राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 15, अंधेर नगरी
राजा ने स्वयं फांसी चढ़ने का निर्णय इसलिए लिया क्योंकि महंत ने बताया था कि उस शुभ घड़ी में जो मरेगा, वह सीधे स्वर्ग जाएगा। राजा, जो अपने जीवन को महत्व नहीं देता था, इस लालच में आ गया कि वह स्वर्ग की ओर जा सकता है। उसने अपनी जान की परवाह न करते हुए, अपने को अपराधी मानकर फांसी पर चढ़ने का फैसला किया। इस प्रकार, राजा की मूर्खता और लालच ने उसे इस स्थिति में ला खड़ा किया।
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(घ) राजा ने स्वयं फाँसी चढ़ने का निर्णय स्वयं मुक्ति पाने की लालसा में लिया।