NIOS Class 10 Hindi Chapter 6
कल्पना चावला को लोगों ने एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग पढ़ने से मना किया क्योंकि यह क्षेत्र उस समय महिलाओं के लिए असामान्य माना जाता था। ऐसी स्थिति में, मैं कल्पना चावला से यह प्रेरणा लूंगा कि समाज की धारणाओं की परवाह किए बिना अपने सपनों को आत्मविश्वास और दृढ़ता से आगे बढ़ाना चाहिए। कठिनाइयों को अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने का अवसर मानकर, साहस और परिश्रम के साथ अपने सपनों को साकार करना ही सच्ची सफलता है।
कल्पना चावला को घर के लोगों ने एरोनॉटिकल इन्जीनियरिंग पढ़ने से मना किया और दोस्तों ने भी उसका मजाक उड़ाया इसके निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
लैंगिक रूढ़िवादिता: उस समय, विज्ञान और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों को पुरुषों के लिए अधिक उपयुक्त माना जाता था।
सामाजिक दबाव: परिवार या समुदाय के सदस्यों ने उन्हें पारंपरिक करियर मार्गों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया होगा।
अवसरों की कमी: उस समय, महिलाओं के लिए एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में शिक्षा और रोजगार के अवसर सीमित हो सकते थे।
कल्पना चावला न केवल भारतीय महिलाओं के लिए, बल्कि दुनिया भर के लोगों के लिए प्रेरणा हैं। उनका जीवन हमें सिखाता है कि हम अपने सपनों को प्राप्त कर सकते हैं, चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यों न हों। उनकी कहानी हमें प्रेरित करती है कि हम साहसी बनें, कड़ी मेहनत करें और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दृढ़ रहें।