राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 4, आह्वान
यह पंक्तियाँ सांप्रदायिक एकता और विविधता में एकता का संदेश देती हैं। इसमें कहा गया है कि विभिन्न समुदायों, संप्रदायों, या संस्कृतियों में भले ही बाहरी भेद हों, लेकिन वे एकता में बाधक नहीं होने चाहिए। जैसे अलग-अलग प्रकार के फूल मिलकर एक सुंदर माला बना सकते हैं, वैसे ही भिन्नता के बावजूद लोग एक समाज या राष्ट्र के रूप में एकजुट हो सकते हैं।
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(ख) हमारे देश की विशेषता है, यहाँ अनेक धर्मों-संप्रदायों के लोग रहते हैं।