1. निम्नलिखित अंश का सार-लेखन एक तिहाई शब्दों में कीजिएः आज की भारतीय शिक्षित नारी को अच्छी गृहिणी के रूप में न देख पाना पुरुषों की एकांगी दृष्टि का परिणाम है। विवाह के बाद उसकी बदली हुई मनःस्थिति तथा परिस्थितियों की कठिनाइयों पर ध्यान नहीं दिया जाता। उसकी रुचियों और भावनाओं की उपेक्षा की जाती है। पुरुष यदि अपने सुख के लिए पत्नी के सुख का धयान रखे, तो वह अच्छी गृहिणी हो सकती है। पत्नी और पति का कर्तव्य है कि वे एक दूसरे के कार्य में हाथ बटाएँ और एक-दूसरे की भावनाओं, इच्छाओं और रुचियों का धयान रखें। आखि़र नारी भी तो मनुष्य है। उसकी अपनी ज़रूरतें भी हैं और वह भी परिवार में, पड़ोस में तथा समाज में सम्मान पाना चाहती है। यदि नारी त्याग की मूर्ति है, तो पुरुष को बलिदानी होना चाहिए।

    भारतीय शिक्षित नारी को अच्छी गृहिणी न मानना पुरुषों की एकांगी दृष्टि का परिणाम है। विवाह के बाद उसकी भावनाओं और कठिनाइयों की उपेक्षा होती है। यदि पति पत्नी के सुख का ध्यान रखे और दोनों एक-दूसरे की भावनाओं और इच्छाओं का सम्मान करें, तो नारी अच्छी गृहिणी बन सकती है। नारी भी सम्मान और समझ की अधिकारिणीRead more

    भारतीय शिक्षित नारी को अच्छी गृहिणी न मानना पुरुषों की एकांगी दृष्टि का परिणाम है। विवाह के बाद उसकी भावनाओं और कठिनाइयों की उपेक्षा होती है। यदि पति पत्नी के सुख का ध्यान रखे और दोनों एक-दूसरे की भावनाओं और इच्छाओं का सम्मान करें, तो नारी अच्छी गृहिणी बन सकती है। नारी भी सम्मान और समझ की अधिकारिणी है। यदि नारी त्याग की मूर्ति है, तो पुरुष को भी बलिदानी होना चाहिए।

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  2. निम्नलिखित अनुच्छेदों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए- (क) भारत जैसा सुंदर और महान देश दूसरा कौन-सा है, जिसके उत्तर में हिमालय जैसा विश्व प्रसिद्ध विशाल पर्वत है। इस पर्वत को हम देवताओं का स्वर्ग कहें, ऋषियों का तपोवन कहें, प्राकृतिक सुषमा का भंडार कहें, पवित्रा निर्मल जलाशयों का आगार कहें, हिम का मुकुट कहें, उत्तर का प्रहरी कहें या संसार का सौंदर्य कहें या जो कुछ भी कहें, वह पूर्ण रूप से सत्य होगा। इस पुण्यभूमि का भारत के इतिहास से गहरा संबंध है। भूगोल का यह मानदंड है। मंदिरों का यह क्षेत्रा है। तीर्थ यात्रिायों के लिए यह धर्म भूमि है और सैलानियों के लिए स्वर्ग। विशाल हिमालय पर्वत की श्रेणियाँ कश्मीर से असम तक फैली हुई हैं। इन श्रेणियों में अमरनाथ, बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्तरी, यमुनोत्तरी आदि अनेक तीर्थ स्थान हैं, जिनके दर्शन के लिए देश के विभिन्न प्रदेशों के निवासी लालायित रहते हैं। इसी पर्वत श्रेणी में कश्मीर है, जो पृथ्वी का स्वर्ग कहलाता है। प्रश्न 1. हिमालय को प्राकृतिक सुषमा का भंडार क्यों माना गया है? 2. कश्मीर को पृथ्वी का स्वर्ग क्यों कहा गया है? 3. भारत की सुंदरता और महानता का श्रेय हिमालय को क्यों दिया गया है। 4. हिमालय भारत की सुंदरता और महानता का प्रतीक है, जिसे देवताओं का स्वर्ग, ऋषियों का तपोवन, और प्राकृतिक सुषमा का भंडार माना जाता है। यह पर्वत कश्मीर से असम तक फैला है, जिसमें अमरनाथ, बदरीनाथ, केदारनाथ जैसे पवित्र तीर्थ स्थल स्थित हैं। हिमालय भारत के इतिहास, भूगोल, धर्म, और पर्यटन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। 5. इस अनुच्छेद का उचित शीर्षक लिखिए।

    1. हिमालय को प्राकृतिक सुषमा का भंडार माना गया है क्योंकि यहाँ बर्फ से ढकी चोटियाँ, घने वन, सुंदर घाटियाँ, और जीव-जंतुओं की विविधता है। यहाँ की नदियाँ, झरने, और हिमनद मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करते हैं। इसके अलावा, हिमालय में विभिन्न प्रकार के फूल और पौधे भी पाए जाते हैं, जो इसकी प्राकृतिक सुंदरता को औरRead more

