NIOS Class 10 Hindi Chapter 14
‘बूढ़ी पृथ्वी का दुख’ कविता में उत्साह या आनंद की कोई विशेषता नहीं मिलती। कविता में कवयित्री ने पृथ्वी की पीड़ा, उसके पर्यावरणीय संकट और मानव के विनाशकारी व्यवहार को उजागर किया है। यहाँ पर पृथ्वी की करुणा और उसकी दुर्दशा का वर्णन किया गया है, जो गहरे दुख और निराशा से भरी है। इस प्रकार, कविता में जीवन की कठिनाइयों और प्राकृतिक संसाधनों के क्षय के प्रति एक गंभीर चेतावनी दी गई है।
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(घ) ‘बूढ़ी पृथ्वी का दुख’ कविता में ओजस्विता विशेषता नहीं मिलती।