sripal
  • 0

संवेदनशीलता का विस्तार करने में कवियों की क्या भूमिका है- बूढ़ी पृथ्वी का दुख कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए। आप किस माध्यम से यह कार्य कर सकते हैं- यह भी लिखिए। NIOS Class 10 Hindi Chapter 14

  • 0

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 14, बूढ़ी पृथ्वी का दुख

कवियों की भूमिका संवेदनशीलता का विस्तार करने में अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। ‘बूढ़ी पृथ्वी का दुख’ कविता में कवयित्री ने पृथ्वी के दर्द और पर्यावरणीय संकट को व्यक्त किया है। यह कविता हमें प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक उपयोग के परिणामों के प्रति जागरूक करती है, जैसे प्रदूषण और जैव विविधता का ह्रास।

Share

1 Answer

  1. कवियों की संवेदनशीलता को विस्तार देने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वे अपने शब्दों और कविताओं के माध्यम से समाज को जागरूक करते हैं और गहरी भावनाओं को प्रकट करते हैं। ‘बूढ़ी पृथ्वी का दुख’ कविता के माध्यम से कवि पृथ्वी की पीड़ा और मानव द्वारा किए गए अत्याचारों को उजागर करते हैं। इस प्रकार की कविताएँ पाठकों को सोचने पर मजबूर करती हैं और उन्हें पर्यावरण और पृथ्वी की सुरक्षा के प्रति जागरूक बनाती हैं।
    कवि यह कार्य कई माध्यमों से कर सकते हैं:
    लेखन और प्रकाशन: कविताएँ लिखकर और उन्हें पुस्तकों, पत्रिकाओं, और ब्लॉग्स में प्रकाशित करके कवि अपने विचार व्यापक जनसमूह तक पहुँचा सकते हैं।
    सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम: काव्य पाठ और साहित्यिक गोष्ठियों में अपनी कविताएँ प्रस्तुत कर सकते हैं।
    सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म: सोशल मीडिया, यूट्यूब, पॉडकास्ट और अन्य डिजिटल माध्यमों का उपयोग कर कविताओं को साझा कर सकते हैं।
    शिक्षण और कार्यशालाएँ: स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में कार्यशालाओं और सत्रों का आयोजन करके कविताओं के माध्यम से संवेदनशीलता बढ़ा सकते हैं।
    इन माध्यमों से कवि समाज में संवेदनशीलता और जागरूकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

    • 37
Leave an answer

Leave an answer

Browse