Ganpati
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एड्स में- NIOS Class 10 Hindi Chapter 16

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0%(क) शरीर पर बड़े-बड़े रिसने वाले ज़ख़्म हो जाते हैं।
100%(ख) शरीर की प्रतिरक्षात्मक व्यवस्था कमजोर होने लगती है। ( 1 voter )
0%(ग) शरीर में प्रतिपिंडों की अधिकता हो जाती है।
0%(घ) शरीर की कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि हो जाती है।
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राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, कक्षा 10, हिंदी, अध्याय 16, अपना-पराया

एड्स, जिसका पूरा नाम एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम है, एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस) संक्रमण का अंतिम चरण है। यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है, जिससे व्यक्ति विभिन्न अवसरवादी संक्रमणों का शिकार बनता है। एचआईवी वायरस मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के रक्त, वीर्य, लार और अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के माध्यम से फैलता है। एड्स के लक्षणों में बुखार, थकान, वजन में कमी और बार-बार संक्रमण शामिल हैं। इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन एंटीरेट्रोवायरल दवाएँ संक्रमण को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं।

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  1. (ख) एड्स में शरीर की प्रतिरक्षात्मक व्यवस्था कमजोर होने लगती है।

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