से ग्रस्त रहने लगी थी। किशोर को लगा कि नौकर रखने से निर्मला को राहत मिलेगी और वह अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दे सकेगी।
प्रतिष्ठा: उस समय के समाज में, नौकर रखना एक प्रतिष्ठा का विषय माना जाता था। वाचक को लगा कि नौकर रखने से उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी और लोग उसे एक सफल व्यक्ति मानेंगे।
जब बहादुर को अपने घर की याद आती थी तो वह क्या करता था? NIOS Class 10 Hindi Chapter 1
जब बहादुर को अपने घर की याद आती थी तो वह अपनी जेब से कुछ चीज़ें निकलकर अपने बिस्तरे पर सजा देता था। कुछ गोलियाँ, पुराने ताश की एक गड्डी, कुछ ख़ूबसूरत पत्थर के टुकड़े, ब्लेड, कागज़ की नावें। वह कुछ देर तक उनसे खेलता था। उसके बाद वह धीमे-धीमे स्वर में गुनगुनाने लगता था। उन पहाड़ी गानों का अर्थ हम समझRead more
जब बहादुर को अपने घर की याद आती थी तो वह अपनी जेब से कुछ चीज़ें निकलकर अपने बिस्तरे पर सजा देता था। कुछ गोलियाँ, पुराने ताश की एक गड्डी, कुछ ख़ूबसूरत पत्थर के टुकड़े, ब्लेड, कागज़ की नावें। वह कुछ देर तक उनसे खेलता था। उसके बाद वह धीमे-धीमे स्वर में गुनगुनाने लगता था। उन पहाड़ी गानों का अर्थ हम समझ नहीं पाते थे, पर उनकी मीठी उदासी सारे घर में फैल जाती, जैसे कोई पहाड़ की निर्जनता में अपने किसी बिछुड़े हुए साथी को बुला रहा हो।
See lessबहादुर कहानी के आधार पर मध्यवर्गीय परिवार की कुछ प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए। NIOS Class 10 Hindi Chapter 1
'बहादुर' कहानी के आधार पर मध्यवर्गीय परिवार की कुछ प्रवृत्तियाँ: 1. सामाजिक प्रतिष्ठा की इच्छा: कहानी में, वाचक और निर्मला एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वे अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा को बनाए रखने और समाज में उच्च दर्जा प्राप्त करने के लिए बहुत चिंतित हैं। यह चिंता उन्हें नौकर रखने और दिखावेRead more
‘बहादुर’ कहानी के आधार पर मध्यवर्गीय परिवार की कुछ प्रवृत्तियाँ:
See less1. सामाजिक प्रतिष्ठा की इच्छा:
कहानी में, वाचक और निर्मला एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वे अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा को बनाए रखने और समाज में उच्च दर्जा प्राप्त करने के लिए बहुत चिंतित हैं। यह चिंता उन्हें नौकर रखने और दिखावे के लिए खर्च करने जैसी गलतियों के लिए प्रेरित करती है।
2. भौतिकवाद:
वाचक और निर्मला भौतिक चीजों को बहुत महत्व देते हैं। वे एक बड़ा घर, महंगे कपड़े और फर्नीचर चाहते हैं। यह भौतिकवाद उन्हें अपनी वास्तविक आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं से दूर ले जाता है।
3. सामाजिक दबाव के प्रति संवेदनशीलता:
वाचक और निर्मला समाज के दबाव और अपेक्षाओं से बहुत प्रभावित होते हैं। वे नौकर रखने और एक निश्चित जीवनशैली अपनाने जैसे निर्णय लेते हैं, भले ही वे उनके लिए सही न हों।
4. पारिवारिक मूल्यों का ह्रास:
कहानी में, पारिवारिक मूल्यों और रिश्तों को कम महत्व दिया जाता है। वाचक और निर्मला अपने काम और सामाजिक जीवन में व्यस्त रहते हैं, जिसके कारण उनके बीच संवाद और समझ कम हो जाती है। वे अपने माता-पिता और बहादुर जैसी करीबी रिश्तों की उपेक्षा करते हैं।
5. स्त्री-पुरुष असमानता:
कहानी में, स्त्री-पुरुष भूमिकाओं को पारंपरिक रूप से दर्शाया गया है। निर्मला को घर के सभी काम करने और पति की देखभाल करने की जिम्मेदारी दी जाती है। वाचक को बाहर काम करने और परिवार का भरण-पोषण करने की जिम्मेदारी दी जाती है। यह असमानता निर्मला पर बोझ डालती है और उसे कमजोर बनाती है।
