राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, सामाजिक विज्ञान, अध्याय 1, प्राचीन विश्व
वैदिक युग में आर्य समाज में स्त्रियों का स्थान अपेक्षाकृत सम्मानजनक था। महिलाएं सभा और विधाता में पुरुषों के साथ भाग लेने के लिए स्वतंत्र थीं, और उन्हें सामाजिक गतिविधियों में शामिल होने का अधिकार था। इस युग में विधवाओं के पुनर्विवाह और नियोग प्रथा के प्रमाण भी मिलते हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि महिलाएं अपने जीवन के चुनाव में कुछ स्वतंत्रता रखती थीं। हालांकि, पितृसत्तात्मक समाज ने कुछ सीमाएं भी निर्धारित की थीं, जैसे कि बाल विवाह और सती प्रथा, जो बाद में विकसित हुईं।
(क) फारस के राजा साइरस ने वर्ष … 550 ईसा पूर्व …. में पारसियों को एकीकृत किया।
(ख) वैदिक युग में आर्य समाज में स्त्रिायों का … सम्मान… किया जाता था।
(ग) ग्राम तथा विश के प्रमुख को क्रमशः ….. मुखिया…. और ….. विशपति…. कहा जाता था।