NIOS Class 10 Hindi Chapter 14
प्राकृतिक संसाधनों का मनमाना उपयोग केवल अधिकार नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी भी है। यह सच है कि हमें इन संसाधनों का उपयोग करने का अधिकार है, लेकिन इसे संतुलित और सतत तरीके से करना आवश्यक है। अनियंत्रित उपयोग से पर्यावरणीय असंतुलन, जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता की हानि हो सकती है। इसलिए, हमें प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और विवेकपूर्ण उपयोग करना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इनका लाभ उठा सकें और पृथ्वी का स्वास्थ्य बना रहे।
(क) ‘नदियाँ मुँह ढाँपकर रोती हैं’ का अर्थ है- उनकी पीड़ा को कोई समझ नहीं रहा। (√)
(ख) ‘नदियाँ मुँह ढाँपकर रोती हैं’ में मानवीकरण है। (√)
(ग) प्राकृतिक संसाधनों का मनमाना उपयोग हमारा अधिकार है। (x)
(घ) ‘सोचा है कभी कि उस घाट…’ प्रश्न के द्वारा कवयित्राी घाट की सराहना करना चाहती है। (x)