NIOS Class 10 Hindi Chapter 20 उनको प्रणाम
सपने देखना तब सार्थक है जब वे वास्तविकता के प्रति प्रेरित और सकारात्मक होते हैं। जब व्यक्ति अपने सपनों को अपने लक्ष्यों के रूप में देखता है और उनके लिए योजनाबद्ध तरीके से प्रयास करता है, तब वे सार्थक बनते हैं। इसके अलावा, सपनों का सार्थक होना इस पर निर्भर करता है कि व्यक्ति उन्हें हासिल करने के लिए मेहनत, धैर्य और समर्पण दिखाता है। इस प्रकार, सपने केवल कल्पना नहीं, बल्कि प्रेरणा का स्रोत बनते हैं।
Share
(ग) सपने देखना सार्थक है जब उनके लिए प्रयास किए जाएँ।