राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 12, इसे जगाओ
“जो सच से बेख़बर, सपनों में खोया पड़ा है” पंक्ति का अर्थ है कि व्यक्ति वास्तविकता से अनजान है और अपने स्वप्नों या काल्पनिक दुनिया में खोया हुआ है। यह स्थिति दर्शाती है कि वह अपने आस-पास की सच्चाइयों को नहीं देख रहा, बल्कि अपने विचारों और इच्छाओं में लिपटा हुआ है। ऐसे व्यक्ति को जीवन की वास्तविक चुनौतियों का सामना करने की आवश्यकता है, ताकि वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सके और जीवन की सच्चाईयों का सामना कर सके।
पूरी पंक्ति का अर्थ है कि वह व्यक्ति जो वास्तविकता से अनजान है और केवल अपनी कल्पनाओं या स्वप्नों में खोया हुआ है। यह स्थिति यह दर्शाती है कि व्यक्ति अपनी जिम्मेदारियों, समस्याओं या जीवन की सच्चाईयों से भाग रहा है और केवल अपने मन की दुनिया में जी रहा है। इस पंक्ति में एक प्रकार का चेतावनी भी निहित है कि वास्तविकता से दूर रहकर केवल सपनों में खोए रहना जीवन में समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।