Ganpati
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रक्त की श्वेत कणिकाएँ- NIOS Class 10 Hindi Chapter 16

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0%(क) रोगाणुओं का भोजन बनती हैं।
0%(ख) रोगाणुओं को ऊतक तरल जाती हैं तक पहुँचाती हैं।
100%(ग) रोगाणुओं से लड़ती हैं। ( 2 voters )
0%(घ) निष्क्रिय रहती है।
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राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 16, अपना-पराया

रक्त की श्वेत कणिकाएँ, जिन्हें श्वेत रक्त कोशिकाएँ या ल्यूकोसाइट्स कहा जाता है, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये संक्रमणों और हानिकारक पदार्थों से रक्षा करती हैं। श्वेत रक्त कोशिकाएँ मुख्य रूप से अस्थि मज्जा में बनती हैं और इनमें विभिन्न प्रकार शामिल होते हैं, जैसे न्यूट्रोफिल, लिम्फोसाइट्स, मोनोसाइट्स, ईोसिनोफिल्स, और बेसोफिल। प्रत्येक प्रकार का विशिष्ट कार्य होता है, जैसे बैक्टीरिया से लड़ना, एंटीबॉडी बनाना, और एलर्जी प्रतिक्रियाओं में भाग लेना। इनका सही स्तर स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, क्योंकि इनकी कमी या अधिकता विभिन्न रोगों का संकेत हो सकती है।

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  1. (ग) रक्त की श्वेत कणिकाएँ रोगाणुओं से लड़ती हैं।

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