राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 5, रॉबर्ट नर्सिंग होम में
ऊपर के बरामदे में खड़े-खड़े मैंने एक जादू की पुडि़या देखीµ जीती जागती जादू की पुडि़या। आदमियों को मक्खी बनाने वाला कामरूप का जादू नहीं, मक्खियों को आदमी बनाने वाला जीवन का जादू- होम की सबसे बुढि़या मदर मार्गरेट। कद इतना नाटा कि उन्हें गुडि़या कहा जा सके, पर उनकी चाल में गज़ब की चुस्ती, कदम में फुर्ती और व्यवहार में मस्ती; हँसी उनकी यों कि मोतियों की बोरी खुल पड़ी और काम यों कि मशीन मात माने। भारत में चालीस वर्षों से सेवा में रसलीन, जैसे और कुछ उन्हें जीवन में अब जानना भी तो नहीं!
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(घ) ‘काम यों कि मशीन मात माने’ का आशय है मशीनों से भी तेज़ काम करना।