चीखते-तड़पते रोगी को मदर मार्गरेट ने ‘कुछ नहीं, कुछ नहीं’ कहा क्योंकि वे- NIOS Class 10 Hindi Chapter 5
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मदर मार्गरेट ने चीखते-तड़पते रोगी को ‘कुछ नहीं, कुछ नहीं’ कहा क्योंकि वह रोगी की पीड़ा को कम करने और उसे सांत्वना देने का प्रयास कर रही थीं। उनका उद्देश्य था कि रोगी को यह महसूस हो कि उसकी स्थिति में सुधार संभव है और उसे आशा दी जाए। मदर मार्गरेट की यह भावना उनके सेवा भाव और करुणा को दर्शाती है, जिससे वे रोगियों के मनोबल को बढ़ाने में सहायक बनती हैं।
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(ग) चीखते-तड़पते रोगी को मदर मार्गरेट ने ‘कुछ नहीं, कुछ नहीं’ कहा क्योंकि वे- रोग से लड़ने की हिम्मत देना चाहती थी।