राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 8, चंद्रगहना से लौटती बेर
बगुला समाज के ढोंगी लोगों का प्रतीक है, जो दिखावा कुछ करते हैं और उनका आचरण कुछ और ही होता है। इसलिए कहावत भी है- बगुला भगत ! कविता में भी ढोंगी बगुला धयान लगाकर खड़ा है, किंतु मछली को देखते ही उसे झट पकड़ कर, चट गटक जाता है। चिडि़या के ‘चतुर’ विशेषण पर गौर कीजिए, यह कुछ चालाक लोगों की ओर संकेत करती है। चालाक चिडि़या, मछली को झपट कर उठा लेती है। प्रकृति के ये दृश्य भी समाज के व्यवहार की ओर संकेत करते हैं। समाज में कुछ कपटी, चालाक और धूर्त लोग दूसरों का शोषण करते हैं, किंतु इनकी अधिकता नहीं है। विशेष बात तो यह है कि प्रकृति का प्यार भरा रूप अधिक आकर्षक है।