दिल दहलना सड़क पर हुए भयानक दुर्घटना के दृश्य को देखकर मेरा दिल दहल गया। जब उसने अपनी दोस्त की आपबीती सुनी तो उसका दिल दहल उठा। हृदय विदारक बाढ़ में अपने घर और परिवार को खो चुके लोगों की हृदय विदारक कहानियाँ सुनकर आँखों में आँसू आ गए। युद्ध के दौरान बच्चों के जीवन पर आए संकट की हृदय विदारक तस्वीरेंRead more
दिल दहलना
सड़क पर हुए भयानक दुर्घटना के दृश्य को देखकर मेरा दिल दहल गया।
जब उसने अपनी दोस्त की आपबीती सुनी तो उसका दिल दहल उठा।
हृदय विदारक
बाढ़ में अपने घर और परिवार को खो चुके लोगों की हृदय विदारक कहानियाँ सुनकर आँखों में आँसू आ गए।
युद्ध के दौरान बच्चों के जीवन पर आए संकट की हृदय विदारक तस्वीरें देखकर सभी व्यथित हो गए।
छिटकना
जैसे ही गिलास गिरा, पानी चारों ओर छिटक गया।
बच्चे खेलते-खेलते अचानक एक तरफ छिटक गए और गिर पड़े।
(ग) "मौन समाधि के लिए बैठे पहाड़ का सीना" में कार्य करने की रीति संज्ञा के विशेषण के रूप में नहीं है। यहाँ "मौन समाधि" और "बैठे पहाड़ का सीना" विशेषण का कार्य नहीं कर रहे हैं।
(ग) “मौन समाधि के लिए बैठे पहाड़ का सीना” में कार्य करने की रीति संज्ञा के विशेषण के रूप में नहीं है। यहाँ “मौन समाधि” और “बैठे पहाड़ का सीना” विशेषण का कार्य नहीं कर रहे हैं।
"सुखी राजकुमार" कहानी के आधार पर, राजकुमार के जीवन-काल और प्रतिमा बनने के बाद के व्यक्तित्व की तुलना करना दिलचस्प है। यह तुलना हमें उनके चरित्र में आए बदलावों को समझने में मदद करेगी। जीवन-काल का राजकुमार: सुखी और संपन्न: जीवन-काल में, राजकुमार एक सुखी और संपन्न व्यक्ति था, जो अपने महल में विलासिता सRead more
“सुखी राजकुमार” कहानी के आधार पर, राजकुमार के जीवन-काल और प्रतिमा बनने के बाद के व्यक्तित्व की तुलना करना दिलचस्प है। यह तुलना हमें उनके चरित्र में आए बदलावों को समझने में मदद करेगी।
जीवन-काल का राजकुमार:
सुखी और संपन्न: जीवन-काल में, राजकुमार एक सुखी और संपन्न व्यक्ति था, जो अपने महल में विलासिता से भरा जीवन जी रहा था। उसे बाहरी दुनिया की कठिनाइयों का कोई अनुभव नहीं था।
अनभिज्ञता: अपनी सुख-समृद्धि में मग्न, राजकुमार को अपने राज्य की प्रजा की पीड़ा और दुखों की कोई जानकारी नहीं थी। उसकी दुनिया महल की चारदीवारी तक सीमित थी।
आत्मकेंद्रित: वह अपने सुख में इतना मग्न था कि उसे दूसरों की जरूरतों और समस्याओं की कोई परवाह नहीं थी। उसके जीवन का केंद्र खुद वही था।
प्रतिमा बनने के बाद का राजकुमार:
दयालु और संवेदनशील: प्रतिमा बनने के बाद, राजकुमार का दिल दर्द और करुणा से भर जाता है। वह शहर के लोगों की समस्याओं को देखता है और उनकी मदद करने की इच्छा रखता है।
त्याग और बलिदान: प्रतिमा के रूप में, वह अपने शरीर के सोने और कीमती रत्नों को त्याग कर गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करता है। उसकी यह उदारता और दानशीलता उसकी महानता को प्रकट करती है।
प्रेरणादायक: प्रतिमा बनकर, राजकुमार लोगों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बन जाता है। उसकी करुणा और त्याग की कहानियाँ लोगों को दयालु और मददगार बनने के लिए प्रेरित करती हैं।
इस प्रकार, प्रतिमा बनने के बाद का राजकुमार अधिक प्रशंसनीय और प्रेरणादायक है, क्योंकि वह अपने निजी सुख-संपत्ति को छोड़कर दूसरों की भलाई के लिए समर्पित हो जाता है। यह परिवर्तन और त्याग की भावना उसे एक वास्तविक नायक बनाती है।