वाचक के लिए नौकर रखना किन कारणों से आवश्यक था? आपकी दृष्टि में क्या वे कारण उचित थे? उल्लेख कीजिए। NIOS Class 10 Hindi Chapter 1
'बहादुर' कहानी में नौकर रखने की आवश्यकता और उसके कारण: वाचक के लिए नौकर रखने की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से थी: बढ़ती सामाजिक स्थिति: वाचक की सामाजिक स्थिति बढ़ रही थी। उसके परिवार में सभी भाई-बहन सरकारी नौकरी में थे और उनके घरों में नौकर-चाकर थे। किशोर को भी अपने घर में नौकर रखने की इच्छा थी, ताकिRead more
‘बहादुर’ कहानी में नौकर रखने की आवश्यकता और उसके कारण:
वाचक के लिए नौकर रखने की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से थी:
बढ़ती सामाजिक स्थिति: वाचक की सामाजिक स्थिति बढ़ रही थी। उसके परिवार में सभी भाई-बहन सरकारी नौकरी में थे और उनके घरों में नौकर-चाकर थे। किशोर को भी अपने घर में नौकर रखने की इच्छा थी, ताकि वह भी समाज में उच्च दर्जा प्राप्त कर सके।
See lessघरेलू कामों का बोझ: वाचक की पत्नी, निर्मला, घर के सभी काम अकेले करती थी। यह बोझ उसके लिए बहुत अधिक था, जिसके कारण वह थकान और बीमारी से ग्रस्त रहने लगी थी। किशोर को लगा कि नौकर रखने से निर्मला को राहत मिलेगी और वह अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दे सकेगी।
प्रतिष्ठा: उस समय के समाज में, नौकर रखना एक प्रतिष्ठा का विषय माना जाता था। वाचक को लगा कि नौकर रखने से उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी और लोग उसे एक सफल व्यक्ति मानेंगे।
बहादुर घर में फिरकी की तरह नाचता रहता था का आशय है कि वह- NIOS Class 10 Hindi Chapter 1
‘बहादुर घर में फिरकी की तरह नाचता रहता था’ का आशय है कि वह काम करने के लिए इधर से उधर दौड़ता रहता था।
‘बहादुर घर में फिरकी की तरह नाचता रहता था’ का आशय है कि वह काम करने के लिए इधर से उधर दौड़ता रहता था।
See lessनिम्नलिखित शब्द-समूह में से बेमेल शब्द-समूह को चुनिए NIOS Class 10 Hindi Chapter 1
तद्भव- आँखें, खेत, बँसखट शब्द-समूह बेमेल है।
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See lessबहादुर कहानी के अंत में क्या अभिव्यक्त नहीं होता? NIOS Class 10 Hindi Chapter 1
‘बहादुर’ कहानी के अंत में घृणा अभिव्यक्त नहीं होती है।
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See lessमाँ बाप का कर्जा तो जन्म भर भरा जाता है, बहादुर के इस कथन से पता लगता है कि NIOS, Class 10, Hindi, Chapter 1
’माँ बाप का कर्जा तो जन्म भर भरा जाता है,’ बहादुर के इस कथन से पता लगता है कि उसे माँ-बाप के प्रति अपने कर्तव्य का बोध है।
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See lessबहादुर बहुत संवेदनशील है, क्योंकि- NIOS, Class 10, Hindi, Chapter 1
बहादुर बहुत संवेदनशील है, क्योंकि झूठे आरोप लगने पर वह घर से भाग जाता है।
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See lessदेख बे, मेरा काम सबसे पहले होना चाहिए। अगर एक काम भी छूटा, तो मारते-मारते हुलिया टाइट कर दूँगा – यह कथन किसका है?
‘‘देख बे, मेरा काम सबसे पहले होना चाहिए। अगर एक काम भी छूटा, तो मारते-मारते हुलिया टाइट कर दूँगा’’ - यह कथन किशोर का है।
‘‘देख बे, मेरा काम सबसे पहले होना चाहिए। अगर एक काम भी छूटा, तो मारते-मारते हुलिया टाइट कर दूँगा’’ – यह कथन किशोर का है।
See lessमाँ-बाप का कर्जा तो जन्म भर भरा जाता है – यह वाक्य किसका है?
‘‘माँ-बाप का कर्जा तो जन्म भर भरा जाता है’’ - यह वाक्य बहादुर का है।
‘‘माँ-बाप का कर्जा तो जन्म भर भरा जाता है’’ – यह वाक्य बहादुर का है।
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