मेरा मित्र, बूढ़ा तोता: चंचल पंख, हरी पन्ना जैसी आँखें, चमकीली चोंच, मधुर आवाज का रसधार। यह वर्णन मेरे सबसे प्यारे दोस्त, बूढ़े तोते का है। स्निग्धा रोयें: उसके पंखों का रंग हरा है, जो धूप में चमकता है, जैसे हजारों हरी पन्ना जड़ित हों। झब्बेदार पूँछ: उसकी पूँछ लम्बी और घनी है, जो चलते समय हवा में लहRead more
मेरा मित्र, बूढ़ा तोता:
चंचल पंख, हरी पन्ना जैसी आँखें, चमकीली चोंच, मधुर आवाज का रसधार। यह वर्णन मेरे सबसे प्यारे दोस्त, बूढ़े तोते का है।
स्निग्धा रोयें: उसके पंखों का रंग हरा है, जो धूप में चमकता है, जैसे हजारों हरी पन्ना जड़ित हों।
झब्बेदार पूँछ: उसकी पूँछ लम्बी और घनी है, जो चलते समय हवा में लहराती है।
नीले काँच के मोतियों जैसी आँखें: उसकी आँखें बड़ी और चमकदार हैं, जो नीले कांच के मोतियों की तरह चमकती हैं।
दो नन्हें पंजे: उसके पैर छोटे और नाजुक हैं, जिनसे वो आसानी से पिंजरे की सलाखों पर चढ़ जाता है।
हमने एक कुत्ता पाला हुआ था जिसका नाम शेरू था यह एक भोटिया नस्ल का कुत्ता था। ऊँची कद काठी और रौबदार चेहरा जिसे देखकर आमतौर पर लोग डर जाते थे। स्वभाव से वह शांत था। घर में सभी लोग उससे बहुत प्यार करते थे तथा वह भी एक आज्ञाकारी बच्चे की तरह सभी की बात मानता था। कुत्तों की उम्र लगभग आठ से दस वर्ष होतीRead more
हमने एक कुत्ता पाला हुआ था जिसका नाम शेरू था यह एक भोटिया नस्ल का कुत्ता था। ऊँची कद काठी और रौबदार चेहरा जिसे देखकर आमतौर पर लोग डर जाते थे। स्वभाव से वह शांत था। घर में सभी लोग उससे बहुत प्यार करते थे तथा वह भी एक आज्ञाकारी बच्चे की तरह सभी की बात मानता था। कुत्तों की उम्र लगभग आठ से दस वर्ष होती है। कुछ विशेष परिस्थितियों में 12 वर्ष तक जी लेते हैं। हमारा शेरू भी हमारे साथ ग्यारह साल तक रहा। जब उसका अंतिम समय आया तो दो दिन पहले ही उसने खाना पीना छोड़ दिया। एकदम शांत होकर अपने बिस्तर पर बैठ गया। दूसरे दिन दोपहर बाद उसने आँखे बंद की और फिर दुबारा नहीं खोली। उसकी विदाई से घर के सभी लोग दुखी थे। घर के पास की बगिया में नीम्बू के पेड़ के नीचे उसे दफनाया गया। बाद में भी नीम्बू के पेड़ और उसपर लगने वाले फल देखकर बरबस शेरू की याद आती है।
इस रेखाचित्रा की भाषा-शैली की विशेषताओं पर विचार करते हैं। इस रेखाचित्र के विषय में यह महसूस किया होता है कि इसे पढ़ना शुरू करें तो पूरा पढ़ जाने की इच्छा होती है। वास्तव में इसका एक कारण यह है कि यह रेखाचित्र रोचक तो है ही, इसकी भाषा भी बहुत ही सरल, सरस और प्रवाहपूर्ण है। लेखिका ने इसमें आम बोलचालRead more
इस रेखाचित्रा की भाषा-शैली की विशेषताओं पर विचार करते हैं। इस रेखाचित्र के विषय में यह महसूस किया होता है कि इसे पढ़ना शुरू करें तो पूरा पढ़ जाने की इच्छा होती है। वास्तव में इसका एक कारण यह है कि यह रेखाचित्र रोचक तो है ही, इसकी भाषा भी बहुत ही सरल, सरस और प्रवाहपूर्ण है। लेखिका ने इसमें आम बोलचाल की भाषा का प्रयोग किया है अर्थात्, हमारे दैनिक जीवन में जिन शब्दों का प्रयोग होता है, उन्हीं शब्दों का प्रयोग लेखिका ने किया है। इसमें तत्सम शब्दों का प्रयोग भी है, इसके अतिरिक्त आम बोलचाल में आने वाले अंग्रेज़ी एवं अन्य भाषाओं के कुछ शब्द भी हैं। ये सभी शब्द इस रेखाचित्र में सहज रूप में आ गए हैं। इसीलिए भाषा में स्पष्टता बनी रहती है।
