राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, सामाजिक विज्ञान, अध्याय 1, प्राचीन विश्व
सिंधु-सरस्वती सभ्यता के पतन का सबसे महत्वपूर्ण कारण जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय कारक माना जाता है। इस सभ्यता के अंत में, सरस्वती नदी का सूखना और दजला-फरात नदियों का जल स्तर कम होना प्रमुख समस्याएं थीं, जिससे कृषि और जल संसाधनों की कमी हुई14। इसके अलावा, प्राकृतिक आपदाएँ जैसे भूकंप और बाढ़ ने भी बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुँचाया, जिससे व्यापार नेटवर्क में गिरावट आई। इन सभी कारकों ने मिलकर इस उन्नत सभ्यता के पतन में योगदान दिया।
(क) विभिन्न स्थलों पर मिले ..ताबीज और जंतर…. से पता चलता है कि हड़प्पावासी आत्माओं और भूत-प्रेतों में विश्वास करते थे।
(ख) … प्राकृतिक आपदाओं को… सिंधु-सरस्वती सभ्यता के पतन का सबसे महत्वपूर्ण कारण माना जाता है।
(ग) सिंधु-सरस्वती….मेसोपोटामिया…. के साथ विदेशी व्यापार करते थे।
(घ) समाज….वर्गों….. में विभाजित था।