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लेखक के अनुसार प्राचीन काल में नाखून का बढ़ना अच्छा माना जाता होगा और अब नाखून का काटना अच्छा माना जाता है- आपकी दृष्टि में इस अंतर का कम से कम एक कारण क्या है? NIOS Class 10 Hindi Chapter 18

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NIOS Class 10 Hindi Chapter 18

प्राचीन काल में नाखून का बढ़ना स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता था, क्योंकि लंबे नाखूनों को सजावट और सामाजिक स्थिति के संकेत के रूप में देखा जाता था। समय के साथ, स्वच्छता और व्यक्तिगत देखभाल पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिससे नाखूनों को काटना और संवारना एक सामान्य प्रथा बन गई। आजकल, साफ-सुथरे और छोटे नाखून पेशेवरता और आधुनिक जीवनशैली का प्रतीक माने जाते हैं, जो कि स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूकता को दर्शाते हैं।

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  1. लेखक के अनुसार प्राचीन काल में नाखून का बढ़ना अच्छा माना जाता होगा और अब नाखून का काटना अच्छा माना जाता है। इस अंतर का एक प्रमुख कारण समाज और सभ्यता में परिवर्तन है।
    प्राचीन काल में:
    व्यवहारिक कारण: प्राचीन काल में लोग नाखूनों का उपयोग विभिन्न कार्यों में करते थे जैसे कि शिकार, काटना, खोदना आदि। लंबे नाखून इन कार्यों में सहायक हो सकते थे।
    सौंदर्य और प्रतीकात्मकता: लंबे नाखून को उच्च वर्ग या विशिष्ट पहचान के रूप में देखा जा सकता था, जिससे व्यक्ति का सामाजिक और आर्थिक स्तर प्रदर्शित होता था।
    आधुनिक काल में:
    स्वच्छता और स्वास्थ्य: अब नाखूनों का काटना स्वच्छता और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है। लंबे नाखूनों में गंदगी और बैक्टीरिया आसानी से फंस सकते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
    आधुनिक जीवन शैली: आज की जीवनशैली और कार्य प्रकृति में छोटे नाखून अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित होते हैं। उदाहरण के लिए, टाइपिंग, खेल, और अन्य गतिविधियों में छोटे नाखूनों से आसानी होती है और चोट लगने की संभावना कम हो जाती है।
    सौंदर्य मानक: आज के सौंदर्य मानकों के अनुसार स्वच्छ, कटे हुए नाखूनों को सुंदरता और देखभाल का प्रतीक माना जाता है।

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