NIOS Class 10 Hindi Chapter 13 सुखी राजकुमार
‘सुखी राजकुमार’ कहानी में चित्रित नगर एक आदर्श और समृद्ध स्थान है। यहाँ के निवासी खुशहाल और संतुष्ट हैं, जो एक-दूसरे की सहायता करते हैं। नगर में सुंदर उद्यान, तालाब और मंदिर हैं, जो इसकी सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाते हैं। नगर का वातावरण शांति और सौहार्द से भरा हुआ है, जहाँ कोई भी रोगी या दुखी व्यक्ति नहीं दिखाई देता। यह नगर न केवल भौतिक सुखों से परिपूर्ण है, बल्कि यहाँ की धार्मिकता और नैतिकता भी इसे विशेष बनाती है।
“सुखी राजकुमार” कहानी में चित्रित नगर एक अद्भुत और विपरीतताओं से भरा हुआ स्थान है। यह नगर एक ओर समृद्धि और वैभव का प्रतीक है, जहां राजकुमार की प्रतिमा सोने और रत्नों से जड़ी हुई है, वहीं दूसरी ओर इस नगर में गरीबों और जरूरतमंदों की भी बड़ी संख्या है, जो भूख और गरीबी से जूझ रहे हैं।
कहानी के नगर में, एक भव्य और चमचमाती प्रतिमा शहर के मध्य में स्थापित है, जो समृद्धि और वैभव का प्रतीक है। लेकिन इस नगर में कई गरीब लोग हैं, जो बुरी परिस्थितियों में जी रहे हैं, जैसे कि एक माँ अपने बीमार बच्चे के लिए इलाज नहीं करवा सकती, और एक लेखक जो भूख से मर रहा है।
मेरे परिवेश में भी ऐसी विषमताएं देखने को मिलती हैं। एक ओर, ऊँची इमारतें, मॉल और संपन्न लोग हैं, वहीं दूसरी ओर, फुटपाथ पर सोते हुए बेघर लोग, गरीब बस्तियों में रहने वाले, और दिन-रात मेहनत करने वाले मजदूर भी हैं। यह आर्थिक असमानता स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।