गौरैया के व्यक्तित्व में यह परिवर्तन अत्यंत प्रेरणादायक और मार्मिक है। शुरुआत में एक साधारण और स्वार्थी पक्षी के रूप में दिखने वाली गौरैया धीरे-धीरे अपने निस्वार्थ कार्यों और दयालुता के कारण एक महान और प्रेरणादायक चरित्र बन जाती है। उसके व्यक्तित्व में आने वाला यह परिवर्तन कहानी के केंद्रीय संदेश कोRead more
गौरैया के व्यक्तित्व में यह परिवर्तन अत्यंत प्रेरणादायक और मार्मिक है। शुरुआत में एक साधारण और स्वार्थी पक्षी के रूप में दिखने वाली गौरैया धीरे-धीरे अपने निस्वार्थ कार्यों और दयालुता के कारण एक महान और प्रेरणादायक चरित्र बन जाती है। उसके व्यक्तित्व में आने वाला यह परिवर्तन कहानी के केंद्रीय संदेश को गहराई से उजागर करता है: सच्ची महानता और सुख दूसरों की सेवा और मदद में है, न कि केवल अपने व्यक्तिगत सुख में।
गौरैया की यात्रा दर्शाती है कि किसी भी साधारण प्राणी में महानता का गुण हो सकता है, बशर्ते वह दूसरों के लिए अपने स्वार्थ को त्याग कर सेवा और करुणा की राह पर चले। उसकी इस यात्रा और परिवर्तन ने कहानी को एक गहरा और स्थायी संदेश दिया है।
दिल दहलना, हृदय विदारक और छिटकना का उचित प्रयोग करते हुए दो-दो वाक्य लिखिए। NIOS Class 10 Hindi Chapter 14
दिल दहलना सड़क पर हुए भयानक दुर्घटना के दृश्य को देखकर मेरा दिल दहल गया। जब उसने अपनी दोस्त की आपबीती सुनी तो उसका दिल दहल उठा। हृदय विदारक बाढ़ में अपने घर और परिवार को खो चुके लोगों की हृदय विदारक कहानियाँ सुनकर आँखों में आँसू आ गए। युद्ध के दौरान बच्चों के जीवन पर आए संकट की हृदय विदारक तस्वीरेंRead more
दिल दहलना
See lessसड़क पर हुए भयानक दुर्घटना के दृश्य को देखकर मेरा दिल दहल गया।
जब उसने अपनी दोस्त की आपबीती सुनी तो उसका दिल दहल उठा।
हृदय विदारक
बाढ़ में अपने घर और परिवार को खो चुके लोगों की हृदय विदारक कहानियाँ सुनकर आँखों में आँसू आ गए।
युद्ध के दौरान बच्चों के जीवन पर आए संकट की हृदय विदारक तस्वीरें देखकर सभी व्यथित हो गए।
छिटकना
जैसे ही गिलास गिरा, पानी चारों ओर छिटक गया।
बच्चे खेलते-खेलते अचानक एक तरफ छिटक गए और गिर पड़े।
उपयुक्त मिलान कीजिएः सुनना बूढ़ी पृथ्वी का दुख देखना हवा का ख़ून की उल्टियाँ करना महसूस करना नदियों का मुँह ढाँपकर रोना बतियाना पहाड़ का सीना दहलना
सुनना नदियों का मुँह ढाँपकर रोना देखना हवा का ख़ून की उल्टियाँ करना महसूस करना पहाड़ का सीना दहलना बतियाना बूढ़ी पृथ्वी का दुख
सुनना नदियों का मुँह ढाँपकर रोना
See lessदेखना हवा का ख़ून की उल्टियाँ करना
महसूस करना पहाड़ का सीना दहलना
बतियाना बूढ़ी पृथ्वी का दुख
संज्ञा शब्द वे शब्द हैं, जो किसी व्यक्ति, प्राणी, वस्तु, स्थान, भाव आदि के नाम के लिए प्रयुक्त होते हैं। संज्ञा की विशेषता बताने वाले रूप को विशेषण कहते हैं। क्रिया से किसी कार्य को करने का या किसी स्थिति में होने का बोध होता है। कभी-कभी कार्य अथवा कार्य करने की रीति भी संज्ञा के विशेषण के रूप में होती है। निम्नलिखित में से किस विकल्प में कार्य करने की रीति संज्ञा के विशेषण के रूप में नहीं है-
(ग) "मौन समाधि के लिए बैठे पहाड़ का सीना" में कार्य करने की रीति संज्ञा के विशेषण के रूप में नहीं है। यहाँ "मौन समाधि" और "बैठे पहाड़ का सीना" विशेषण का कार्य नहीं कर रहे हैं।
(ग) “मौन समाधि के लिए बैठे पहाड़ का सीना” में कार्य करने की रीति संज्ञा के विशेषण के रूप में नहीं है। यहाँ “मौन समाधि” और “बैठे पहाड़ का सीना” विशेषण का कार्य नहीं कर रहे हैं।
See lessराजकुमार के जीवन-काल और प्रतिमा बनने के बाद के राजकुमार के व्यक्तित्व की तुलना कीजिए और बताइए कि आपको कौन-सा रूप पसंद है और क्यों?
