राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 11, सार लेखन
धर्म आत्म-साक्षात्कार का मार्गदर्शन करता है, क्योंकि यह व्यक्ति को अपनी आत्मा की वास्तविकता और उद्देश्य से परिचित कराता है। धर्म हमें अपने भीतर की शक्ति, शांति और संतुलन को पहचानने का अवसर देता है। यह मनुष्य को अपने कर्मों, विचारों और भावनाओं का निरीक्षण करने के लिए प्रेरित करता है, जिससे वह अपने अस्तित्व के गहरे अर्थ को समझता है और जीवन में सच्ची स्वतंत्रता और संतोष प्राप्त करता है।
(i) धर्म की आड़ में लोग स्वार्थ सिद्ध करते हैं। (x)
(ii) लोगों ने धर्म को धोखे की दुकान बना दिया है। (x)
(iii) धर्म मनुष्य को आत्म-साक्षात्कार कराता है, उसके चरित्र को उन्नत करता है। (x)