    1. हिमालय को प्राकृतिक सुषमा का भंडार माना गया है क्योंकि यहाँ बर्फ से ढकी चोटियाँ, घने वन, सुंदर घाटियाँ, और जीव-जंतुओं की विविधता है। यहाँ की नदियाँ, झरने, और हिमनद मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करते हैं। इसके अलावा, हिमालय में विभिन्न प्रकार के फूल और पौधे भी पाए जाते हैं, जो इसकी प्राकृतिक सुंदरता को और बढ़ाते हैं।
    2. कश्मीर को पृथ्वी का स्वर्ग कहा गया है क्योंकि यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता अद्वितीय है। बर्फ से ढकी पहाड़ियाँ, हरे-भरे बाग, शांत झीलें, और रंग-बिरंगे फूल कश्मीर को मनमोहक बनाते हैं। इसके अतिरिक्त, यहाँ की शीतल जलवायु और समृद्ध संस्कृति पर्यटकों को आकर्षित करती है, जिससे यह स्थान स्वर्ग जैसा प्रतीत होता है।
    3. भारत की सुंदरता और महानता का श्रेय हिमालय को इसलिए दिया गया है क्योंकि यह देश की उत्तरी सीमा पर स्थित है और प्राकृतिक सुरक्षा प्रदान करता है। हिमालय की बर्फीली चोटियाँ, हरे-भरे वन, और विविध जीव-जंतु इसकी सुंदरता को बढ़ाते हैं। साथ ही, यह नदियों का उद्गम स्थल है, जो कृषि और जीवन के लिए आवश्यक जल प्रदान करती हैं।
    4. हिमालय भारत की सुंदरता और महानता का प्रतीक है, जिसे देवताओं का स्वर्ग, ऋषियों का तपोवन, और प्राकृतिक सुषमा का भंडार माना जाता है। यह पर्वत कश्मीर से असम तक फैला है, जिसमें अमरनाथ, बदरीनाथ, केदारनाथ जैसे पवित्र तीर्थ स्थल स्थित हैं। हिमालय भारत के इतिहास, भूगोल, धर्म, और पर्यटन का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
    5. इस अनुच्छेद का उचित शीर्षक ‘हिमालय की गोद में’ है।

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  3. निम्नलिखित कविता की पंक्तियों को ध्यानपूर्वक पढि़ए। फूलों से नित हँसना सीखो, भौरों से नित गाना। तरु की झुकी डालियों से नित, सीखो शीश झुकाना। सूरज की किरणों से सीखो, जगना और जगाना। लता और पेड़ों से सीखो, सबको गले लगाना। दीपक से सीखो जितना हो सके अँधेरा हरना। पृथ्वी से सीखो जीवों की सच्ची सेवा करना। जलधारा से सीखो आगे, जीवन-पथ पर बढ़ना। और धुएँ से सीखो हरदम, ऊँचे ही पर चढ़ना। सत्पुरुषों के जीवन से सीखो चरित्र निज गढ़ना। अपने गुरु से सीखो बच्चो, उत्तम विद्या पढ़ना। अब निम्नलिखित प्रश्नों के एक या दो वाक्यों में उत्तर लिखिए- 1. वृक्ष की झुकी हुई डालियाँ हमें क्या सिखाती हैं? 2. दीपक किसका प्रतीक है? 3. अंधेरा किसका प्रतीक है? 4. अपने गुरुओं से हमें क्या सीखना चाहिए? 5. वृक्ष की झुकी हुई डालियाँ, हमें क्या संदेश देती हैं और इस संदेश का हमारे जीवन में क्या महत्त्व है? 6. जलधार हमें क्या संदेश देती है? इस संदेश को प्राप्त कर हम अपने जीवन में कैसे आगे बढ़ सकते हैं? 7. गुरु जीवन में ज्ञान का प्रकाश फैलाता है। कैसे?

    1. पेड़ों की झुकी डालियाँ हमें झुकना सिखाती हैं। यहाँ झुकाने का अभिप्राय विनम्रता से है। 2. दीपक की रोशनी को ज्ञान का प्रतीक माना गया है। दीपक जलाने का कारण यह है कि हम अज्ञान का अंधकार मिटाकर अपने जीवन में ज्ञान के प्रकाश के लिए पुरुषार्थ करें। 3. कई सांस्कृतिक और धार्मिक संदर्भों में अंधेरा अज्ञानRead more