गिल्लू की चंचलता बहुत ही हास्यपूर्ण होने के कारण लोगों को उससे खुशी मिलती थी इसलिए उसकी चंचलता बहुत पसंद आई। गिल्लू एक छोटा जीव होते हुए भी बहुत ही समझदार और करुणावान था उसका बदलता सुंदर व्यक्तित्व मुझे बहुत पसंद आया। गिल्लू की समझदारी, उसका भोलापन मुझे बहुत पसंद आया।
गिल्लू की चंचलता बहुत ही हास्यपूर्ण होने के कारण लोगों को उससे खुशी मिलती थी इसलिए उसकी चंचलता बहुत पसंद आई। गिल्लू एक छोटा जीव होते हुए भी बहुत ही समझदार और करुणावान था उसका बदलता सुंदर व्यक्तित्व मुझे बहुत पसंद आया। गिल्लू की समझदारी, उसका भोलापन मुझे बहुत पसंद आया।
गिल्लू को जाली के पास बैठकर अपनेपन से बाहर झाँकते देख कर लेखिका को लगा कि इसे मुक्त करना आवश्यक है। लेखिका ने कीलें निकालकर जाली का एक कोना खोल दिया और इस मार्ग से गिल्लू ने बाहर जाने पर सचमुच ही मुक्ति की साँस ली।
गिल्लू को जाली के पास बैठकर अपनेपन से बाहर झाँकते देख कर लेखिका को लगा कि इसे मुक्त करना आवश्यक है। लेखिका ने कीलें निकालकर जाली का एक कोना खोल दिया और इस मार्ग से गिल्लू ने बाहर जाने पर सचमुच ही मुक्ति की साँस ली।
पाठ में गिल्लू का वर्णन इस प्रकार है- स्निग्धा रोयें, झब्बेदार पूँछ, नीले काँच के मोतियों जैसी आखें, दो नन्हें पंजे। आप भी किसी पालतू जानवर/पक्षी/मनुष्येतर प्राणी का वर्णन इसी प्रकार की भाषा में कीजिए। NIOS Class 10 Hindi Chapter 3
मेरा मित्र, बूढ़ा तोता: चंचल पंख, हरी पन्ना जैसी आँखें, चमकीली चोंच, मधुर आवाज का रसधार। यह वर्णन मेरे सबसे प्यारे दोस्त, बूढ़े तोते का है। स्निग्धा रोयें: उसके पंखों का रंग हरा है, जो धूप में चमकता है, जैसे हजारों हरी पन्ना जड़ित हों। झब्बेदार पूँछ: उसकी पूँछ लम्बी और घनी है, जो चलते समय हवा में लहRead more
मेरा मित्र, बूढ़ा तोता:
See lessचंचल पंख, हरी पन्ना जैसी आँखें, चमकीली चोंच, मधुर आवाज का रसधार। यह वर्णन मेरे सबसे प्यारे दोस्त, बूढ़े तोते का है।
स्निग्धा रोयें: उसके पंखों का रंग हरा है, जो धूप में चमकता है, जैसे हजारों हरी पन्ना जड़ित हों।
झब्बेदार पूँछ: उसकी पूँछ लम्बी और घनी है, जो चलते समय हवा में लहराती है।
नीले काँच के मोतियों जैसी आँखें: उसकी आँखें बड़ी और चमकदार हैं, जो नीले कांच के मोतियों की तरह चमकती हैं।
दो नन्हें पंजे: उसके पैर छोटे और नाजुक हैं, जिनसे वो आसानी से पिंजरे की सलाखों पर चढ़ जाता है।
रेखाचित्र के अंतिम अंश में गिल्लू की मृत्यु का मर्मस्पर्शी चित्रण हुआ है। आपने भी कभी कोई ऐसा दृश्य देखा होगा जिसका आपके मन पर गहरा प्रभाव पड़ा। उसका उल्लेख कीजिए। NIOS Class 10 Hindi Chapter 3
हमने एक कुत्ता पाला हुआ था जिसका नाम शेरू था यह एक भोटिया नस्ल का कुत्ता था। ऊँची कद काठी और रौबदार चेहरा जिसे देखकर आमतौर पर लोग डर जाते थे। स्वभाव से वह शांत था। घर में सभी लोग उससे बहुत प्यार करते थे तथा वह भी एक आज्ञाकारी बच्चे की तरह सभी की बात मानता था। कुत्तों की उम्र लगभग आठ से दस वर्ष होतीRead more
