NIOS Class 10 Hindi Chapter 15 अंधेर नगरी
व्यंग्य-शैली शासन-व्यवस्था की आलोचना के लिए अत्यधिक उपयुक्त है क्योंकि यह हास्य और तीखे तर्कों के माध्यम से गंभीर मुद्दों को उजागर करती है। व्यंग्य न केवल मनोरंजन करता है, बल्कि समाज की बुराइयों और असमानताओं पर प्रकाश डालता है। यह लोगों को सोचने पर मजबूर करता है और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनाता है। उदाहरण के लिए, ‘अंधेर नगरी’ जैसे नाटकों में व्यंग्य का उपयोग कर भारतेंदु ने शासन की विफलताओं को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया, जिससे दर्शकों में चेतना जागृत हुई।
व्यंग्य-शैली शासन-व्यवस्था की आलोचना के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है क्योंकि यह समस्याओं को हास्य और विडंबना के माध्यम से उजागर करती है। इससे गंभीर मुद्दों को समझना आसान हो जाता है और जनता पर गहरा प्रभाव पड़ता है, जिससे वे सोचने और सुधार के लिए प्रेरित होते हैं।