NIOS Class 10 Hindi Chapter 2 दोहे
गुरु कुम्हार सिष कुंभ है, गढि़-गढि़ काढ़ै खोट।
अंतर हाथ सहार दै, बाहर बाहै चोट ।। 3।।
अच्छा गुरु शिष्य को सही मार्गदर्शन, शिक्षा और संस्कार देकर संवारता है। वह शिष्य के चरित्र, ज्ञान और व्यक्तित्व का विकास करता है, उसे सही और गलत का भेद सिखाता है तथा आत्मविश्वास और दृढ़ता से जीवन जीने की प्रेरणा देता है।
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(घ) अच्छा गुरु शिष्य की कमियों को दूर करता है।