निम्नलिखित कहानी को ध्यानपूर्वक पढि़ए और दिए गए कथनों के सामने सही (√) और गलत (x) का निशान लगाइए। दोपहर का खाना खाकर किसान ने अपने बर्तन धोए। वहाँ एक अजनबी घुड़सवार आया। वह उसके गाँव की ओर जा रहा था। उसने सोचा क्यों न ये बर्तन इस घुड़सवार के हाथों घर भेज दूँ। मुझे इन्हें ढोना नहीं पड़ेगा। उसने घुड़सवार से निवेदन किया, ‘‘आप मेरे गाँव से गुज़र रहे हैं। क्यों न आप ही ये बर्तन मेरे घर छोड़ दें।’’ घुड़सवार ने मना कर दिया। कहा-‘‘मेरे पास घर ढूँढ़ने का समय नहीं है।’’ और आगे बढ़ गया। आधे मील की दूरी पर पहुँचकर वह सोचने लगाμ‘गलती हो गई, मुझे तो मुफ्ऱत में ही बर्तन मिल रहे थे। न मैं उसे जानता हूँ न वह मुझे। बर्तन अपने घर तो ले ही जा सकता हूँ।’ यह सोच कर वह वापस आया और किसान से बोला, ‘‘क्या फ़र्क पड़ता है, आपके गाँव से गुज़र तो रहा ही हूँ। आप मुझे बर्तन दे दीजिए।’’ किसान ने मुसकुराते हुए कहा, ‘‘जो तुमने सोचा वही मैंने भी सोचा।’’ (क) एक किसान ने भोजन शाम को खाया था। (ख) घुड़सवार से उसकी अच्छी जान पहचान थी। (ग) किसान बर्तन अपने घर भिजवाना चाहता था। (घ) घुड़सवार ने पहले मना कर दिया, क्योंकि वह किसान के घर का पता नहीं जानता था। (ङ) आधे रास्ते पहुँचकर घुड़सवार ने सोचा कि सेवा करने में कोई हजऱ् नहीं है, पता ढूँढ़ा जा सकता है। (च) घुड़सवार कुछ सोचकर अपने घर चला गया। (छ) किसान ने बर्तन अंततः घुड़सवार को दे दिए। (ज) किसान ने सोचा ऐसे अनजाने व्यक्ति को बर्तन नहीं देने चाहिए।
(क) एक किसान ने भोजन शाम को खाया था। (x)
(ख) घुड़सवार से उसकी अच्छी जान पहचान थी। (x)
(ग) किसान बर्तन अपने घर भिजवाना चाहता था। (√)
(घ) घुड़सवार ने पहले मना कर दिया, क्योंकि वह किसान के घर का पता नहीं जानता था। (√)
(ङ) आधे रास्ते पहुँचकर घुड़सवार ने सोचा कि सेवा करने में कोई हजऱ् नहीं है, पता ढूँढ़ा जा सकता है। (x)
(च) घुड़सवार कुछ सोचकर अपने घर चला गया। (x)
(छ) किसान ने बर्तन अंततः घुड़सवार को दे दिए। (x)
(ज) किसान ने सोचा ऐसे अनजाने व्यक्ति को बर्तन नहीं देने चाहिए। (√)