NIOS Class 10 Hindi Chapter 2 दोहे
इस दोहे में भाव-सौंदर्य व्यक्ति के हृदय में छिपे भावों को आंखों के माध्यम से समझने की सुंदर अभिव्यक्ति है। कवि कहता है कि हमारी आंखें बिना बोले ही मन के प्रेम, द्वेष, स्नेह, और अन्य भावों को प्रकट कर देती हैं। जैसे एक स्वच्छ दर्पण हर चीज को स्पष्ट रूप में दिखाता है, वैसे ही आंखें भी दिल में छिपे अच्छे-बुरे भावों को उजागर कर देती हैं।
इस दोहे में, आँखों को “निर्मल आरसी” (निर्दोष दर्पण) के रूप में दर्शाया गया है।
जैसे दर्पण हमारे चेहरे पर मौजूद हर दाग-धब्बे को दिखाता है, वैसे ही आँखें भी हमारे दिल की सच्ची भावनाओं को प्रकट कर देती हैं। आँखें प्रेम, स्नेह, क्रोध, घृणा, ईर्ष्या, आदि सभी भावनाओं को व्यक्त करती हैं।
एक बार, मैं एक ऐसे व्यक्ति से मिला जो बहुत ही मिलनसार और दयालु लग रहा था। लेकिन उसकी आँखों में एक अजीब चमक थी, जो मुझे संदेहास्पद लगी। कुछ समय बाद, मुझे पता चला कि वह व्यक्ति वास्तव में कपटी था और उसके इरादे बुरे थे। यह अनुभव मुझे सिखा गया कि आँखें कितनी सच्ची होती हैं और हमें उन पर भरोसा करना चाहिए।