राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 10, पढ़ें कैसे
(क) दीपक से सीखो जितना हो सके अँधेरा हरना।
इस वाक्य का अर्थ है कि दीपक की तरह हमें अपने जीवन में अंधकार (अज्ञानता, बुराई) को दूर करने का प्रयास करना चाहिए। जैसे दीपक अंधेरे को अपने प्रकाश से दूर करता है, वैसे ही हमें अपनी अच्छाई, ज्ञान और सत्य से समाज में फैली बुराई और अंधकार को मिटाने का प्रयास करना चाहिए।
(ख) सत्पुरुषों के जीवन से सीखो निज चरित्रा गढ़ना।
यह वाक्य हमें यह शिक्षा देता है कि हमें अपने जीवन में सत्पुरुषों (सच्चे और आदर्श लोगों) के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उनके आदर्श, उनकी नीतियों और उनके सही कार्यों को अपनाकर हमें अपना चरित्र निर्माण करना चाहिए, ताकि हम भी समाज में एक आदर्श व्यक्ति के रूप में पहचाने जाएं।
(क) ‘दीपक से सीखो जितना हो सके अँधेरा हरना।’ का आशय है कि जैसे दीपक अपने प्रकाश से अंधकार को दूर करता है, वैसे ही हमें भी अपने जीवन में सकारात्मकता और ज्ञान फैलाने का प्रयास करना चाहिए। हमें अपने आस-पास की नकारात्मकता को दूर करने और दूसरों के जीवन में रोशनी लाने का प्रयास करना चाहिए।
(ख) ‘सत्पुरुषों के जीवन से सीखो निज चरित्रा गढ़ना।’ का आशय है कि हमें महान और नेक व्यक्तियों के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने चरित्र का निर्माण करना चाहिए। उनके आदर्शों और सिद्धांतों का अनुसरण करके हम अपने जीवन को उच्च नैतिक मूल्यों और सद्गुणों से परिपूर्ण बना सकते हैं।