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भवानीप्रसाद मिश्र की भाषा पर टिप्पणी लिखिए। NIOS Class 10 Hindi Chapter 12

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राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 12, इसे जगाओ

भवानीप्रसाद मिश्र की भाषा सरल, सहज और बोलचाल की है, जो उन्हें आम पाठकों से जोड़ती है। उन्होंने अपनी कविताओं में जटिल और भारी-भरकम शब्दों का उपयोग नहीं किया, बल्कि प्रचलित शब्दों और मुहावरों के माध्यम से गहरी भावनाएँ व्यक्त की हैं। उनकी भाषा में संवेदनशीलता और आत्मीयता का अनुभव होता है, जिससे पाठक को एक संवाद का अनुभव होता है। मिश्र जी की काव्यशैली में यथार्थता और सामाजिक मुद्दों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया है, जो उनकी कविताओं को विशेष बनाता है।

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1 Answer

  1. ‘इसे जगाओ’ कविता को पढ़ते हुए आपने अनुभव किया होगा कि इसमें आम बोलचाल की भाषा का प्रयोग किया गया है। अन्य कविताओं से तुलना करने पर हम पाते हैं कि भवानीप्रसाद मिश्र कविता में चमत्कार पैदा करने के लिए अप्रचलित या संस्कृतनिष्ठ शब्दों का प्रयोग नहीं करते। प्रचलित शब्दों और मुहावरों के प्रयोग से ही वे बड़ी से बड़ी बात कह देते हैं।
    जिस तरह आम आदमी बोलता है, उस तरह की भाषा में उच्च कोटि की कविता करना अत्यंत कठिन काम है। भवानीप्रसाद मिश्र ने इस चुनौती को स्वीकार किया और वे निरंतर आम बोलचाल की भाषा में ही जनता की संवेदनाओं और भावों को व्यक्त करते रहे। वे भाषा की सादगी के समर्थ कवि हैं।

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