NIOS Class 10 Hindi Chapter 3 गिल्लू
घाव ठीक होने के पश्चात गिल्लू में स्वतंत्रता और आत्मविश्वास का एक स्पष्ट परिवर्तन दिखाई पड़ा। पहले जब वह घायल था, वह बहुत कमजोर और असहाय था, और लेखिका की देखभाल में पूरी तरह निर्भर था। लेकिन जैसे ही उसका घाव ठीक हुआ, वह पहले से अधिक चंचल और मुक्त हो गया। गिल्लू ने अपनी स्वतंत्रता की इच्छा जाहिर करते हुए लेखिका के कमरे से बाहर जाने का मन बनाया। अब वह एक नया उत्साह और ऊर्जा महसूस करने लगा था, और उसने खिड़की की जाली का एक कोना खोलकर बाहर जाने का रास्ता खुद खोज लिया। यह परिवर्तन गिल्लू के आत्मनिर्भर और स्वतंत्र व्यक्तित्व को दर्शाता है, जो उसकी शारीरिक और मानसिक स्थिति में सुधार के साथ आया।
कई घंटे के उपचार के उपरांत उसके मुँह में एक बूँद पानी टपकाया जा सका। तीसरे दिन वह इतना अच्छा और आश्वस्त हो
गया कि मेरी उँगली अपने दो नन्हे पंजों से पकड़ कर, नीले काँच के मोतियों जैसी आँखों से इधर-उधर देखने लगा।
तीन-चार मास में उसके स्निग्ध रोएँ, झब्बेदार पूँछ और चंचल चमकीली आँखें सबको विस्मित करने लगीं।