NIOS Class 10 Hindi Chapter 19
“शतरंज के खिलाड़ी” शीर्षक कहानी के केंद्रीय विषय को स्पष्ट करता है, जिसमें शतरंज केवल एक खेल नहीं, बल्कि जीवन की जटिलताओं और संघर्षों का प्रतीक है। कहानी में दो मुख्य पात्रों, Mirza और his opponent, के बीच की मानसिक लड़ाई दर्शाती है कि कैसे वे अपनी चालों के माध्यम से न केवल खेल, बल्कि अपने जीवन की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। इस प्रकार, शीर्षक गहराई से कहानी की थीम और पात्रों के मनोविज्ञान को उजागर करता है।
‘शतरंज के खिलाड़ी’ मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित एक प्रसिद्ध कहानी है, जो 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में लखनऊ के दो नवाबों, मीर और मिरजा, के जीवन पर आधारित है। इस कहानी का शीर्षक बहुत ही सार्थक और प्रतीकात्मक है। इस पर विचार करते हुए हम निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दे सकते हैं:
कहानी का मूल कथानक:
कहानी में मीर और मिरजा दो शतरंज के खिलाड़ी हैं जो अपने खेल में इतने व्यस्त रहते हैं कि उन्हें अपने आस-पास की दुनिया का कोई ध्यान नहीं रहता। इस प्रकार, शतरंज का खेल उनकी पूरी दुनिया बन जाता है और उनकी वास्तविक जिम्मेदारियों से उन्हें विमुख कर देता है।
प्रतीकात्मकता:
शतरंज का खेल यहाँ न केवल मीर और मिरजा के जीवन की ओर संकेत करता है, बल्कि भारतीय समाज और उसके उच्च वर्ग की स्थिति का भी प्रतिनिधित्व करता है। यह खेल उनके जीवन के ठहराव और आत्ममुग्धता का प्रतीक है, जहाँ वे अपने निजी आनंद में लिप्त रहते हैं जबकि बाहर की दुनिया में महत्वपूर्ण घटनाएँ घटित हो रही हैं।
समय और स्थान:
कहानी की पृष्ठभूमि उस समय की है जब ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी धीरे-धीरे भारत पर अपना अधिकार जमाने की कोशिश कर रही थी। मीर और मिरजा की शतरंज की बाजी और उसकी धुन में उनकी उदासीनता यह दर्शाती है कि किस प्रकार भारतीय रियासतें और उनके शासक अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ रहे थे और बाहरी आक्रमण के प्रति उदासीन थे।
चरित्र चित्रण:
मीर और मिरजा की शतरंज के प्रति दीवानगी उनके चरित्र की जड़ता, उनके आपसी संबंधों की गहराई और उनके समाज की सांस्कृतिक स्थिति को दर्शाती है। वे अपने समय और परिस्थिति से अनभिज्ञ हैं, जो कि उनके पतन का कारण बनता है।
कहानी का अंत:
जब नवाब वाजिद अली शाह को अंग्रेजों द्वारा हटा दिया जाता है, मीर और मिरजा की शतरंज की बाजी भी उस समय चरम पर होती है। यह इस बात का प्रतीक है कि कैसे ये लोग अपनी खोखली प्रतिष्ठा में लिप्त रहकर अपनी धरती और सत्ता को बचाने में असफल हो जाते हैं।
इस प्रकार, ‘शतरंज के खिलाड़ी’ शीर्षक कहानी की विषयवस्तु, पात्रों और प्रतीकात्मकता को बहुत ही प्रभावी ढंग से व्यक्त करता है। यह शीर्षक न केवल कहानी के मुख्य तत्वों को दर्शाता है, बल्कि समाज और समय की गहरी व्याख्या भी प्रस्तुत करता है।