    1. पेड़ों की झुकी डालियाँ हमें झुकना सिखाती हैं। यहाँ झुकाने का अभिप्राय विनम्रता से है।
    2. दीपक की रोशनी को ज्ञान का प्रतीक माना गया है। दीपक जलाने का कारण यह है कि हम अज्ञान का अंधकार मिटाकर अपने जीवन में ज्ञान के प्रकाश के लिए पुरुषार्थ करें।
    3. कई सांस्कृतिक और धार्मिक संदर्भों में अंधेरा अज्ञानता का प्रतीक माना जाता है। जैसे कि ज्ञान का प्रकाश अंधकार को दूर करता है, उसी प्रकार शिक्षा और जानकारी अज्ञानता को समाप्त करती है।
    4. गुरुओं का मुख्य कार्य हमें ज्ञान और शिक्षा प्रदान करना है। वे हमें विभिन्न विषयों, सिद्धांतों, और कौशलों की गहरी समझ देते हैं। गुरुओं से हमें जीवन के महत्वपूर्ण मूल्यों और नैतिकताओं का ज्ञान प्राप्त होता है, जैसे ईमानदारी, सहानुभूति, और न्याय।
    5. वृक्ष की झुकी हुई डालियाँ विनम्रता और उदारता का प्रतीक हैं। वे हमें सिखाती हैं कि जैसे फल से भरी डालियाँ झुकती हैं, वैसे ही ज्ञान और सफलता प्राप्त करने पर हमें भी विनम्र और उदार होना चाहिए। यह संदेश हमारे जीवन में महत्वपूर्ण है क्योंकि विनम्रता और उदारता से हम दूसरों का सम्मान पाते हैं और समाज में सकारात्मक योगदान देते हैं।
    6. जलधार हमें निरंतरता, धैर्य, और मार्ग खोजने की प्रेरणा देती है। यह सिखाती है कि चाहे कितनी भी बाधाएँ आएं, हमें निरंतर आगे बढ़ना चाहिए। इस संदेश को अपनाकर हम अपने जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं, धैर्यपूर्वक अपने लक्ष्य की ओर बढ़ सकते हैं, और हर परिस्थिति में अपने मार्ग को ढूंढ सकते हैं।
    7. गुरु जीवन में ज्ञान का प्रकाश इस प्रकार फैलाता है कि वह अपने अनुभव, शिक्षा और मार्गदर्शन से हमें सही दिशा दिखाता है। गुरु हमें जिज्ञासा और समझ विकसित करने की प्रेरणा देता है, कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति प्रदान करता है, और नैतिक मूल्यों और अनुशासन का महत्व सिखाता है, जिससे हमारा जीवन सार्थक और उद्देश्यपूर्ण बनता है।

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  4. 1. यह कविता बादलों के बारे में है। (x) 2. यह कविता बूँद के बारे में है। (√) 3. यह कविता बूँद के भयभीत होने के बारे में है। (√) 4. यह कविता बूँद के भाग्य के बारे में है। (√) 5. कवि कहना चाहता है कि हमें नई स्थितियों में ढलना चाहिए। (√) 6. कवि कहना चाहता है कि हमें साहसी होना चाहिए। (√) 7. कवि कहना चाRead more

    1. यह कविता बादलों के बारे में है। (x)
    2. यह कविता बूँद के बारे में है। (√)
    3. यह कविता बूँद के भयभीत होने के बारे में है। (√)
    4. यह कविता बूँद के भाग्य के बारे में है। (√)
    5. कवि कहना चाहता है कि हमें नई स्थितियों में ढलना चाहिए। (√)
    6. कवि कहना चाहता है कि हमें साहसी होना चाहिए। (√)
    7. कवि कहना चाहता है कि भाग्य के भरोसे नहीं रहना चाहिए। (√)
    8. यह कविता उद्यमी और साहसी लोगों के बारे में है। (√)
    9. यह कविता डरपोक लोगों के बारे में है। (√)
    10. यह कविता भाग्यवादी लोगों के बारे में है। (√)

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  5. समाचारों की भाषा में उदाहरण की गुंजाइश होती है, क्योंकि यह पाठकों को घटनाओं और तथ्यों को समझाने में मदद करती है। समाचार लेखन में सरलता और स्पष्टता आवश्यक होती है, जिससे पाठक आसानी से जानकारी ग्रहण कर सकें। उदाहरण के लिए, यदि किसी राजनीतिक घटना का समाचार दिया जा रहा है, तो उसमें नेताओं के बयान, घटनाओRead more

    समाचारों की भाषा में उदाहरण की गुंजाइश होती है, क्योंकि यह पाठकों को घटनाओं और तथ्यों को समझाने में मदद करती है। समाचार लेखन में सरलता और स्पष्टता आवश्यक होती है, जिससे पाठक आसानी से जानकारी ग्रहण कर सकें। उदाहरण के लिए, यदि किसी राजनीतिक घटना का समाचार दिया जा रहा है, तो उसमें नेताओं के बयान, घटनाओं की समयरेखा और उनके प्रभाव का उल्लेख किया जाता है।
    उदाहरण: “कल रात संसद में एक महत्वपूर्ण बिल पास हुआ, जिसमें शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की बात कही गई। इस बिल का समर्थन करते हुए सांसद ने कहा कि यह कदम देश के युवाओं के भविष्य को उज्ज्वल बनाएगा।”
    इस प्रकार, समाचारों में उदाहरणों का उपयोग न केवल जानकारी को स्पष्ट करता है, बल्कि पाठकों की रुचि भी बनाए रखता है। उदाहरणों से पाठक घटनाओं को अपने जीवन से जोड़कर देख पाते हैं, जिससे समाचार अधिक प्रभावी बनता है।

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