राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 19, शतरंज के खिलाड़ी
“शतरंज के खिलाड़ी” कहानी का वातावरण उस समय की सामाजिक और राजनीतिक अस्थिरता को दर्शाता है, जहां व्यक्तिगत संघर्ष और सामाजिक जिम्मेदारियाँ महत्वपूर्ण थीं। मिर्जा का मानसिक द्वंद्व और उसकी शतरंज की आदतें उस युग की निराशा को उजागर करती हैं। आज का वातावरण अधिक प्रतिस्पर्धात्मक और तकनीकी है, जहां लोग भौतिक सुख-सुविधाओं के पीछे भागते हैं। हालांकि, आज भी मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक जुड़ाव की आवश्यकता बनी हुई है। दोनों समयों में, व्यक्ति को अपने भीतर के संघर्षों का सामना करना पड़ता है, जो मानवता की निरंतरता को दर्शाता है।
‘शतरंज के खिलाड़ी’ में व्यक्त वातावरण
19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में, जब यह कहानी आधारित है, भारतीय समाज में उच्च वर्ग के लोग विलासिता और शतरंज जैसे खेलों में समय व्यतीत करते थे। वे समाज की वास्तविक समस्याओं और जिम्मेदारियों से विमुख थे। मीर और मिरजा जैसे नवाब अपने आनंद में इतने लीन थे कि उन्हें देश की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति की कोई परवाह नहीं थी।
आज के वातावरण
आज के समाज में भी, हालांकि बहुत हद तक बदल चुका है, परन्तु विलासिता और आत्ममुग्धता के कुछ उदाहरण देखने को मिलते हैं। उच्च वर्ग और आर्थिक रूप से सम्पन्न लोग कभी-कभी अपने आराम और सुख-सुविधाओं में इतने लिप्त हो जाते हैं कि सामाजिक और राजनीतिक समस्याओं से कट जाते हैं। हालांकि, आज सामाजिक जागरूकता और सक्रियता बढ़ी है, फिर भी कुछ स्तर पर उदासीनता और स्वार्थपरता मौजूद है।