1. (घ) मानवीय गुणों को मानवेतर प्राणियों द्वारा व्यक्त करने में विडंबना है।

    (घ) मानवीय गुणों को मानवेतर प्राणियों द्वारा व्यक्त करने में विडंबना है।

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  2. (घ) ‘भई, सूरज’ में ‘भई’ संबोधन आत्मीय प्रकार का है।

    (घ) ‘भई, सूरज’ में ‘भई’ संबोधन आत्मीय प्रकार का है।

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  3. (घ) इस कविता में जगाने के लिए कहा गया है, जो सच से बेख़बर है।

    (घ) इस कविता में जगाने के लिए कहा गया है, जो सच से बेख़बर है।

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  4. (क) पंछी - जगाना (x) (ख) हवा - हिलाना (√) (ग) हवा - चिल्लाना (x) (घ) सूरज - जगाना (√)

    (क) पंछी – जगाना (x)
    (ख) हवा – हिलाना (√)
    (ग) हवा – चिल्लाना (x)
    (घ) सूरज – जगाना (√)

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  5. (ग) कवि ने सही वक्त पर जगाने की बात कही है क्योंकि अगर सही वक्त पर नहीं जागा तो वह दुनिया के मुकाबले में पिछड़ जाएगा।

    (ग) कवि ने सही वक्त पर जगाने की बात कही है क्योंकि अगर सही वक्त पर नहीं जागा तो वह दुनिया के मुकाबले में पिछड़ जाएगा।

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