राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 4, आह्वान
कवि देशवासियों को आत्मबोध कराना चाहता है कि उन्हें अपने भाग्य के बजाय अपने कर्मों पर विश्वास करना चाहिए। वह प्रेरित करता है कि वे एकजुट होकर अपने देश की प्रगति में योगदान दें। हाँ, हमारे कुछ कर्तव्य हैं, जैसे कि शिक्षा का प्रचार, सामाजिक न्याय की स्थापना, और राष्ट्र की रक्षा करना। ये कर्तव्य हमें एक मजबूत और समृद्ध समाज बनाने में मदद करेंगे।
कवि देशवासियों को यह आत्मबोध कराना चाहता है कि वे एक महान राष्ट्र के नागरिक हैं, और उनका देश उनसे कुछ कर्तव्यों की अपेक्षा करता है। कवि देशवासियों को एकता, बंधुत्व और राष्ट्रप्रेम का संदेश देता है। वह उनसे आह्वान करता है कि वे देश के विकास और समृद्धि में योगदान दें।
देश के प्रति हमारे कर्तव्य:
राष्ट्रप्रेम: हमें अपने देश से प्रेम करना चाहिए और उसकी सेवा करने के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए।
राष्ट्रीय एकता: हमें जाति, धर्म, भाषा, और क्षेत्रीय भिन्नताओं से ऊपर उठकर देश की एकता बनाए रखनी चाहिए।
संविधान का पालन: हमें देश के संविधान का पालन करना चाहिए और उसके आदर्शों का सम्मान करना चाहिए।
कानून का पालन: हमें देश के कानूनों का पालन करना चाहिए और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
राष्ट्रीय संपत्ति की रक्षा: हमें राष्ट्रीय संपत्ति की रक्षा करनी चाहिए और उसका दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।
करों का भुगतान: हमें समय पर करों का भुगतान करना चाहिए।
मतदान: हमें चुनावों में मतदान कर अपना लोकतांत्रिक अधिकार निभाना चाहिए।
सामाजिक सद्भाव: हमें समाज में भाईचारा और सद्भाव बनाए रखने में योगदान देना चाहिए।
स्वच्छता: हमें अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखना चाहिए।
शिक्षा: हमें शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए और दूसरों को भी शिक्षित करने में मदद करनी चाहिए।
सांस्कृतिक विरासत: हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना चाहिए और उसे आगे बढ़ाना चाहिए।