राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 4, आह्वान
कवि देशवासियों को आत्मबोध कराना चाहता है कि उन्हें अपने भाग्य के बजाय अपने कर्मों पर विश्वास करना चाहिए। वह प्रेरित करता है कि वे एकजुट होकर अपने देश की प्रगति में योगदान दें। हाँ, हमारे कुछ कर्तव्य हैं, जैसे कि शिक्षा का प्रचार, सामाजिक न्याय की स्थापना, और राष्ट्र की रक्षा करना। ये कर्तव्य हमें एक मजबूत और समृद्ध समाज बनाने में मदद करेंगे।