NIOS Class 10 Hindi Chapter 12
इस कविता में कवि ने समाज में निर्बलों और कमजोरों की स्थिति को उजागर किया है। वह बताता है कि लोग उनकी पीड़ा और संघर्ष को अनदेखा कर रहे हैं, जैसे कि आँसू और छाले उनकी चुप्पी की निशानी हैं। कवि का संदेश है कि हमें इस अन्याय के खिलाफ उठ खड़ा होना चाहिए और समय पर मोर्चा लेना चाहिए। यह कविता सामाजिक जागरूकता और संघर्ष की आवश्यकता को दर्शाती है, ताकि निर्बलों की आवाज़ सुनी जा सके और उनके अधिकारों की रक्षा की जा सके।
(क) कवि के ‘लोचनों के बीच आँसू’ से तात्पर्य है कि व्यक्ति की आँखों में आँसू हैं, जो उसकी भावनात्मक स्थिति, दुख या संवेदनशीलता को दर्शाते हैं। यह चित्रण बताता है कि व्यक्ति आंतरिक रूप से पीड़ा या संघर्ष का सामना कर रहा है। आँसू दुख, निराशा, या किसी गहरे भावनात्मक अनुभव का प्रतीक हो सकते हैं। कवि इस स्थिति को उजागर करके यह संकेत देता है कि व्यक्ति को इस दुखद स्थिति से उबरने के लिए जागरूक होना और वास्तविकता का सामना करना आवश्यक है।
(ख) ‘पगों के बीच छाले’ के पीछे कवि की भावना यह है कि व्यक्ति ने जीवन की कठिनाइयों और संघर्षों का सामना किया है। छाले प्रतीक हैं उन दर्द और थकावट के जो जीवन की कठिन राहों पर चलते हुए आए हैं। यह दिखाता है कि व्यक्ति ने लंबी और कष्टप्रद यात्रा की है, जिसमें उसे शारीरिक और मानसिक पीड़ा सहनी पड़ी है। कवि इस पीड़ा को उजागर करके यह बताना चाहता है कि जीवन के संघर्षों के बावजूद सजगता और साहस बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
(ग) इस कविता का आशय यह है कि समाज में कमजोर और पीड़ित व्यक्तियों की पीड़ा और संघर्ष को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। उनकी आँखों में आँसू और पैरों में छाले उनकी कठिनाइयों और दर्द की निशानियाँ हैं, जिन्हें कोई देखता नहीं। कवि यहाँ यह संदेश दे रहा है कि इस उपेक्षा और असंवेदनशीलता को खत्म करने के लिए जागरूक होना और समय पर सही कदम उठाना आवश्यक है।
(घ) (iii) समाज के कमजोर लोगों की
कविता में कवि समाज की अनदेखी, उसकी उपेक्षा और दुर्भावना के बारे में संकेत कर रहा है। वह उन लोगों की ओर संकेत कर रहा है जो कमजोर, असहाय, या विपन्न हैं, लेकिन समाज में उनकी पीड़ा और संघर्षों को अनदेखा कर रहा है। इस कविता में कवि एक सामाजिक संदेश देकर समाज को उत्तेजित कर रहा है कि यह उपेक्षा और उन्हें सहायता नहीं मिलने की स्थिति को सुधारने के लिए समय पर उठे और कार्रवाई करें।