हमने एक कुत्ता पाला हुआ था जिसका नाम शेरू था यह एक भोटिया नस्ल का कुत्ता था। ऊँची कद काठी और रौबदार चेहरा जिसे देखकर आमतौर पर लोग डर जाते थे। स्वभाव से वह शांत था। घर में सभी लोग उससे बहुत प्यार करते थे तथा वह भी एक आज्ञाकारी बच्चे की तरह सभी की बात मानता था। कुत्तों की उम्र लगभग आठ से दस वर्ष होती है। कुछ विशेष परिस्थितियों में 12 वर्ष तक जी लेते हैं। हमारा शेरू भी हमारे साथ ग्यारह साल तक रहा। जब उसका अंतिम समय आया तो दो दिन पहले ही उसने खाना पीना छोड़ दिया। एकदम शांत होकर अपने बिस्तर पर बैठ गया। दूसरे दिन दोपहर बाद उसने आँखे बंद की और फिर दुबारा नहीं खोली। उसकी विदाई से घर के सभी लोग दुखी थे। घर के पास की बगिया में नीम्बू के पेड़ के नीचे उसे दफनाया गया। बाद में भी नीम्बू के पेड़ और उसपर लगने वाले फल देखकर बरबस शेरू की याद आती है।
See lessगिल्लू रेखाचित्र की भाषा की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। NIOS Class 10 Hindi Chapter 3
इस रेखाचित्रा की भाषा-शैली की विशेषताओं पर विचार करते हैं। इस रेखाचित्र के विषय में यह महसूस किया होता है कि इसे पढ़ना शुरू करें तो पूरा पढ़ जाने की इच्छा होती है। वास्तव में इसका एक कारण यह है कि यह रेखाचित्र रोचक तो है ही, इसकी भाषा भी बहुत ही सरल, सरस और प्रवाहपूर्ण है। लेखिका ने इसमें आम बोलचालRead more
इस रेखाचित्रा की भाषा-शैली की विशेषताओं पर विचार करते हैं। इस रेखाचित्र के विषय में यह महसूस किया होता है कि इसे पढ़ना शुरू करें तो पूरा पढ़ जाने की इच्छा होती है। वास्तव में इसका एक कारण यह है कि यह रेखाचित्र रोचक तो है ही, इसकी भाषा भी बहुत ही सरल, सरस और प्रवाहपूर्ण है। लेखिका ने इसमें आम बोलचाल की भाषा का प्रयोग किया है अर्थात्, हमारे दैनिक जीवन में जिन शब्दों का प्रयोग होता है, उन्हीं शब्दों का प्रयोग लेखिका ने किया है। इसमें तत्सम शब्दों का प्रयोग भी है, इसके अतिरिक्त आम बोलचाल में आने वाले अंग्रेज़ी एवं अन्य भाषाओं के कुछ शब्द भी हैं। ये सभी शब्द इस रेखाचित्र में सहज रूप में आ गए हैं। इसीलिए भाषा में स्पष्टता बनी रहती है।
See lessगिल्लू की कौन-सी बात आपको अच्छी लगी और क्यों? NIOS Class 10 Hindi Chapter 3
गिल्लू की चंचलता बहुत ही हास्यपूर्ण होने के कारण लोगों को उससे खुशी मिलती थी इसलिए उसकी चंचलता बहुत पसंद आई। गिल्लू एक छोटा जीव होते हुए भी बहुत ही समझदार और करुणावान था उसका बदलता सुंदर व्यक्तित्व मुझे बहुत पसंद आया। गिल्लू की समझदारी, उसका भोलापन मुझे बहुत पसंद आया।
गिल्लू की चंचलता बहुत ही हास्यपूर्ण होने के कारण लोगों को उससे खुशी मिलती थी इसलिए उसकी चंचलता बहुत पसंद आई। गिल्लू एक छोटा जीव होते हुए भी बहुत ही समझदार और करुणावान था उसका बदलता सुंदर व्यक्तित्व मुझे बहुत पसंद आया। गिल्लू की समझदारी, उसका भोलापन मुझे बहुत पसंद आया।
See lessनिम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिएः इस मार्ग से गिल्लू ने बाहर जाने पर सचमुच ही मुक्ति की साँस ली। NIOS Class 10 Hindi Chapter 3
गिल्लू को जाली के पास बैठकर अपनेपन से बाहर झाँकते देख कर लेखिका को लगा कि इसे मुक्त करना आवश्यक है। लेखिका ने कीलें निकालकर जाली का एक कोना खोल दिया और इस मार्ग से गिल्लू ने बाहर जाने पर सचमुच ही मुक्ति की साँस ली।
गिल्लू को जाली के पास बैठकर अपनेपन से बाहर झाँकते देख कर लेखिका को लगा कि इसे मुक्त करना आवश्यक है। लेखिका ने कीलें निकालकर जाली का एक कोना खोल दिया और इस मार्ग से गिल्लू ने बाहर जाने पर सचमुच ही मुक्ति की साँस ली।
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