राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 18, नाखून क्यों बढ़ते हैं?
सहजात वृत्तियाँ वे स्वाभाविक प्रवृत्तियाँ होती हैं, जो मनुष्य के जन्मजात स्वभाव का हिस्सा होती हैं। ये वृत्तियाँ किसी विशेष शिक्षा या अनुभव के बिना ही व्यक्त होती हैं, जैसे कि प्रेम, भय, क्रोध, और सहानुभूति। सहजात वृत्तियाँ मानव के मूलभूत भावनात्मक और सामाजिक व्यवहार को दर्शाती हैं, जो जीवन के प्रारंभिक चरण से ही प्रकट होती हैं। ये वृत्तियाँ व्यक्ति की पहचान और उसके सामाजिक संबंधों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
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(ग) सहजात वृत्तियाँ जन्म के साथ उत्पन्न होने वाली प्रवृत्तियाँ होती हैं।