The chapter “The Winner” tells the inspiring story of a young athlete who strives to win a race against all odds. “विजेता” कहानी एक युवा एथलीट की प्रेरणादायक यात्रा को दर्शाती है, जो संघर्षों और कठिनाइयों के बावजूद अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की ठानता है।
Class 6 English NCERT Poorvi Unit 4 Chapter 2 The Winner
class 6 English Textbook Poorvi Unit 4 Chapter 2 question answer
“विजेता” कहानी एक युवा एथलीट की प्रेरणादायक यात्रा को दर्शाती है, जो संघर्षों और कठिनाइयों के बावजूद अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की ठानता है। इस कहानी का मुख्य पात्र एक साधारण व्यक्ति है, लेकिन उसके भीतर अद्भुत आत्म-विश्वास और मेहनत करने की क्षमता है। बचपन से ही उसने दौड़ के प्रति रुचि दिखाई, लेकिन वह हमेशा सफल नहीं हो पाता था। वह कई बार असफल हुआ और दूसरों के ताने भी सुनने पड़े। कई बार उसका आत्म-सम्मान चोटिल हुआ और उसे लगा कि वह शायद कभी जीत नहीं पाएगा।
हालांकि, हर असफलता के साथ उसकी इच्छाशक्ति और मजबूत होती गई। वह समझ गया कि किसी भी प्रतिस्पर्धा में जीत केवल शारीरिक शक्ति या गति से नहीं, बल्कि मानसिक दृढ़ता और आत्म-विश्वास से मिलती है। उसकी माँ और पिता ने हमेशा उसे प्रोत्साहित किया और सिखाया कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता।
कहानी के प्रमुख मोड़ पर, एक बड़ी दौड़ की घोषणा होती है, जिसमें कई कुशल धावक हिस्सा लेने वाले होते हैं। सभी की नजरें इस दौड़ पर होती हैं, और हमारे नायक के मन में आशा और चिंता दोनों होती हैं। लेकिन वह जानता था कि उसने खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से इस दौड़ के लिए तैयार किया है।
दौड़ शुरू होती है, और प्रारंभ में वह पीछे रह जाता है। उसे संदेह होने लगता है कि शायद वह फिर से हार जाएगा। लेकिन उसके भीतर की आवाज उसे हार मानने से रोकती है। वह अपनी सारी ताकत और साहस को जुटाता है और दौड़ में तेजी से आगे बढ़ने लगता है।
कहानी यह भी दर्शाती है कि जीवन की दौड़ में, कई बार हमें केवल जीतने पर ध्यान देने के बजाय उस यात्रा को महत्व देना चाहिए, जिसे हम तय करते हैं। वह दौड़ में सबसे आगे निकल जाता है, और अंततः वह विजेता घोषित होता है। परंतु उसकी सबसे बड़ी जीत यह होती है कि उसने अपने डर, शंका, और असफलताओं पर विजय पाई।
यह कहानी पाठकों को यह संदेश देती है कि असफलताओं से घबराना नहीं चाहिए। आत्म-विश्वास, कड़ी मेहनत, और दृढ़ निश्चय से कोई भी चुनौती पार की जा सकती है। दौड़ का अंत सिर्फ जीतने में नहीं, बल्कि उस सफर से मिलने वाली सीखों में होता है।
अगर आपको इससे भी अधिक विस्तार चाहिए, तो आप बताइए, मैं इसे और विस्तृत कर सकता हूँ!
For more NCERT Solutions for Class 6 English Poorvi Unit 4 Chapter 2 The Winner Extra Questions & Answer and line by line Hindi Translation:
https://www.tiwariacademy.com/ncert-solutions-class-6-english-poorvi-unit-4/