NIOS Class 10 Hindi Chapter 16
ज्ञानेंद्रियाँ उन इंद्रियों को कहा जाता है जिनके माध्यम से जीवों को बाह्य संसार से ज्ञान प्राप्त होता है। ये इंद्रियाँ मुख्यतः पाँच होती हैं: चक्षु (दृष्टि के लिए), कर्ण (श्रवण के लिए), घ्राण (गंध के लिए), रसना (स्वाद के लिए), और त्वक् (स्पर्श के लिए)। इनका कार्य विभिन्न उद्दीपनों से जानकारी एकत्रित करना और उसे मस्तिष्क तक पहुँचाना है, जिससे हम अपने आस-पास की दुनिया को समझ पाते हैं।
ज्ञानेंद्रियों से अभिप्राय उन इंद्रियों से है जो हमें बाहरी दुनिया के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद करती हैं। ये इंद्रियाँ हमारी संवेदनाओं को संज्ञान में परिवर्तित करती हैं। पांच मुख्य ज्ञानेंद्रियाँ निम्नलिखित हैं:
1. दृष्टि (नेत्र/आंखें): यह इंद्रिय हमें देखने और रंग, आकार, दूरी आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद करती है।
2. श्रवण (कान): यह इंद्रिय हमें सुनने और ध्वनियों, आवाज़ों, संगीत, और अन्य श्रवण संकेतों को समझने में मदद करती है।
3. स्पर्श (त्वचा): यह इंद्रिय हमें स्पर्श, तापमान, दबाव, और दर्द के अनुभव को महसूस करने में मदद करती है।
4. स्वाद (जीभ): यह इंद्रिय हमें विभिन्न स्वादों जैसे मीठा, खट्टा, नमकीन, कड़वा, और उमामी को पहचानने में मदद करती है।
5. गंध (नाक): यह इंद्रिय हमें विभिन्न गंधों और खुशबुओं को पहचानने में मदद करती है।
इन पाँच ज्ञानेंद्रियों के माध्यम से हम अपने आसपास के पर्यावरण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करते हैं और उसी के आधार पर अपनी प्रतिक्रियाएँ निर्धारित करते हैं।