NIOS Class 10 Hindi Chapter 17
जयशंकर प्रसाद की कविता “बीती विभावरी जाग री” में भोर के चित्रण के माध्यम से एक सखी को जागने के लिए प्रेरित किया गया है। यह कविता न केवल एक जागरण गीत है, बल्कि इसमें गहरी सामाजिक और राजनीतिक चेतना भी निहित है।
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(क) कविता में भोर के चित्राण के माध्यम से सखी को जागने के लिए कहा गया। (√)
(ख) सुबह पानी भरने वाली स्त्री है, आकाश घड़ा है और तारा पनघट है। (x)
(ग) लताओं में लगे अधखिले फूल पराग-रस से भरे कलश हैं। (√)
(घ) उषा रूपी नागरी सो रही है, कविता में उसे जगाने का प्रयास है। (x)
(ङ) सखी सोई है, इसलिए उसकी केशराशि ने सुगंधित वायु को बंदी बना रखा है। (√)