1. (ग) ‘कौवे गिल्लू के साथ ‘छुआ-छुऔवल’ कर रहे थे’- इस वाक्य में ‘छुआ-छुऔवल’ व्यंग्य के प्रयोग में है।

    (ग) ‘कौवे गिल्लू के साथ ‘छुआ-छुऔवल’ कर रहे थे’- इस वाक्य में ‘छुआ-छुऔवल’ व्यंग्य के प्रयोग में है।

    See less
    • 12
  2. (ख) ‘गिल्लू’ रेखाचित्र के साथ-साथ और संस्मरण विधा के नज़दीक है?

    (ख) ‘गिल्लू’ रेखाचित्र के साथ-साथ और संस्मरण विधा के नज़दीक है?

    See less
    • 12
  3. (ग) लेखिका ने खिड़की की जाली का एक कोना खोल दिया ताकि गिल्लू आज़ादी से अंदर-बाहर आ-जा सके।

    (ग) लेखिका ने खिड़की की जाली का एक कोना खोल दिया ताकि गिल्लू आज़ादी से अंदर-बाहर आ-जा सके।

    See less
    • 11
  4. सोनजुही की पीली कली और गिल्लू का संबंध: सोनजुही की पीली कली और गिल्लू का गहरा संबंध है। गिल्लू अक्सर सोनजुही की लता में छिपकर बैठता था और लेखिका को चौंकाता था। जब लेखिका ने सोनजुही की पीली कली को देखा, तो उसे गिल्लू की याद आ गई।

    सोनजुही की पीली कली और गिल्लू का संबंध: सोनजुही की पीली कली और गिल्लू का गहरा संबंध है। गिल्लू अक्सर सोनजुही की लता में छिपकर बैठता था और लेखिका को चौंकाता था। जब लेखिका ने सोनजुही की पीली कली को देखा, तो उसे गिल्लू की याद आ गई।

    See less
    • 13
  5. 'बहादुर' कहानी की शैली मुख्यतः आत्म-कथात्मक है। अमरकान्त द्वारा लिखी गई यह कहानी वाचक के जीवन के अनुभवों को दर्शाती है, जिसमें घटनाएँ पहले ही घटित हो चुकी हैं। कहानी का नायक, बहादुर, एक गरीब बालक है जो एक मध्यमवर्गीय परिवार में काम करता है। इस कहानी में न केवल बहादुर के संघर्षों का चित्रण किया गया हRead more

    ‘बहादुर’ कहानी की शैली मुख्यतः आत्म-कथात्मक है। अमरकान्त द्वारा लिखी गई यह कहानी वाचक के जीवन के अनुभवों को दर्शाती है, जिसमें घटनाएँ पहले ही घटित हो चुकी हैं। कहानी का नायक, बहादुर, एक गरीब बालक है जो एक मध्यमवर्गीय परिवार में काम करता है। इस कहानी में न केवल बहादुर के संघर्षों का चित्रण किया गया है, बल्कि यह भी दिखाया गया है कि कैसे समाज में वर्ग भेद और शोषण की समस्याएँ व्याप्त हैं।

    See less
    • 13