"सुखी राजकुमार" कहानी के आधार पर, राजकुमार के जीवन-काल और प्रतिमा बनने के बाद के व्यक्तित्व की तुलना करना दिलचस्प है। यह तुलना हमें उनके चरित्र में आए बदलावों को समझने में मदद करेगी। जीवन-काल का राजकुमार: सुखी और संपन्न: जीवन-काल में, राजकुमार एक सुखी और संपन्न व्यक्ति था, जो अपने महल में विलासिता सRead more
“सुखी राजकुमार” कहानी के आधार पर, राजकुमार के जीवन-काल और प्रतिमा बनने के बाद के व्यक्तित्व की तुलना करना दिलचस्प है। यह तुलना हमें उनके चरित्र में आए बदलावों को समझने में मदद करेगी।
See lessजीवन-काल का राजकुमार:
सुखी और संपन्न: जीवन-काल में, राजकुमार एक सुखी और संपन्न व्यक्ति था, जो अपने महल में विलासिता से भरा जीवन जी रहा था। उसे बाहरी दुनिया की कठिनाइयों का कोई अनुभव नहीं था।
अनभिज्ञता: अपनी सुख-समृद्धि में मग्न, राजकुमार को अपने राज्य की प्रजा की पीड़ा और दुखों की कोई जानकारी नहीं थी। उसकी दुनिया महल की चारदीवारी तक सीमित थी।
आत्मकेंद्रित: वह अपने सुख में इतना मग्न था कि उसे दूसरों की जरूरतों और समस्याओं की कोई परवाह नहीं थी। उसके जीवन का केंद्र खुद वही था।
प्रतिमा बनने के बाद का राजकुमार:
दयालु और संवेदनशील: प्रतिमा बनने के बाद, राजकुमार का दिल दर्द और करुणा से भर जाता है। वह शहर के लोगों की समस्याओं को देखता है और उनकी मदद करने की इच्छा रखता है।
त्याग और बलिदान: प्रतिमा के रूप में, वह अपने शरीर के सोने और कीमती रत्नों को त्याग कर गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करता है। उसकी यह उदारता और दानशीलता उसकी महानता को प्रकट करती है।
प्रेरणादायक: प्रतिमा बनकर, राजकुमार लोगों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बन जाता है। उसकी करुणा और त्याग की कहानियाँ लोगों को दयालु और मददगार बनने के लिए प्रेरित करती हैं।
इस प्रकार, प्रतिमा बनने के बाद का राजकुमार अधिक प्रशंसनीय और प्रेरणादायक है, क्योंकि वह अपने निजी सुख-संपत्ति को छोड़कर दूसरों की भलाई के लिए समर्पित हो जाता है। यह परिवर्तन और त्याग की भावना उसे एक वास्तविक नायक बनाती है।
गौरैया के व्यक्तित्व में आने वाले परिवर्तन पर अपनी टिप्पणी लिखिए। NIOS Class 10 Hindi Chapter 13
गौरैया के व्यक्तित्व में यह परिवर्तन अत्यंत प्रेरणादायक और मार्मिक है। शुरुआत में एक साधारण और स्वार्थी पक्षी के रूप में दिखने वाली गौरैया धीरे-धीरे अपने निस्वार्थ कार्यों और दयालुता के कारण एक महान और प्रेरणादायक चरित्र बन जाती है। उसके व्यक्तित्व में आने वाला यह परिवर्तन कहानी के केंद्रीय संदेश कोRead more
गौरैया के व्यक्तित्व में यह परिवर्तन अत्यंत प्रेरणादायक और मार्मिक है। शुरुआत में एक साधारण और स्वार्थी पक्षी के रूप में दिखने वाली गौरैया धीरे-धीरे अपने निस्वार्थ कार्यों और दयालुता के कारण एक महान और प्रेरणादायक चरित्र बन जाती है। उसके व्यक्तित्व में आने वाला यह परिवर्तन कहानी के केंद्रीय संदेश को गहराई से उजागर करता है: सच्ची महानता और सुख दूसरों की सेवा और मदद में है, न कि केवल अपने व्यक्तिगत सुख में।
See lessगौरैया की यात्रा दर्शाती है कि किसी भी साधारण प्राणी में महानता का गुण हो सकता है, बशर्ते वह दूसरों के लिए अपने स्वार्थ को त्याग कर सेवा और करुणा की राह पर चले। उसकी इस यात्रा और परिवर्तन ने कहानी को एक गहरा और स्थायी संदेश दिया है।