कविता में पेड़ों के हजारों हजार हाथों के हिलने से अभिप्राय है- NIOS Class 10 Hindi Chapter 14
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 14, बूढ़ी पृथ्वी का दुख
कविता में “पेड़ों के हजारों हजार हाथों के हिलने” से अभिप्राय है कि पेड़ अपने पत्तों और शाखाओं को हिलाकर मानवीय भावनाओं और क्रियाओं का प्रदर्शन कर रहे हैं। यह एक मानवीकरण का उदाहरण है, जिसमें पेड़ों को जीवंत और संवेदनशील रूप में प्रस्तुत किया गया है। इस चित्रण से प्रकृति की सुंदरता, जीवन और उसकी गतिशीलता का अनुभव होता है, जो पाठक को एक गहरे संबंध और समझ प्रदान करता है।
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(ख) कविता में पेड़ों के हजारों हजार हाथों के हिलने से अभिप्राय है- रक्षा की गुहार लगाना।