NIOS Class 10 Hindi Chapter 19 शतरंज के खिलाड़ी
मीर और मिर्जा की मित्रता गहरी और जटिल है। दोनों शतरंज के प्रति अपने जुनून के कारण एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं, जिससे उनकी मित्रता मजबूत होती है। वे घंटों तक खेलते हैं, एक-दूसरे की चालों पर चर्चा करते हैं, और कभी-कभी तकरार भी होती है, लेकिन यह सब मित्रता की गर्माहट को बनाए रखता है। हालांकि, मिर्जा की पत्नी और परिवार को उनकी यह गतिविधि पसंद नहीं आती, जिससे कभी-कभी तनाव उत्पन्न होता है। फिर भी, उनकी मित्रता में आपसी सम्मान और समझ बनी रहती है।
मुंशी प्रेमचंद की कहानी ‘शतरंज के खिलाड़ी’ में मीर और मिरजा की मित्रता का चित्रण समाज और समय की परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में किया गया है। उनकी मित्रता के विभिन्न सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं पर विचार करने से हमें उनके चरित्र और आपसी संबंधों की गहराई का पता चलता है।
मीर और मिरजा की मित्रता के सकारात्मक पक्ष
गहरी मित्रता:
मीर और मिरजा की मित्रता बहुत गहरी और सच्ची है। वे एक-दूसरे के साथ समय बिताना पसंद करते हैं और शतरंज खेलते हुए अपने दिन व्यतीत करते हैं। उनके बीच में आपसी समझ और सहयोग है जो एक सच्ची मित्रता का प्रतीक है।
समान रूचियाँ:
दोनों को शतरंज का बेहद शौक है, जो उन्हें और करीब लाता है। उनकी यह साझा रुचि उनके आपसी संबंधों को मजबूत बनाती है और उन्हें एक-दूसरे के साथ वक्त बिताने का अवसर देती है।
सहजता और आत्मीयता:
उनके बीच का संवाद और बातचीत सहज और आत्मीय है। वे एक-दूसरे के साथ अपनी भावनाएँ और विचार खुलकर साझा करते हैं, जो उनके बीच के गहरे संबंध को दर्शाता है।
मीर और मिरजा की मित्रता के नकारात्मक पक्ष
अनदेखी और उदासीनता:
उनकी शतरंज की धुन और लत उन्हें वास्तविक जीवन की जिम्मेदारियों से विमुख कर देती है। वे अपने परिवार और समाज के प्रति उदासीन हो जाते हैं, जिससे उनके घरेलू और सामाजिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
स्वार्थपरता:
मीर और मिरजा अपने शतरंज के खेल में इतने लीन हो जाते हैं कि उन्हें अपने आसपास की दुनिया की परवाह नहीं रहती। वे केवल अपने आनंद और खेल में लगे रहते हैं, जिससे उनकी स्वार्थपरता स्पष्ट होती है।
संकट के समय में असहायता:
जब लखनऊ पर अंग्रेजों का हमला होता है, मीर और मिरजा शतरंज में इतने व्यस्त होते हैं कि उन्हें इस संकट की गंभीरता का एहसास नहीं होता। उनकी यह उदासीनता और असहायता उनके व्यक्तित्व की कमजोरी को दर्शाती है।
परिवार और समाज के प्रति जिम्मेदारियों की उपेक्षा:
उनकी मित्रता और शतरंज के प्रति दीवानगी उनके परिवार और समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारियों की उपेक्षा को दर्शाती है। उनकी पत्नियाँ और अन्य लोग उनकी इस लापरवाही से परेशान और दुखी रहते हैं।
निष्कर्ष
मीर और मिरजा की मित्रता में गहराई और आत्मीयता है, जो उनके संबंधों को सकारात्मक बनाती है। हालांकि, उनकी इस मित्रता की वजह से वे अपनी जिम्मेदारियों और सामाजिक कर्तव्यों से विमुख हो जाते हैं, जो उनके चरित्र के नकारात्मक पक्ष को उजागर करता है। इस प्रकार, उनकी मित्रता के दोनों पक्षों को समझने से हमें उनके जीवन और उनके समय की परिस्थितियों का गहन विश्लेषण करने का अवसर मिलता है।