NIOS Class 10 Hindi Chapter 1
“बहादुर” कहानी की भाषा सरल, प्रवाहमयी और प्रभावशाली है, जो पाठक को सहजता से कहानी में डूबने देती है। इसमें स्थानीय शब्दों और मुहावरों का प्रयोग किया गया है, जो पात्रों और वातावरण को सजीव बनाते हैं। भावनाओं को अभिव्यक्त करने के लिए संवेदनशील और सहज शैली अपनाई गई है।
बहादुर’ कहानी की भाषा की प्रमुख विशेषताएं:
1. सरल और सहज:
प्रेमचंद की भाषा सरल और सहज है। वह ऐसे शब्दों का प्रयोग करते हैं जो पाठक को आसानी से समझ में आ जाते हैं।
उनकी भाषा में कोई अलंकारिक भाषा या जटिल वाक्य रचना नहीं है।
2. मुहावरे और कहावतों का प्रयोग:
प्रेमचंद अपनी भाषा में मुहावरों और कहावतों का प्रभावी ढंग से प्रयोग करते हैं। यह उनकी भाषा को अधिक रोचक और प्रभावशाली बनाता है। उदाहरण के लिए, “सिर पर छप्पर होना”, “पेट की आग बुझना”, “आँखों में आँसू आना”
3. ग्रामीण जीवन का चित्रण:
‘बहादुर’ कहानी ग्रामीण जीवन का चित्रण करती है। प्रेमचंद अपनी भाषा में गाँव के लोगों, उनकी बोलचाल और उनकी जीवनशैली का यथार्थवादी चित्रण करते हैं। वह ग्रामीण परिवेश का सजीव वर्णन करते हैं।
4. भावनात्मक प्रभाव:
प्रेमचंद अपनी भाषा का प्रयोग भावनाओं को व्यक्त करने के लिए करते हैं। वे पाठक को पात्रों के दुख, खुशी, क्रोध और प्रेम जैसी भावनाओं को महसूस कराते हैं। उनकी भाषा में भावनात्मक गहराई और तीव्रता है।
5. सामाजिक संदेश:
‘बहादुर’ कहानी में सामाजिक संदेश भी निहित है। प्रेमचंद अपनी भाषा का प्रयोग गरीबी, अन्याय और सामाजिक असमानता जैसी सामाजिक समस्याओं पर प्रकाश डालने के लिए करते हैं। वे पाठक को इन समस्याओं के बारे में सोचने और उनका समाधान ढूंढने के लिए प्रेरित करते हैं।