राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 19, शतरंज के खिलाड़ी
कहानी “शतरंज के खिलाड़ी” में यह स्पष्ट होता है कि जब व्यक्ति को आजीविका के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ता, तो उसके जीवन में विकृतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। मिर्जा, जो आर्थिक रूप से सुरक्षित है, अपनी शतरंज की आदत में इतना डूब जाता है कि वह अपने परिवार और समाज से कट जाता है। इस आरामदायक स्थिति के कारण वह मानसिक रूप से अस्वस्थ हो जाता है, जिससे उसकी वास्तविकता से दूरी बढ़ती है। इस प्रकार, संघर्ष की कमी व्यक्ति को आलसी और असंतुष्ट बना सकती है।
मुंशी प्रेमचंद की कहानी ‘शतरंज के खिलाड़ी’ इस कथन को बहुत प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करती है कि “जिसे आजीविका के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ता, उसके जीवन में कुछ विकृतियाँ आ जाती हैं”। कहानी के मुख्य पात्र, मीर और मिरजा, अपनी जीविका के संघर्ष से मुक्त होने के कारण जिन विकृतियों का सामना करते हैं, वे इस कथन की सत्यता को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं। आइए इस कथन पर कहानी के आधार पर विस्तार से विचार करें:
आर्थिक सुरक्षा और निष्क्रियता
मीर और मिरजा दोनों ही उच्चवर्गीय नवाब हैं, जिनके पास धन-धान्य की कोई कमी नहीं है। आर्थिक रूप से सुरक्षित होने के कारण उन्हें अपनी आजीविका के लिए कोई संघर्ष नहीं करना पड़ता। इस कारण वे अपने जीवन को शतरंज जैसे खेलों में व्यतीत करते हैं, जो उनकी निष्क्रियता और आलस्य को बढ़ावा देता है।
जिम्मेदारियों से विमुखता
कहानी में स्पष्ट रूप से दिखाया गया है कि मीर और मिरजा अपने पारिवारिक और सामाजिक कर्तव्यों से बिल्कुल विमुख हो गए हैं। उनकी पत्नियाँ उनकी उदासीनता से परेशान हैं और उनकी सामाजिक जिम्मेदारियाँ भी उपेक्षित हो रही हैं। उनके पास आर्थिक सुरक्षा होने के कारण वे इन जिम्मेदारियों को गंभीरता से नहीं लेते, जो उनके जीवन में विकृतियों का कारण बनता है।
आत्ममुग्धता और स्वार्थपरता
मीर और मिरजा अपनी शतरंज की धुन में इतने लीन हो जाते हैं कि उन्हें अपने आसपास की दुनिया का कोई ध्यान नहीं रहता। यह आत्ममुग्धता और स्वार्थपरता उनके चरित्र की विकृतियों को दर्शाती है। वे केवल अपने आनंद और संतुष्टि के बारे में सोचते हैं, जिससे उनकी व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में विकृतियाँ उत्पन्न होती हैं।
यथार्थ से पलायन
शतरंज के खेल में लीन रहकर मीर और मिरजा वास्तविक जीवन की समस्याओं और चुनौतियों से पलायन करते हैं। उनकी यह प्रवृत्ति उनके जीवन में एक प्रकार की विकृति को जन्म देती है, जहाँ वे वास्तविकता से दूर होकर एक काल्पनिक दुनिया में जीने लगते हैं। यह पलायनवाद उनके व्यक्तित्व और जीवन के लिए हानिकारक सिद्ध होता है।
ऐतिहासिक और राजनीतिक असंवेदनशीलता
कहानी में उस समय की राजनीतिक परिस्थितियों का भी उल्लेख है जब अंग्रेजी हुकूमत का विस्तार हो रहा था। मीर और मिरजा इस ऐतिहासिक और राजनीतिक परिवर्तन के प्रति बिल्कुल असंवेदनशील रहते हैं। उनकी आर्थिक सुरक्षा और आजीविका के संघर्ष की अनुपस्थिति उन्हें इन महत्वपूर्ण मुद्दों के प्रति उदासीन बना देती है, जो उनके जीवन की एक बड़ी विकृति है।