NIOS Class 10 Hindi Chapter 2
रहीम यहाँ समझाना चाहते हैं कि दूसरों से अपनी तकलीफें साझा करने का अधिक लाभ नहीं होता। लोग संवेदनाओं को समझने या समाधान देने के बजाय केवल उत्सुकता से सुनने में रुचि रखते हैं। इसलिए, व्यक्ति को अपने दुखों को स्वयं सहन करना सीखना चाहिए और किसी भी कठिनाई का सामना धैर्य और आत्मबल से करना चाहिए। इस प्रकार, यह दोहा हमें आत्म-संयम और धैर्य का पाठ सिखाता है।
रहीम कहते हैं कि अपने मन की व्यथा का दूसरों के सामने प्रकट करने का कोई लाभ नहीं है। लोग केवल सुनते हैं और हसंते हैं लेकिन कोई सहायता नहीं करता। इसलिए अपने दुःख को अपने अंतर में छुपा के रखना चाहिए।