NIOS Class 10 Hindi Chapter 7
शागिर्द ने सुई में धागा पिरोने का निर्णय इसलिए लिया क्योंकि उसने समझा कि यह कार्य उसकी स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। सुई में धागा पिरोना न केवल एक साधारण क्रिया है, बल्कि यह उसके जीवन के लक्ष्यों को साकार करने की दिशा में पहला कदम भी है। इस निर्णय के माध्यम से उसने यह दर्शाया कि आजादी प्राप्त करने के लिए उसे मेहनत और समर्पण के साथ आगे बढ़ना होगा।
इस प्रकार आजादी का वास्तविक अर्थ, उसके विविध संदर्भ और श्रम तथा कर्तव्य के साथ उसके संबंध को स्पष्ट करते हुए दर्जी फिर से कपड़े सीने लगा। यहाँ पर उस्ताद का फिर से कपड़े सीने में लग जाना, निरंतर कर्म करते रहने का संदेश देता है। उस्ताद का उत्तर सुनकर और उसे कर्मरत देखकर शागिर्द की परेशानियाँ दूर हुईं। वह भी सुई में धागा पिरोने लगा उसकी समस्या का समाधान हो गया और उसने पुनः कर्मरत होने का निर्णय ले लिया। आजादी को जीवित रखने के लिए श्रम परम आवश्यक है, यह आप भी समझ गए होंगे।