राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 7, भारत की ये बहादुर बेटियाँ
“जो कपड़े नहीं सिएगा” पंक्ति का संकेत दर्जी के शागिर्द की ओर है। यह पंक्ति उस व्यक्ति को दर्शाती है जो अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने में असमर्थ है या जो मेहनत नहीं करता। इस संदर्भ में, यह विचार किया जा सकता है कि आजादी का सही अर्थ तभी समझा जा सकता है जब व्यक्ति अपने कर्मों और कार्यों के प्रति जिम्मेदार हो।
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(क) ‘जो कपड़े नहीं सिएगा’ पंक्ति दर्जी के शागिर्द की ओर ओर संकेत करती है।